तलाक एक बड़ा कदम है और अक्सर भावनात्मक, कानूनी और आर्थिक दोनों तरह की चुनौतियाँ लेकर आता है। अगर आप तलाक के बारे में सोच रहे हैं या प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, तो सही जानकारी होना जरूरी है। नीचे आसानी से समझने लायक तरीके दिए हैं जिनसे आप कदम-दर-कदम आगे बढ़ सकते हैं।
आम तौर पर भारत में तलाक दो तरह का होता है: म्यूचुअल कंसेंट (सहमति से) और कंटेस्टेड (विवादित)। म्यूचुअल कंसेंट में दोनों पक्ष सहमत होकर कोर्ट में दायर करते हैं — यह सबसे तेज और कम झंझट वाला रास्ता होता है। कंटेस्टेड केस तब बनता है जब पार्टनर किसी शर्त से सहमत नहीं होता; ऐसे मामलों में सबूत, गवाह और लंबी सुनवाई हो सकती है।
ध्यान दें: अलग-अलग धर्मों पर अलग कानून लागू होते हैं — हिंदू शादी पर Hindu Marriage Act, इंटर-रिलीजन शादी पर Special Marriage Act, और मुस्लिम मामलों में अलग प्रावधान होते हैं। पर सामान्य तौर पर कोर्ट हमेशा बच्चे के हित को प्राथमिकता देता है।
सबसे पहले बात करें कि आप क्या-क्या तैयार रखें। कोर्ट में जाने से पहले ये चीजें आसान बनाती हैं:
अलिमनी और मेंटेनेंस: आम तौर पर कोर्ट पार्टनर को आर्थिक सहायता देने का आदेश दे सकती है — यह अस्थायी या स्थायी हो सकता है। बच्चे का खर्च अलग होता है और उनकी शिक्षा-स्वास्थ्य सर्वोपरि माना जाता है।
कस्टडी: मां को अक्सर प्राथमिकता मिलती है, खासकर छोटे बच्चों के मामले में, पर कोर्ट बच्चे के भले के हिसाब से निर्णय करता है—आर्थिक क्षमता, रहने का माहौल और रिश्ते सब देखे जाते हैं।
मेडिएशन को आजकल कोर्ट भी प्रोत्साहित करता है—अगर संभव हो तो आप दोनों एक तटस्थ मध्यस्थ के साथ सुलह कर लें। इससे समय, पैसे और तनाव दोनों बचते हैं।
अंत में, कुछ निचले स्तर की सलाह: सबसे पहले शांत रहें, अपने दस्तावेज़ रखें, एक भरोसेमंद वकील से परामर्श लें और बच्चों की भलाई को सर्वोपरि रखें। क्या परामर्श से मामला सुलझ सकता है? अगर हां, तो कोशिश करें; वरना कोर्ट की प्रक्रिया समझकर कदम बढ़ाएँ।
अगर आप चाहें तो मैं यहां कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके छोटे-छोटे जवाब भी दे सकता/सकती हूँ—क्या आप चाहेंगे?
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा तलाक की प्रक्रिया में हैं। वकील अदिति मोहन ने मीडिया से अपील की है कि वे खबरों की सही जानकारी की पुष्टि करें। अलिमनी की अफवाहें झूठी बताई गई हैं। दोनों ने शादीशुदा जीवन में समरसता की कमी के कारण अलग होने का निर्णय लिया।