ऊपर
हर्मनप्रीत कौर ने टॉस में फातिमा सना को नज़र नहीं मिलाई, बनी बिना हैंडशेक नीति
अक्तू॰ 6, 2025
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

जब हर्मनप्रीत कौर, भारत महिला क्रिकेट टीम की कप्तान ने टॉस समारोह में फातिमा सना को नज़र नहीं मिलायी, तो दर्शकों ने आश्चर्य जताया। बिना हैंडशेक नीति का यह कड़ाकेदार प्रदर्शन कोलंबो में हुए ICC Women's World Cup 2025 के मुख्य आकर्षण बन गया।

पृष्ठभूमि: बिना हैंडशेक नीति की उत्पत्ति

यह नीति मूल रूप से बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) ने 2023 के एशिया कप में भारतीय पुरुष टीम के लिए लागू की थी। उस समय डेविड सिका, BCCI के सचिव ने स्पष्ट किया था कि भारत‑पाकिस्तान की किसी भी मुलाक़ात में खिलाड़ी पारस्परिक सौहार्द नहीं दिखाएंगे, चाहे वह टॉस हो या मैदान के बाहर। यह कदम राजनीतिक तनाव को खेल में सीधे लाने का एक सिंबल माना गया।

जैसे ही महिला टीम ने इस दिशा‑निर्देश को अपनाया, सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह नीति दोहराई गई। इसलिए, कोलंबो में इस विश्व कप में भी वही नियम बरकरार रहे।

कोलंबो में विश्व कप मैच: टॉस पर तनाव

मैच 19 जुलाई 2025 को कोलंबो के रॉबिन सॉंडर्स स्टेडियम में आयोजित हुआ। ICC Women's World Cup 2025कोलंबो के इस चरण में भारत और पाकिस्तान की महिला टीमें टॉस के लिए एक ही मंच पर आईं, लेकिन दो कप्तानें एक-दूसरे से लगभग एक मीटर की दूरी पर खड़ी रहीं।

हर्मनप्रीत ने टॉस का अधिकार ले लिया, जबकि फातिमा ने मौन में अपना कपड़े समेटे रहे। कोई हाथ मिलाने का जश्न नहीं, कोई मुस्कान नहीं, बस एक तीखा मौन जो दर्शकों को झकझोर गया। इस क्षण को कई कैमरों ने कैद किया, और सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज जमा हुए।

मैच के परिणाम और आँकड़े

  • भारत ने 165 रन बनाकर जीत हासिल की।
  • फातिमा सना ने 38 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों को कठिनाई में डाल दिया, लेकिन अंततः आउट हो गईं।
  • भारतीय टीम ने 11‑0 की निरंतर जीत का रिकॉर्ड कायम रखा – पाकिस्तान के खिलाफ अब तक 11 जीत, कोई हार नहीं।
  • बारिश की संभावना के बावजूद मैच 29 मिनट पहले शुरू हुआ और बिना रुकावट के समाप्त हुआ।
  • मैच के बाद भारत की पॉइंट टेबल में 12 अंक, जबकि पाकिस्तान के पास केवल 4 अंक रहे।

यह जीत भारत के लिए केवल तीन अंक नहीं, बल्कि विश्व कप में शीर्ष स्थान सुरक्षित करने का एक कदम था।

विरोधी और समर्थकों की राय

मैदान के बाहर कई विश्लेषकों ने इस नीति की दोहरी कट्टरता पर सवाल उठाया। राहुल द्विवेदी, क्रिकेट टिप्पणीकार ने कहा, "खेल राजनीति से अलग नहीं हो सकता, परंतु महिलाओं के खेल में इतना कड़ा व्यवहार अनावश्यक दिखता है।" दूसरी ओर, बीते दो साल में कई खेल मंत्रालय के अधिकारी इस नीति को भारत‑पाकिस्तान के मौजूदा राजनैतिक तनाव के संदर्भ में समर्थन दे रहे हैं।

फातिमा सना ने बाद में मीडिया से कहा कि वह “परिवार जैसी टीम भावना” चाहती हैं, लेकिन वह भी मानती हैं कि "स्पोर्ट्समैनशिप की भावना में हमेशा सम्मान होना चाहिए"।

भविष्य की संभावनाएँ और नीति की स्थिरता

आईसीसी ने इस घटना पर टिप्पणी नहीं की, परंतु अगले महीने होने वाले 2026 के एशिया कप में यदि दोनो टीमें फिर मिलें, तो क्या वही प्रतिबंध रहेगा, यह अनिश्चित है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि युवा खिलाड़ियों का बदलाव जल्द ही इस कठोर स्टाइल को बदल देगा।

ड्राफ्ट में अब भी एक प्रस्ताव है कि सभी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ी निकट संपर्क को "सुरक्षित खेल" के रूप में माना जाएगा, जिसमें हाथ मिलाना भी शामिल हो सकता है। इस दिशा में बदलाव होने पर आज की बिना हैंडशेक नीति इतिहास का एक अध्याय बन जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह बिना हैंडशेक नीति क्यों लागू की गई?

नीति का मूल कारण भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनैतिक तनाव को खेल में प्रतिबिंबित करना था। BCCI ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि यह कदम दोनों देशों के बीच असहजता को कम करने के लिए है, जबकि क्रिकेट के मैदान पर प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी।

क्या इस नीति के कारण खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव बढ़ता है?

