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सायबर आतंकवाद: खतरे, संकेत और खुद की सुरक्षा कैसे करें

अगर कोई बड़ी साइटें अचानक बंद हो जाएँ, बिजली या पानी जैसी सेवाएँ रुक जाएँ, या अस्पतालों का सिस्टम हैक हो जाए — तो यह सायबर आतंकवाद की तरफ इशारा कर सकता है। सायबर आतंकवाद का मकसद सिर्फ डाटा चुराना नहीं, बल्कि भय फैलाकर सार्वजनिक व्यवस्था और अहम ढाँचों (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को बाधित करना होता है।

सायबर आतंकवाद क्या है — सीधे शब्दों में

सायबर आतंकवाद वह हमला है जिसमें हैकर्स नेटवर्क, सर्वर, इंडस्ट्रियल कंट्रोल सिस्टम या सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर के बड़े पैमाने पर नुकसान या डर पैदा करते हैं। उदाहरण: रैनसमवेयर से अस्पताल के रोगियों की रिपोर्ट लॉक कर देना, बिजली ग्रिड पर हमला कर पावर कट कराना, या बैंकिंग सिस्टम को ठप कर देना।

भारत में गंभीर सायबर अपराधों को IT Act की धाराएँ और कुछ मामलों में Section 66F (सायबर आतंकवाद संबंधी प्रावधान) के तहत देखा जाता है। बड़ी घटनाओं की जांच राष्ट्रीय एजेंसियाँ और स्थानीय साइबर सेल मिलकर करती हैं; CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) भी तकनीकी मदद देता है।

कौन-से संकेत बताते हैं कि कुछ गलत हो रहा है?

समान संकेत जल्दी पहचान लें तो नुकसान कम हो सकता है: सिस्टम अचानक सुस्त चलना, फाइलें एन्क्रिप्ट या .locked जैसे एक्सटेंशन दिखना, अनजान यूजर अकाउंट बनना, नेटवर्क ट्रैफिक में अचानक उछाल, और महत्वपूर्ण सेवाओं का बार-बार डाउन होना। यदि आपके पास IoT डिवाइस हैं तो उनका असामान्य व्यवहार भी चेतावनी है।

याद रखें: हर हैक बड़ा हमला नहीं होता, पर छोटा संकेत बड़ी समस्या की शुरुआत हो सकता है।

अब असल काम — कैसे बचें और अगर हमला हुआ तो क्या करें।

तुरंत करने योग्य कदम और रिपोर्ट तरीका

1) अपडेट रखें: ऑपरेटिंग सिस्टम, एप और राउटर फर्मवेयर हमेशा अपडेट रखें। पुराने सॉफ्टवेयर अक्सर लक्ष्य बनते हैं।

2) मजबूत पासवर्ड और MFA: पासवर्ड लंबा रखें और जहां सम्भव हो मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें।

3) नियमित बैकअप: जरूरी फाइलों का ऑफलाइन और क्लाउड दोनों जगह बैकअप रखें। रैनसमवेयर होने पर इससे बहुत फर्क पड़ता है।

4) नेटवर्क अलग करें: ऑफिस में आईओटी/गेस्ट और महत्वपूर्ण सिस्टम अलग नेटवर्क पर रखें ताकि फैलाव कम हो।

5) ट्रेनिंग और फिशिंग चेतावनी: कर्मचारियों को फिशिंग ईमेल और संदिग्ध लिंक पहचानना सिखाएं। एक क्लिक अक्सर बड़ा नुकसान कर देता है।

6) अगर हमला हो गया: संक्रमित डिवाइस को तुरंत नेटवर्क से अलग कर दें, लॉग्स सुरक्षित रखें, बैकअप से सिस्टम बहाल करने की कोशिश करें और पुलिस/साइबर सेल तथा CERT-In को रिपोर्ट करें। महंगी पॉलिसी लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें; अक्सर रैनसम देने से समस्या बढ़ सकती है।

अगर आप स्थानीय व्यवसाय या घर के स्तर पर सुरक्षा बढ़ाना चाहते हैं तो सस्ती लेकिन असरदार चीजें भी बहुत काम आती हैं — राउटर का पासवर्ड बदलें, फर्मवेयर ऑटो-अपडेट रखें, और केवल भरोसेमंद ऐप ही इंस्टॉल करें।

सायबर आतंकवाद रोकना केवल तकनीक नहीं, लोगों की सजगता भी है। छोटे-छोटे कदम आज उठाएँ, बड़े संकट टालें।

Special Ops 2 की रिलीज डेट आगे बढ़ाकर 18 जुलाई 2025 कर दी गई है। केके मेनन फिर से रॉ एजेंट के रोल में डिजिटल खतरों से जूझते नजर आएंगे। इस बार कहानी में सायबर आतंकवाद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को फोकस किया गया है। शो जियोहॉटस्टार पर विभिन्न भाषाओं में स्ट्रीम होगा।