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करवा चौथ – सब कुछ जो जानना जरूरी है

जब भारतीय महिलाएँ करवा चौथ, एक पारिवारिक व्रत है जिसमें सूर्य देव की पूजा होती है और पति की लंबी आयु की कामना की जाती है मनाती हैं, तो यह सिर्फ एक दिन का सत्कार नहीं रहता। यह व्रत करवा चौथ सामाजिक बंधनों और आध्यात्मिक विश्वासों को जोड़ता है, जिससे परिवार में प्रेम और सुरक्षा की भावना मजबूत होती है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना, सवेरिया को जलाकर अष्टमौला पर चढ़ाना, और शाम को चंद्रमा के सामने प्रसाद रखना मुख्य रिवाज़ होते हैं। इन रिवाज़ों के पीछे कई कारण होते हैं – सूर्य के तेज़ी से जीवन में ऊर्जा आना और पति के स्वास्थ्य में सुधार। यही कारण है कि करवा चौथ को "सूर्य व्रत" भी कहा जाता है।

करवा चौथ का मुख्य तत्त्व व्रत, एक अनुशासन है जिसमें जल, भोजन और कुछ कार्यों से परहेज किया जाता है है, जो तनाव कम करता है और मन को शुद्ध करता है। व्रत को सफल बनाने के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं – सुबह जल्दी उठकर उबले हुए आलूबुखारे का सेवन, विशेष तरह की घी‑फैला पकाने की तैयारी और पूरे दिन जल का सेवन न करना। ये सभी कदम शरीर को डिटॉक्सिफ़ाई करते हैं और ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं। साथ ही, व्रत का एक सामाजिक पहलू भी है: परिवार के सदस्य मिलकर भोजन तैयार करते हैं, गीत गाते हैं और एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। इस सहयोगी माहौल से महिला शक्ति को नया उत्साह मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सूर्य देव, पति और संस्कृति का आपस में जुड़ाव

जैसे ही शाम आती है, महिलाएँ सूर्य देव, सूर्य की पूजा का प्रतीक, जिन्हें आरती और अर्घ्य से समर्पित किया जाता है को अष्टमौला पर चढ़ाते हैं, वही समय पति, विवाहित जीवन का सहयोगी और समर्थन करने वाला की लंबी आयु की कामना की जाती है। इस प्रकार करवा चौथ "सूर्य देव की पूजा" और "पति की सुरक्षा" को जोड़ता है, जिससे दो महत्वपूर्ण सामाजिक स्तंभ—परिवार और धर्म—साथे चलें। यह व्रत न सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि सामाजिक रिवाज़ों को भी जीवंत बनाता है, जिससे हर पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़ाव का एहसास होता है। इस प्रकार, करवा चौथ के दौरान किए गए सभी अनुष्ठान आपस में एक जटिल परंतु सुसंगत नेटवर्क बनाते हैं, जहाँ प्रत्येक क्रिया दूसरे को पूरक होती है।

आजकल के तेज़ जीवन में करवा चौथ को आधुनिक तरीकों से निभाने की भी सुविधा है। डिजिटल रेसेपी ऐप्स से जल्दी में सवेरिया की रेसिपी मिलती है, और ऑनलाइन कॅलेंडर में सही मुहूर्त की नोटिफ़िकेशन आती है। फिर भी मूल बात वही रहती है—रिवाज़, श्रद्धा और पति‑पत्नी के बीच का बंधन। नीचे आप देखेंगे कि हमारे संग्रह में कौन‑कौन से लेख इस विषय को विभिन्न पहलुओं से उजागर करते हैं: वेब‑वाइड रिवाज़, स्वास्थ्य लाभ, शुक्रवार‑शनिवार‑रात की तैयारियाँ और फोटोज़ के साथ करवा चौथ का संपूर्ण गाइड। इन लेखों को पढ़कर आप इस पावन व्रत को अपने जीवन में सही ढंग से शामिल कर सकते हैं।

10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ 2025 का चाँद उगने का समय दिल्ली‑मुंबई‑उज्जैन सहित कई शहरों में बताया गया, जिससे विवाहित महिलाएँ सही मुहूर्त में उपवास तोड़ सकें।