कभी-कभी एक खबर झट से वायरल हो जाती है और हर कोई उसे सच्चा मान लेता है। अफवाहें सिर्फ ग़लत जानकारी नहीं हैं—ये भावनाओं और निर्णयों को प्रभावित करती हैं। यहां सरल तरीके हैं ताकि आप खुद तय कर सकें कि खबर भरोसे लायक है या नहीं।
सबसे पहले स्रोत देखिए। क्या खबर किसी आधिकारिक खाते, सरकारी पोर्टल या मान्य न्यूज़ एजेंसी से आई है? अगर सिर्फ सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट या अनाम वेबसाइट दिख रही है, तो सावधान होइए। उदाहरण के लिए, संजू सैमसन के आईपीएल छोड़ने की खबर जैसी अटकलें अक्सर आधिकारिक बयान के बिना फैलती हैं।
तारीख और संदर्भ जाँचिए—कभी-कभी पुरानी खबरें नए संदर्भ में फिर से चल जाती हैं। तस्वीरें या वीडियो भी पुरानी हो सकते हैं। रिवर्स इमेज सर्च और वीडियो के मेटाडेटा से पता चलता है कि सामग्री कहाँ और कब बनी थी।
भाषा और टोन देखिए—सनसनीखेज शब्द, कैप्टिवेटिंग कैप्शन और ‘‘शॉक्स’’ वाले टेक्स्ट वाली खबरें अक्सर अफवाह होती हैं। दावों के साथ ठोस डेटा, लिंक या आधिकारिक उद्धरण होना चाहिए।
1) आधिकारिक बयान खोजें: खिलाड़ी, संगठन या अधिकारी के आधिकारिक सोशल अकाउंट, प्रेस रिलीज या वेबसाइट पर पुष्टि देखिए। जैसे चहल-धनश्री तलाक मामले में उनके वकील के बयान ने कई अफवाहों को खंडित किया।
2) बहु-स्रोत पुष्टि: कम से कम दो भरोसेमंद स्रोतों से खबर मिलती है या नहीं, यह देखें। केवल एक ब्लॉग पर छपी बात को फैलाना जोखिमभरा है।
3) तस्वीर और वीडियो की जाँच: Google रिवर्स इमेज या TinEye का उपयोग करें। अक्सर वही क्लिप किसी पुराने इवेंट की होती है जिसे नया कैप्शन दे कर चलाया जाता है।
4) तर्क परखिए: क्या दावा असाधारण है? असाधारण दावे के लिए मजबूत सबूत चाहिए। बिना प्रमाण के बड़ी खबरों पर भरोसा न करें।
5) क्या साइट या अकाउंट नियमित रूप से गलत जानकारी देता रहा है? इतिहास देखें—कुछ पेज बार-बार अफवाह फैलाते हैं।
समाचार प्रारंभ पर हम अफवाहों को अलग टैग (अफवाहें) में रखते हैं ताकि पाठक समझ सकें कि ये अटकलें या अनौपचारिक सूचनाएँ हैं। जब किसी खबर की पुष्टि मिलती है, हम उसे अपडेट या सही कर देते हैं और पाठकों को स्पष्ट सूचना देते हैं।
आपki जिम्मेदारी भी मायने रखती है—किसी खबर को आगे भेजने से पहले 30 सेकंड रुककर ऊपर दिए तरीकों से जांच लें। अगर आपको कोई संदिग्ध खबर मिलती है, तो हमारे संपर्क पृष्ठ से रिपोर्ट भेजिए; हम जाँच कर सही जानकारी साझा करेंगे।
अफवाहें रोकने का सबसे आसान तरीका है: थोड़ा सवाल पूछना। किसने कहा? कब कहा? और क्यों कहा? यही तीन सवाल आपको झूठ और सच्चाई के बीच की दूरी दिखा देंगे।
समाचार प्रारंभ पर हम ऐसी खबरों पर पारदर्शिता बनाये रखते हैं—टैग, स्रोत और अपडेट साफ दिखते हैं। अगर आप चाहते हैं कि हम किसी खास दावे की जांच करें, तो हमें भेजें—हम इसे जांचकर आपको सच्चाई बताएँगे।
जेनिफर एनिस्टन और बराक ओबामा के बीच संभावित रोमांटिक संबंध की अफवाहों ने हर ओर दहशत फैला दी है। इन अफवाहों की जड़ें एक 2024 के टैब्लॉइड कहानी से जुड़ती हैं, जिसमें दावा किया गया था कि एनिस्टन और ओबामा एक रोमांटिक संबंध में हैं। हालांकि, एनिस्टन ने इन्हें 'पूरी तरह से असत्य' बताया है। ओबामा परिवार ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की है।