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बजट 2024 — आपकी जेब पर क्या असर?

बजट सुनते ही सवाल उठते हैं: टैक्स कम हुआ या बढ़ा? सरकारी खर्च किस सेक्टर में बढ़े? ये सब बातें सीधे आपकी रोज़मर्रा की जिंदगियों और बचत पर असर डालती हैं। यहाँ मैं सरल भाषा में बताऊँगा कि बजट 2024 के अहम संकेत क्या हैं और आप तुरंत क्या कर सकते हैं — बिना जटिल शब्दों के।

बजट 2024 के प्रमुख संकेत

हर बजट में तीन चीजें सबसे ज़्यादा मायने रखती हैं — कर नीति, सार्वजनिक खर्च (जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, एजुकेशन) और आर्थिक संकेतक (जैसे घाटा व सरकारी उधार)। अगर कर नियमों में बदलाव हैं तो सीधे इनकम टैक्स और बचत योजनाओं पर असर पड़ेगा। यदि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और लोकल प्रोजेक्ट्स में पैसा बढ़ाती है तो कामकाजी लोगों को रोजगार और छोटे कारोबारों को काम मिल सकता है। स्वास्थ्य और शिक्षा पर बढ़ी हुई आवंटन भावी पीढ़ियों और घरेलू खर्च को प्रभावित कर सकती है।

बजट का भाषण पढ़ें और बजट ब्रीफ देखें — ये दो स्रोत सबसे तेज़ी से समझाते हैं कि देश की प्राथमिकताएँ क्या हैं। साथ ही प्राइमरी संकेत जैसे पूंजीगत खर्च में वृद्धि, कर छूट की संभावनाएँ या सब्सिडी के बदलाव आपके लिये मायने रखते हैं।

आप क्या कर सकते हैं — आसान कदम

पहला कदम: अपना टैक्स-पोज़िशन चेक करें। आयकर छूटों और कटौतियों में अगर कोई बदलाव हुआ है तो साल के बचे हुए महीनों में आप अपनी निवेश रणनीति बदल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, 80C और NPS जैसी योजनाओं में निवेश पर दी जाने वाली छूटों की जानकारी लेकर फैसला लें।

दूसरा कदम: खर्च और EMI का रीव्यू करें। अगर बजट के बाद ब्याज दरों या सब्सिडी में बदलाव आया है तो होम लोन या व्यक्तिगत कर्ज की रणनीति बदलना ज़रूरी है। छोटे-छोटे खर्च काटकर आप टैक्स-सेविंग निवेश में पैसा डाल सकते हैं।

तीसरा कदम: निवेशकों के लिए — सेक्टरल अलोकेशन पर ध्यान दें। सरकार का फोकस किस सेक्टर पर है — इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, टेक्नोलॉजी या फार्मा — वही सेक्टर अल्पावधि में मौकों के संकेत दे सकते हैं। पर याद रखें, हर निर्णय से पहले अपना रिस्क प्रोफ़ाइल देखें और छोटी राहत के चक्कर में लंबी अवधि की योजना मत बदलें।

चौथा कदम: छोटे व्यवसाय और फ्रीलांसर — यदि बजट में MSME या टैक्स रूल्स बदले हैं तो अपनी इनवॉइसिंग और जीएसटी तैयारी अपडेट करें। सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की लिस्ट चेक करिए; कई बार छोटे लाभ के लिए सरल रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है।

अंत में एक सिंपल चेकलिस्ट: आधिकारिक बजट दस्तावेज पढ़ें, अपने टैक्स कंसल्टेंट से जल्दी बात करें, बचत-निवेश का सालाना लक्ष्य अपडेट करें और जरूरी कागजात संभाल कर रखें। बजट खबरों पर तुरंत प्रतिक्रिया करने की बजाय समझकर, योजना बनाकर कदम उठाएँ। इससे आपकी जेब पर पड़ने वाला असर कम और फायदा ज़्यादा होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई, 2024 को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया, जिसमें FY25 में 6.5-7% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। सर्वेक्षण में निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र और राज्य सरकारों की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। बजट पूर्व अपेक्षाओं में वित्तीय अनुशासन, वृद्धि पहलकदमी और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई है।

बजट 2024 में शिक्षा के लिए आवंटन और शिक्षा विदों की अपेक्षाएं चर्चा का मुख्य विषय है। समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.76% अधिक है। वहीं, आईआईटी के लिए आवंटन में कमी आई है। शिक्षा विदों का कहना है कि शिक्षा पर अधिक खर्च होना चाहिए, जिससे अनेक चुनौतियाँ हल की जा सकें।