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रियल एस्टेट: खरीदें, बेचें या निवेश करें — क्या करें और क्यों?

रियल एस्टेट में निर्णय लेने से पहले एक साफ नजर रखें। क्या आप पहली बार घर खरीद रहे हैं या निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी देख रहे हैं? यहाँ सीधे, काम के योग्य सुझाव हैं जो समय और पैसा बचाएंगे।

खरीदार के लिए चेकलिस्ट

सबसे पहले लोकेशन पर ध्यान दें। दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में कीमतें अलग रफ्तार से बढ़ती हैं। नज़दीकी स्कूल, अस्पताल, मेट्रो/सड़क कनेक्टिविटी और किराया मांग पर असर डालते हैं।

दूसरा, प्रोजेक्ट की RERA और अन्य जरूरी मंज़ूरी देखें। रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में खरीद करना मुश्किलों को काफी कम कर देता है। प्रॉपर्टी का टाइटल सर्च और एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट जरूर जांचें। विक्रेता के कागज़ साफ हों तो विवाद कम होते हैं।

तीसरा, फाइनेंसिंग पहले फाइनल करें। बैंक से प्री-अप्रोवल लेने पर न केवल बजट साफ होता है बल्कि निपटारा भी तेज होता है। EMI कैलकुलेटर से अलग-अलग शर्तों का असर देखें — डाउन पेमेंट, ब्याज दर और टेन्योर का प्रभाव तय करें।

चौथा, डिलीवरी टाइमलाइन और कब्ज़ा शर्तें समझें। न्यू-लॉन्च प्रोजेक्ट में डिले होने पर डेले क्लॉज़ देखें — कम्पनसेशन कैसे मिलेगा। रेज़ेल प्रॉपर्टी में पब्लिक रिकॉर्ड और करों का हिसाब जरूर लगाएँ।

निवेशक के लिए सरल सुझाव

निवेश करने से पहले किराये की रिटर्न और कैपिटल एप्रीसिएशन दोनों देखें। रेंटल यील्ड यदि कम है तो लिक्विडिटी और टैक्टिकल बढ़त पर ध्यान दें। छोटे फ्लैट शहरों में जल्दी किराए पर जाते हैं, जबकि बड़े अपार्टमेंटों की रिकवरी धीमी हो सकती है।

कम जोखिम के लिए मिक्स्ड पोर्टफोलियो रखें: कुछ रेजिडेंशियल, कुछ कमर्शियल और अगर संभव हो तो प्लॉट्स। कमर्शियल प्रॉपर्टी में रिटर्न बेहतर हो सकती है लेकिन मैनेजमेंट की ज़रूरत अधिक रहती है।

टैक्स बेनेफिट न भूलें: होम लोन पर ब्याज और प्रिंसिपल पर कर छूट मिलती है। किराये पर दी गई प्रॉपर्टी का टैक्स और डिप्रीसिएशन के नियम अलग होते हैं, इसलिए सालाना कर योजना बनाकर रखें।

बाजार का मूड समझने के लिए लोकल ब्रोकर्स और ऑन-लाइन लिस्टिंग दोनों देखें। ऑफर, डिस्काउंट और बिल्डर के कैशबैक तर्कसंगत हैं या नहीं — हमेशा डॉक्यूमेंटेड ऑफर मांगें।

अंत में, भावनात्मक फैसला न लें। घर खरीदना दिल से भी जुड़ा होता है लेकिन निवेश में ठंडे दिमाग से सोचें। छोटी-सी चेकलिस्ट और वकील से करीब 30 मिनट की सलाह अक्सर बड़ी मुश्किलें टाल देती है।

अगर आप किसी स्पेसिफिक शहर या स्कीम पर जानकारी चाहते हैं, तो बताइए — हम लोकल रुझान, कीमतें और वित्त विकल्प साथ में देख लेंगे।

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