जब हम बिना हैंडशेक नीति, एक ऐसा सामाजिक प्रोटोकॉल जो व्यक्तिगत संपर्क को कम करके संक्रमण का जोखिम घटाता है. यह नीति अक्सर हैंडशेक‑फ्री एप्रोच के नाम से भी जानी जाती है, तो इसका असर हमारे रोज‑मर्रा के जीवन में कैसे दिखता है? सरल शब्दों में, यह न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है, बल्कि व्यावसायिक और राजनयिक माहौल में भी नई आदतें बनाता है।
पहला संबंध जो हमें समझना चाहिए वह सार्वजनिक स्वास्थ्य, समुदाय की औसत स्वास्थ्य स्थिति और रोग नियंत्रण का समग्र क्षेत्र से है। जब सामाजिक दूरी का पालन किया जाता है, तो वायरस के प्रसार की संभावना घटती है; यही कारण है कि बिना हैंडशेक नीति को कई देशों की स्वास्थ्य नीतियों में शामिल किया गया है। इस नीति ने अस्पतालों, स्कूलों और कार्यालयों में हाथ मिलाने की जगह ‘हाथों को नमस्कार’ या ‘गुड बाय’ जैसे वैकल्पिक अभिवादन को लोकप्रिय बना दिया।
दूसरा प्रमुख एंटिटी वैकल्पिक अभिवादन, हाथ मिलाने के बजाय इस्तेमाल किए जाने वाले सांस्कृतिक या व्यावहारिक बधाई के रूप हैं। इनमें सिर हिलाना, विंक करना, या सरल हाथ उठाना शामिल है। ऐसी आदतें राजनयिक बैठकों में भी अपनाई जा रही हैं – देखें कि कैसे विदेशियों के बीच बिना हैंडशेक नीति ने नई शिष्टाचार का निर्माण किया है। इसी तरह, डिजिटल साइनैचर, इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने की तकनीक ने व्यापारिक लेन‑देनों को बिना शारीरिक संपर्क के सुरक्षित किया है। इस तकनीक के बारे में अक्सर कहा जाता है कि "डिजिटल साइनैचर बिना हाथ मिलाए अनुबंध को संभव बनाता है", जो बिना हैंडशेक नीति के उद्देश्य से पूरी तरह मेल खाता है।
तीसरा उल्लेख योग्य एंटिटी सामाजिक दूरी, सुरक्षित अंतर बनाए रखना ताकि रोगों का प्रसार कम हो है। सामाजिक दूरी का सिद्धांत ही बिना हैंडशेक नीति का मूल आधार है। कई बड़े इवेंट – जैसे खेल प्रतियोगिताएँ, कॉन्फ़्रेंस और संगीत समारोह – में अब दर्शकों को एक दूसरे से कम से कम दो मीटर की दूरी रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं। यह नियम न केवल कोविड‑19 के बाद बल्कि भविष्य में संभावित महामारी के लिए एक तैयार उपाय बन गया है।
इन चार एंटिटी (बिना हैंडशेक नीति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक दूरी, वैकल्पिक अभिवादन, डिजिटल साइनैचर) के बीच स्पष्ट संबंध है: बिना हैंडशेक नीति सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने, सामाजिक दूरी को लागू करने, वैकल्पिक अभिवादन अपनाने और डिजिटल साइनैचर की मदद से व्यावसायिक संचालन जारी रखने के लिए एक समग्र फ्रेमवर्क प्रदान करती है। यह फ़्रेमवर्क राजनीति, खेल, व्यापार और दैनिक जीवन में समान रूप से कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, राजनीति में नेताओं के बीच हाथ मिलाने की पुरानी परंपरा अब ‘बिना हैंडशेक नीति’ के कारण बदल रही है, जबकि क्रिकेट में टीमों ने भी ग्रिप‑फ्री जेस्टर्स अपनाए हैं।
हमारे संग्रह में कई लेख इस नीति के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से दिखाते हैं। आप पढ़ेंगे कि कैसे बिसौली के भरतपुर में किसानों की सुरक्षा, मुंबई में भारी बारिश के दौरान राहत प्रयास, और आईबीपीएस भर्ती जैसी सरकारी योजनाओं में भी गैर‑स्पर्शीय प्रक्रियाओं ने सुविधा बढ़ाई है। इन लेखों को पढ़कर आप समझ पाएँगे कि बिना हैंडशेक नीति सिर्फ एक सिद्धान्त नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में लागू किया गया एक व्यावहारिक उपाय है। आगे नीचे दी गई सूची में इस नीति से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों की ताज़ा खबरें और विश्लेषण उपलब्ध हैं।
हर्मनप्रीत कौर ने टॉस में फातिमा सना को नज़र नहीं मिलाई, भारत के महिला क्रिकेट ने कोलंबो में बिना हैंडशेक नीति बरकरार रखी, जिससे राजनीतिक तनाव जारी रहा।