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि खिलाड़ियों को अनिवार्य दूरी बनाए रखने से अतिरिक्त तनाव हो सकता है। लेकिन कई खिलाड़ी, जैसे हर्मनप्रीत कौर, इसे राष्ट्रीय कर्तव्य समझते हैं और कहती हैं कि यह उनका व्यक्तिगत अभिप्राय नहीं, बल्कि टीम का सामूहिक निर्णय है।

कोलंबो में मैच के दौरान मौसम का क्या असर रहा?

मैच के दिन हल्की बारीश की भविष्यवाणी थी, लेकिन खेल शुरू होने से पहले मौसम साफ हो गया। इसलिए कोई रेन डिलेय या रिडक्टेड ओवर नहीं हुआ, जिससे दोनों टीमों को अपनी स्थापित रणनीति लागू करने का मौका मिला।

भविष्य में इस नीति में बदलाव की संभावना है?

आईसीसी ने अभी तक कोई आधिकारिक दिशा‑निर्देश नहीं जारी किया है, परंतु कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ इस बात के समर्थन में हैं कि खेल-कूद में शिष्टाचार को बढ़ावा दिया जाए। अगर भविष्य में अधिक देशों द्वारा विरोधी आवाज़ उठती है, तो BCCI को नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

भारत‑पाकिस्तान महिला क्रिकेट में इस जीत का क्या महत्व है?

यह जीत भारत की निरंतर सत्ता को दर्शाती है; 11‑0 की रिकॉर्ड को आगे बढ़ाते हुए टीम विश्व कप में शीर्ष क्रम में जगह बना रही है। इससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और अन्य प्रतियोगिताओं में भी भारत को बेहतर प्रदर्शन की आशा मिलती है।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (8)

64x64
Sameer Kumar अक्तूबर 6 2025

खेल को कूच में बांधना, राजनीति की जाली को दूर करने का एक तरीका है। इसी विचार से बिना हैंडशेक नीति बनाई गई थी, और यही दिखाने का प्रयास है कि हमारी प्रतिबद्धता शब्दों से भी अधिक है। एक टीम के रूप में यह दर्शाना कि हम अपने मूल्यों को कायम रखते हैं, बहुत जरूरी है।

64x64
naman sharma अक्तूबर 12 2025

यह नीतिगत निर्णय केवल सतही खेल का हिस्सा नहीं है; यह गहरे भू-राजनीतिक संघर्षों का प्रतिबिंब है; इस दिशा‑निर्देश को सिर्फ़ एक साधारण संकेत नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कवायद माना जा सकता है।

64x64
Sweta Agarwal अक्तूबर 18 2025

बिना हैंडशेक नीति? वाह, क्या बेहतरीन समाधान है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय समझौते में हाथ मिलाना बहुत ही जोखिम भरा हो।

64x64
KRISHNAMURTHY R अक्तूबर 24 2025

टॉस के दौरान दोनों कप्तानें एक मीटर की दूरी पर खड़ी थीं, यही तो वह ‘ड्रॉप कैच’ नहीं है जो हम अक्सर देखते हैं। इस तरह की मैनर से टीम का फोकस और फिनिशिंग पावर बढ़ती है 😊। बॉलरें भी इस तनाव को महसूस कर रही थीं, इसलिए हमें गेंदबाज़ी में थोड़ा और मेहनत करनी पड़ेगी।

64x64
priyanka k अक्तूबर 30 2025

बहुत स्वागत है इस नीति का, यह दर्शाता है कि हम सभी किस सीमा तक खेल को राजनीति से अलग नहीं मान सकते। वास्तव में, यह बहुत ही आवश्यक कदम है, है ना? 🙄

64x64
sharmila sharmila नवंबर 4 2025

हुजूर, इस निईति से हम सबको अच्छा लग़ा है...भले ही थोडा टेंशन हुआ, पर कॅप्टेन का फैन्टासी असली था।

64x64
Shivansh Chawla नवंबर 10 2025

देखो भाई, ये बिना हैंडशेक वाली बात तो बिल्कुल ही सही है। हमारे खिलाड़ियों को कभी नहीं दिखाना चाहिए कि हम दुश्मन के साथ दोस्ती कर रहे हैं। यही जज्बा है जो हमें जीत दिलाएगा। अगर दूसरे टीम को अपना रुख नहीं दिखाएंगे तो कैसे काबू पाएँगे उनसे?

64x64
Akhil Nagath नवंबर 16 2025

इंसान को हमेशा अपने कर्तव्य की याद रखनी चाहिए। क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं, यह एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है, और जब राष्ट्र की इज्जत दांव पर हो, तो हमें हर संभव साधन अपनाना चाहिए। यह नीति हमारे निश्चय को दर्शाती है, और हमें सभी को इस पर गर्व होना चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें

हमारे बारे में

समाचार प्रारंभ एक डिजिटल मंच है जो भारतीय समाचारों पर केन्द्रित है। इस प्लेटफॉर्म पर दैनिक आधार पर ताजा खबरें, राष्ट्रीय आयोजन, और विश्लेषणात्मक समीक्षाएँ प्रदान की जाती हैं। हमारे संवाददाता भारत के कोने-कोने से सच्ची और निष्पक्ष खबरें लाते हैं। समाचार प्रारंभ आपको राजनीति, आर्थिक घटनाएँ, खेल और मनोरंजन से जुड़ी हुई नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। हम तत्काल और सटीक जानकारी के लिए समर्पित हैं, ताकि आपको हमेशा अपडेट रखा जा सके।