भारत सरकार ने बजट 2024 में शिक्षा के लिए जो धनराशि आवंटित की है, उस पर शिक्षा विदों की गहरी नजर है। समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के 33,000 करोड़ रुपये की तुलना में 12.76% अधिक है। यह कार्यक्रम प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण है और इसमें सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, और शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम जैसे योजनाएं सम्मिलित हैं।
दूसरी ओर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए आवंटन में कमी आई है। जहां पिछले वित्तीय वर्ष में आईआईटी को 10,384 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, वहीं इस बार यह राशि घटकर 10,324 करोड़ रुपये हो गई है। इस कमी पर शिक्षा विदों ने नाराजगी जताई है।
सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल्स के समूह निदेशक कनक गुप्ता ने बताया है कि शिक्षा के आवंटन को 6% और उससे अधिक बढ़ाने की जरूरत है। ऐसा करने के लिए 1.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की आवश्यकता होगी। गुप्ता ने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को कक्षाओं में सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अधिक धनराशि की जरूरत है।
वर्तमान में, भारत में 29% विकलांग बच्चे स्कूलों में नामांकित नहीं हैं और यहाँ के हर साठ-अठासठ छात्रों में से एक को किसी न किसी प्रकार की शिक्षण चुनौती होती है। इस तरह की समस्याओं का समाधान करने के लिए बजट में अधिक धनराशि आवंटित करना अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने स्कूलों में योजना बनाने की दिशा में काफी प्रगति की है। शिक्षा विदों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री शिक्षण कक्षाओं में नयी नवाचारशील प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के अवसर प्रदान करेंगे। इससे शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए अधिक बजट आवंटन की जरूरत है। बुनियादी सुविधाओं में सुधार, शिक्षकों की प्रशिक्षण, और नवीनतम तकनीकी साधनों के उपयोग के लिए इसे आवश्यक माना जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी योगदान होगा।
देश के शिक्षा विदों को उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार इन सभी अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के बजट को और बढ़ाएगी और आवश्यक सुधारों को अमल में लाएगी। इससे नए भारत की नींव रखी जा सकेगी, जो ज्ञान और तकनीक में समृद्ध हो।
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