कभी सुना है कि कंपनी मुफ्त में शेयर दे रही है? यही बोनस शेयर होते हैं। कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर बिना पैसे लिए देती है, आमतौर पर रिज़र्व या जमा पूंजी का उपयोग करके। यह कंपनी की तरलता बढ़ाने या शेयर की उपलब्धता बढ़ाने का साधारण तरीका है।
सोचिए आपके पास 100 शेयर हैं और कंपनी ने 1:1 बोनस घोषित किया। इसका मतलब आपको हर एक मौजूदा शेयर पर एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा — यानी अब आपके पास 200 शेयर होंगे। पर ध्यान रहे, मार्केट प्राइस समायोजित होता है। अगर पहले शेयर का भाव ₹200 था और कंपनी ने 1:1 बोनस दिया, तो थ्योरिटिकल प्राइस लगभग ₹100 हो जाएगा। आपकी कुल निवेश राशि (मार्केट वैल्यू) लगभग वही रहती है, सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ जाती है।
बोनस के लिए कंपनी की बोर्ड मंजूरी और रिकॉर्ड डेट जरूरी होती है। रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है जब कंपनी तय करती है कि किसे बोनस मिलेगा। अगर उस तारीख तक आपके नाम ट्रांसफर किया हुआ है, तभी आपको बोनस मिलेगा। कभी-कभी फ्री शेयरों के कारण fractional शेयर बन जाते हैं — उन स्थितियों में कंपनी नकद समायोजन कर सकती है।
1) बोनस को देखें, ऑफर नहीं: बोनस मिलना अच्छा संकेत हो सकता है, पर यह कंपनी की वास्तविक कमाई नहीं बताता। कंपनी सिर्फ रिज़र्व को इक्विटी में बदल रही होती है।
2) भाव में समायोजन पर ध्यान दें: बोनस मिलने के बाद शेयर का भाव गिरता है। गिरावट को डरने की बजाय इसे समायोजित घटना समझें — आपकी कुल वैल्यू तुरंत बदलती नहीं।
3) टैक्स और लागत: आमतौर पर बोनस अलॉटमेंट पर इनकम टैक्स नहीं लगता। पर जब आप बोनस शेयर बेचते हैं, तब कैपिटल गैन्स का हिसाब लगेगा। बोनस शेयरों की खरीद मूल्य की गणना थोड़ी अलग होती है; बेहतर है कि टैक्स कंसल्टेंट से सलाह लें।
4) कब बेचें? बोनस मिलने के बाद तुरंत बेचने से बचें अगर बाजार ने भाव कम कर दिया है। कंपनी के फंडामेंटल, भविष्य की ग्रोथ और सेक्टर की स्थिति देखकर फैसला लें।
5) रिकॉर्ड डेट और एक्स-डेट पर जागरूक रहें: खरीद-खरीद का टाइमिंग जानें। अगर आप रिकॉर्ड डेट के बाद खरीदते हैं, तो आपको उस बोनस का लाभ नहीं मिलेगा।
6) जोखिम समझें: बोनस देने वाली कंपनी हमेशा मजबूत नहीं होती। कभी-कभी कंपनियाँ नकदी की कमी या बैलेंस शीट सुधारने के लिए बोनस देती हैं। इसलिए कंपनी की आर्थिक स्थिति और कैश फ्लो भी चेक करें।
बोनस शेयर का फैसला सिर्फ इसलिए न लें कि 'मुफ्त शेयर' मिल रहे हैं। मूल्यांकन, कंपनी की रणनीति और टैक्स इफेक्ट समझकर ही कदम उठाइए। यहाँ पर "बोनस शेयर" टैग के तहत नयी खबरें और विश्लेषण अपडेट होते रहते हैं — हर खबर पढ़कर आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे। अगर चाहें, मैं आपको बोनस अलॉटमेंट के किसी विशेष केस का आसान कैलकुलेशन और टैक्स असर भी दिखा सकता हूँ।
एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के शेयर की कीमत में 4% की वृद्धि देखी गई, क्योंकि स्टॉक ने एक्स-बोनस ट्रेडिंग किया। कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए हैं। इस पहल से 90 करोड़ नए बोनस शेयर जारी होंगे। एनबीसीसी की वित्तीय स्थिति मजबूत है, जिसमें 1,959 करोड़ रु. का बैलेंस आरक्षित और अधिशेष के रूप में है।