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कार्तिक पूर्णिमा: त्योहार का महत्व, रिवाज और भारत में इसकी पारंपरिक मनाया जाने की विधि

कार्तिक पूर्णिमा एक कार्तिक पूर्णिमा, हिंदू धर्म में कार्तिक माह की पूर्णिमा का त्योहार, जो दीपावली के बाद आता है और दीप प्रकाश, आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति का प्रतीक है. इसे कार्तिक दीपक, त्रिपुरा दीपक या कार्तिक दीप भी कहते हैं। यह दिन न सिर्फ दीपावली का अंत है, बल्कि एक नया आध्यात्मिक सफर शुरू करने का भी समय है।

इस दिन भगवान विष्णु, शिव और बुद्ध के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कई स्थानों पर यह दिन बुद्ध के महापरिनिर्वाण की याद में मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था, इसलिए सिख समुदाय इसे गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाते हैं। दीपावली, भारतीय त्योहार जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है और कार्तिक पूर्णिमा का पूर्ववर्ती उत्सव है के बाद यह त्योहार घरों में दीपक जलाने की परंपरा को जारी रखता है, लेकिन इस बार यह दीपक नदियों, तालाबों और मंदिरों के किनारे भी बहुत ज्यादा बुझाए जाते हैं।

कार्तिक माह, हिंदू पंचांग का एक पवित्र माह जिसमें त्योहारों का दौर शुरू होता है और जिसे भक्ति और तपस्या का माह माना जाता है के दौरान लोग शाम को नदियों के किनारे जाते हैं, दीप डालते हैं और प्रार्थना करते हैं। इस दिन बारह दीपक जलाने की आदत है — जो बारह राशियों का प्रतीक हैं। उत्तर भारत में इसे दीपक बरात के नाम से जाना जाता है, जबकि बंगाल में इसे कार्तिक दीप और दक्षिण भारत में त्रिपुरा दीपक कहते हैं। इस दिन घरों में गुरु की पूजा भी की जाती है, क्योंकि यह दिन ज्ञान और शिक्षा का भी प्रतीक है।

इस त्योहार का खास पहलू यह है कि यह न सिर्फ एक धार्मिक घटना है, बल्कि एक सामाजिक और पर्यावरणीय भावना को भी जगाता है। लोग नदियों के किनारे जाकर दीप डालते हैं, जिससे पानी को पवित्र बनाने का भाव रहता है। कुछ स्थानों पर इस दिन जल अभिषेक भी किया जाता है। आज के समय में भी यह रिवाज जीवित है — वाराणसी, उज्जैन, राजगीर और अयोध्या जैसे स्थानों पर लाखों दीप जलते हैं।

इस पृष्ठ पर आपको कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी ताज़ा खबरें, त्योहार की विधि, घर पर पूजा के आसान तरीके, और भारत के विभिन्न हिस्सों में इसकी अलग-अलग परंपराओं के बारे में जानकारी मिलेगी। कुछ लेख दीपावली के बाद के उत्सवों के तारीखों, मुहूर्त और शुभ घंटों को भी कवर करते हैं। यहाँ आपको ऐसे लेख मिलेंगे जो आपको इस त्योहार को समझने और उसे सही तरीके से मनाने में मदद करेंगे।

5 नवंबर, 2025 को गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के कारण पंजाब, ओडिशा और तेलंगाना सहित कई राज्यों में स्कूल और बैंक बंद रहेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने की सलाह दी है।