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मतदाता गाइड: पंजीकरण से मतदान तक जो आपको चाहिए

चुनाव में वोट देना आसान लग सकता है, पर छोटे-छोटे कदम जानना जरूरी है ताकि मतदान में दिक्कत न हो। यहाँ सीधी और उपयोगी जानकारी मिल जाएगी — पंजीकरण कैसे करें, किस दस्तावेज़ की ज़रूरत है, और मतदान के दिन क्या करना है।

मतदाता पंजीकरण और पहचान

सबसे पहले अपनी वोटर सूची में नाम होना ज़रूरी है। NVSP (National Voters' Service Portal) या अपने राज्य के CEO की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम चेक करें। अगर नाम नहीं है, तो Form-6 भरकर नई एनरोलमेंट कर सकते हैं। नाम में बदलाव या पता बदलने के लिए Form-8/Form-7 उपयोग होता है।

वोटर ID (EPIC) सबसे आम पहचान है, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा मान्य अन्य दस्तावेज़ भी चले जाते हैं — जैसे पासपोर्ट, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र। वोट देने से पहले अपने साथ प्रमाण पत्र रखना मत भूलिए। फोटोकॉपी लेकर रखना भी सहायक होता है।

मतदान के दिन: कदम-दर-कदम

वोटिंग डे पर मतदान केंद्र का पता और समय पहले से जान लें। मतदान आमतौर पर सुबह 7 बजे से शाम तक चलता है, पर समय स्थानीय तौर पर बदल सकता है। पंक्ति में अपने नाम का पता लगवाते समय मतदान कर्मी से कहा जाता है कि आपका नाम देखें और बायोमेट्रिक/स्वीकृति के बाद आपको मतपत्र दें।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT आम हैं — वोट डालना सीधा है: अपने पसंदीदा उम्मीदवार के सामने दिए गए बटन पर दबाएँ। मतदान के बाद आपके अंगुली पर स्याही लग सकती है जो यह दिखाती है कि आपने वोट दे दिया। पोलिंग बूथ के भीतर फोटो लेना या प्रचार सामग्री रखना मना होता है—यह नियम का उल्लंघन है।

यदि आप दिव्यांग हैं, बुजुर्ग हैं या किसी परिस्थिति में असमर्थ हैं तो मतदान केंद्र पर सहायताकार मौजूद होते हैं। अग्रिम जानकारी के लिए अपने ब्लॉक या नगर पालिका कार्यालय से संपर्क करें। कुछ मामलों में गृह सेवक या चुनाव कार्य में लगे लोग पोस्टल बैलेट के लिए पात्र होते हैं — किसी विशेष परिस्थिति में पोस्टल बैलेट के विकल्प के बारे में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर देखें।

मतदान से पहले अपनी पसंद पर बात करने के लिए परिवार या मित्रों से खुलकर चर्चा करें, पर मतदान केंद्र पर दबाव या प्रेरित करना गलत है। समय पर पहुंचें ताकि लंबी कतार से बचें। भीड़ वाले समय में सुरक्षा और शांति बनाए रखना आपका भी कर्तव्य है।

अगर मतदान के दौरान कोई समस्या आती है—जैसे नाम नहीं मिलना, पहचान न मानना, या मतदान केंद्र पर बाधा—तो तुरंत उस बूथ के अधिकारी या जिला निर्वाचन कार्यालय से शिकायत करें। निर्वाचन आयोग के हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन शिकायत फॉर्म आपके काम आ सकते हैं।

अंत में, वोट देना सिर्फ एक अधिकार नहीं, यह जिम्मेदारी भी है। सही जानकारी लेकर, समय पर पंजीकरण कर के और मतदान के नियम जान कर आप अपने वोट का असर बढ़ा सकते हैं। किसी भी संदेह की स्थिति में आधिकारिक स्रोत—चुनाव आयोग या आपके स्थानीय CEO—से जानकारी लें।

लोकसभा चुनाव 2024 में वोट देने के लिए वोटर स्लिप एक अनिवार्य दस्तावेज है। यह लेख मतदाताओं को ऑनलाइन अपनी वोटर स्लिप डाउनलोड करने के लिए एक आसान चरण-दर-चरण गाइड प्रदान करता है। निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर और आवश्यक विवरण दर्ज करके, नागरिक आसानी से अपनी वोटर स्लिप प्राप्त कर सकते हैं।