जब हम कैमरा ज़ूम, छवि को नज़दीक लाने या दूर करने की प्रक्रिया, चाहे वह फ़ोटोग्राफ़र हो या वीडियोग्राफ़र, सभी के लिये जरूरी तकनीक है. इसे अक्सर ज़ूमिंग कहा जाता है। ऑप्टिकल ज़ूम, लेंस की फोकल लंबाई बदलकर वास्तविक इमेज को बढ़ाने की विधि, जिससे क्वालिटी बरकरार रहती है और डिजिटल ज़ूम, सैंपल्ड पिक्सेल को सॉफ्टवेयर द्वारा बड़ा करने की तकनीक, जो अक्सर क्वालिटी में कमी लाती है दो मुख्य रूप हैं। कैमरा ज़ूम को समझने के लिए ये तीन घटक (ज़ूम, लेंस और सेंसर) आपस में जुड़े होते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं: कैमरा ज़ूम ऑप्टिकल ज़ूम को शामिल करता है, कैमरा ज़ूम को अच्छे सेंसर की जरूरत पड़ती है, और ऑप्टिकल ज़ूम इमेज की स्पष्टता को प्रभावित करता है। ये संबंध इस टैग पेज के नीचे आने वाले लेखों में और गहराई से दिखेंगे।
फ़ोटोग्राफी में ज़ूम का उपयोग करने वाले कई लोग यह नहीं समझ पाते कि लेंस का चयन कैसे तय होता है। फ़ोटोग्राफी, छवि को कैप्चर करने की कला और विज्ञान, जिसमें लाइट, कंपोज़िशन और तकनीकी सेटिंग्स शामिल हैं में ऑप्टिकल ज़ूम सेफली पॉर्ट्रेट, लैंडस्केप और स्पोर्ट्स शॉट्स को अलग-अलग दूरी से लिया जा सकता है। वहीं डिजिटल ज़ूम अक्सर मोबाइल कैमरों में मिलती है, जहाँ तेज़ शॉट्स के लिए सॉफ्टवेयर एन्हांसमेंट मदद करता है, लेकिन न्यूनतम पिक्सेल क्वालिटी रखी जाती है। वीडियो रिकॉर्डिंग में भी ज़ूम का प्रभाव समान है; लाइव स्ट्रीमिंग या फ़िल्म बनाने के दौरान ऑप्टिकल ज़ूम एक स्मूथ ट्रांजिशन देता है जबकि डिजिटल ज़ूम अक्सर फॉल्टी फ़्रेम बनाता है। इस टैग के तहत आप देखेंगे कि अलग-अलग डिवाइस—स्मार्टफ़ोन, DSLR, मिररलेस—में ज़ूम कैसे काम करती है और किस परिस्थिती में कौन-सा ज़ूम बेहतर है।
जब ज़ूम का उपयोग किया जाता है, तो कुछ तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखना ज़रूरी है। फोकल लंबाई जितनी बड़ी होगी, ज़ूम का रेंज उतना ही बड़ा मिलेगा, पर इससे लाइट की मात्रा कम हो सकती है, इसलिए अपर्चर को खोलना पड़ेगा। कम रोशनी में ऑप्टिकल ज़ूम के साथ इमेज स्टेबलाइज़र (IS) या ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइज़र (OIS) का उपयोग blurry शॉट्स को कम करता है। डिजिटल ज़ूम को सक्षम करने से पहले पिक्सेल की मूल रेज़ॉल्यूशन जांचें, क्योंकि हर पिक्सेल को बढ़ाने से नॉइज़ बढ़ जाता है। इन बातों को याद रखकर आप अपने शॉट्स में ज़ूम की ताकत को पूरी तरह उपयोग कर सकते हैं। नीचे की सूची में ऐसे टिप्स, लेंस रिव्यू और सेटिंग गाइड्स शामिल हैं जो आपके ज़ूम अनुभव को बेहतर बनाएँगे।
अब आप जानते हैं कि कैमरा ज़ूम का मूल सिद्धांत क्या है, कौन-कौन से प्रकार मौजूद हैं और फ़ोटोग्राफी व वीडियो में उनका क्या असर होता है। नीचे दी गई लेखों में आप पाएँगे: ऑप्टिकल ज़ूम वाले लेंस की तुलना, डिजिटल ज़ूम के लिए सॉफ्टवेयर टूल्स, स्मार्टफ़ोन कैमरा सेटिंग्स को ऑप्टिमाइज़ करने के ट्रिक्स, और विभिन्न परिस्थितियों में ज़ूम का प्रभावी उपयोग। इन संसाधनों को पढ़कर आप अपने कैमरा को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।
iPhone 17 Pro Max में डिस्प्ले ब्राइटनेस, बैटरी क्षमता, कैमरा ज़ूम और चार्जिंग गति में उल्लेखनीय सुधार हैं। नया वॉपर चैंबर कूलिंग और नारंगी रंग विकल्प भी जोड़े गए हैं। दोनों मॉडल का आकार और 6.9‑इंच स्क्रीन समान है। अपग्रेड का फैसला व्यक्तिगत उपयोग पर निर्भर करता है।