आईपीओ (Initial Public Offering) का मतलब है कि कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती है। इससे कंपनी को fund मिलता है और निवेशकों को शुरुआती स्तर पर हिस्सा खरीदने का मौका। लेकिन नए आईपीओ में अवसर के साथ जोखिम भी रहता है—लाभ का मौका भी है और नुकसान का खतरा भी।
आसान भाषा में सोचिए: कंपनी अपनी कहानी और नंबर दिखाकर कहती है, "हम बड़े हैं, हम बढ़ेंगे, इस क़ीमत पर हमारे साथ जुड़ो।" आप उसी कहानी और रिकॉर्ड को देखकर फैसला करेंगे।
1) RHP/DRHP पढ़ें: रजिस्टर्ड प्रॉस्पेक्टस (RHP) में कंपनी की कमाई, कर्ज़, जोखिम और प्रबंधन की जानकारी मिलती है। इसे बिना पढ़े निवेश मत कीजिए।
2) ASBA/ब्रोकर से आवेदन करें: बैंकिंग चैनल ASBA या आपका ऑनलाइन ब्रोकरेज ऐप इस्तेमाल करें। अब कई आईपीओ में UPI विकल्प भी मिलता है ताकि पेमेंट आसान रहे।
3) कीमत और बैंड देखें: बुक-बिल्डिंग इश्यू में प्राइस-बैंड दिया जाता है। आप उस बैंड में कितने शेयर लेना चाहते हैं, तय करें।
4) कोटा समझें: आम तौर पर रिटेल निवेशकों (RII) के लिए अलग कोटा होता है — यही जगह छोटी राशियों के लिए सबसे उपयुक्त है।
1) वैल्यूएशन देखिए: कंपनी के मुनाफे और रिवेन्यू के हिसाब से कीमत सही है या नहीं। उदाहरण के लिए, डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स का आईपीओ 27 दिसंबर 2024 को सूचीबद्ध हुआ; इश्यू प्राइस ₹283 था और लिस्टिंग पर शेयर लगभग ₹393 पर आए—यह स्ट्रोंग डेब्यू का उदाहरण है।
2) सब्सक्रिप्शन और ऑलॉटमेंट: कई आईपीओ ओवरसब्सक्राइब हो जाते हैं और सबको शेयर नहीं मिलते। डीएएम कैपिटल का आईपीओ 82.08 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ था — मतलब खुदरा निवेशकों को अलॉटमेंट कम मिला होगा।
3) ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): यह अनौपचारिक संकेत है कि लिस्टिंग पर कितना प्रीमियम मिल सकता है। पर यह केवल संकेत है, गारंटी नहीं।
4) रिस्क मैनेज करें: सिर्फ "हाई लिस्टिंग" की उम्मीद पर न जाएं। कंपनी की फंडामेंटल्स, मैनेजमेंट और मार्केट कंडीशन देखें।
आईपीओ में नया निवेशक हड़बड़ी में फैसले न ले—धीरे-धीरे जानकारी इकट्ठा करें। प्रोस्पेक्टस पढ़ना, कंपनी के पिछले तीन साल के फाइनेंशियल्स देखना और ब्रोकर से सवाल पूछना सबसे अच्छे कदम हैं। अगर आपको डीएएम जैसे हालिया उदाहरणों को और देखना है, तो हमारी साइट पर IPO टैग के तहत संबंधित खबरें पढ़िए और वैल्यूएशन, सब्सक्रिप्शन रिपोर्ट और लिस्टिंग नोट्स देखिए।
यदि आप छोटे निवेश से शुरू करते हैं और रिस्क कंट्रोल रखते हैं, तो आईपीओ अवसर दे सकता है। पर याद रखें—हर आईपीओ हिट नहीं होता। समझदारी और धैर्य ही कामआने वाली चीजें हैं।
नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ तीसरे दिन 1.70 गुना सब्सक्राइब हुआ है। शेयरों के इस प्रारंभिक विक्रय ने उत्पन्न की गई निधियों के साथ कंपनी की योजना 2,200 करोड़ रुपये जुटाने की है। आज निवेश का अंतिम दिन है और परिणामस्वरूप कंपनी के शेयरों की सूचीबद्धता संभावित रूप से बीएसई और एनएसई पर होगी।