एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के शेयरों ने अक्टूबर 7 को एक्स-बोनस के रूप में ट्रेड किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 4% की वृद्धि मिली। यह वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कम्पनी के बोनस शेयर समेत अन्य वित्तीय रणनीतियों का एक प्रतिफल है। पिछले कुछ वर्षों में, एनबीसीसी ने उन निवेशकों के लिए अच्छा लाभांश प्रदान किया है जिन्होंने कंपनी में निवेश किया था।
कंपनी ने 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की घोषणा की, जहां हर दो शेयरों के बदले में एक नया पूरी तरह से चुकता इक्विटी शेयर मिलेगा। 90 करोड़ बोनस एनबीसीसी इंडिया इक्विटी शेयर फ्री रिजर्व से जारी किए जाएंगे, जिन्हें मुनाफे से बनाया गया है। यह मुनाफा 31 मार्च, 2024 के ऑडिटेड वित्तीय वक्तव्य के अनुसार उपलब्ध है।
वित्तीय वर्ष 2024 की अंतिम तिथि के अनुसार, एनबीसीसी के पास 1,959 करोड़ रुपए का रिजर्व और अधिशेष उपलब्ध था, जो कि पूंजीकरण के लिए तैयार था। इस समय, एनएसई पर सुबह 9:30 बजे एनबीसीसी के शेयर 4.1% बढ़कर 117.32 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे। इस साल अब तक, कंपनी के शेयरों में 43% की वृद्धि हुई है, जो कि निफ्टी के 15% के प्रतिफल से काफी अधिक है। पिछले 12 महीनों में, इस शेयर ने अपने निवेशकों की पूंजी को 103% से अधिक बढ़ा दिया है।
स्टॉक मार्केट की प्रमुख ब्रोकर फर्म नुवामा एनबीसीसी पर बुलिश है। उनका मानना है कि ऑर्डर इंटेक, निष्पादन, और मर्जिन में सुधार तथा रियल एस्टेट मोनेटाइजेशन में ट्रेक्शन के साथ कंपनी के लिए उज्जवल भविष्य का संकेत है। नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि 81,300 करोड़ रुपए का मजबूत ऑर्डर बुक और 7.6x का बुक-टू-बिल रेशियो एनबीसीसी की उन्नति के लिए काफी सहायता प्रदान कर सकता है।
फर्म ने इस तथ्य को भी उजागर किया कि चालू वित्तीय वर्ष में एनबीसीसी ने 19,800 करोड़ रुपए के ऑर्डर प्राप्त किए, जबकि FY24 में यह 23,500 करोड़ रुपए था। यह दर्शाता है कि कंपनी ऑर्डर इंटेक और निष्पादन दोनों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
कंपनी के रियल एस्टेट मोनेटाइजेशन में भी सुधार देखा गया है, जो कि समग्र सकारात्मक दृष्टिकोण का एक मुख्य कारण है। कंपनियों और सरकारी संगठनों द्वारा अतिरिक्त भूमि होल्डिंग्स का मोनेटाइजेशन करने की प्रक्रिया ने एनबीसीसी के लिए नतीजे और भी फलीभूत किए हैं।
बहुत सारे दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों की तरह, एनबीसीसी का भी भविष्य की योजनाओं को देखते हुए, रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय रहना अपेक्षित है। यह माना जा रहा है कि कंपनी के ये प्रयास तथा नये ऑर्डर्स पाने की उसकी रणनीति भविष्य में भी निवेशकों को अच्छा प्रतिफल देगी।
टिप्पणि (9)
Harsh Kumar अक्तूबर 7 2024
एनबीसीसी के एंट्री में 4% की बढ़ोतरी देखना वाकई उत्साहजनक है 😊। बोनस शेयरों का वितरण निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। इस तरह की सकारात्मक चाल कंपनी की भविष्य की योजना में इज़ाफ़ा करेगी।
suchi gaur अक्तूबर 16 2024
हमें यह याद रखना चाहिए कि केवल सतही बढ़ोतरी पर खुशी नहीं मनानी चाहिए; वास्तविक मूल्यांकन में कई कारक होते हैं। 📈
Rajan India अक्तूबर 26 2024
भाई, इस शेयर की धूम देख के तो लगा जैसे पार्टी का आज का ख़ास मवेशी वाला पकवान है। बोनस शेयर मिलते ही लोग एक‑एक कर के दंग रहेंगे।
Gurjeet Chhabra नवंबर 4 2024
हां भाई, पर सोचो अगर मार्केट में उलटफेर हो तो? फ़ायदा‑नुकसान दोनों का असर पड़ता है।
Abhishek Agrawal नवंबर 13 2024
भले ही कंपनी का रिज़र्व और ऑर्डर बुक मजबूत दिखता हो, लेकिन तेज़ी से बढ़ते शेयर की कीमतें अक्सर ठसक मारने का संकेत देती हैं, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए, बबल जैसी स्थितियों से बचना चाहिए, और केवल बुनियादी डेटा पर भरोसा करना चाहिए।
Rajnish Swaroop Azad नवंबर 22 2024
भाई, नज़र में सब अच्छा लग रहा है पर धूप में छाया भी है।
Vishal Kumar Vaswani दिसंबर 2 2024
सिर्फ बोनस शेयर से नहीं, सरकार के कुछ बड़े फंड इस कंपनी में छुपे हुए हो सकते हैं 😏। ऐसे मामलों में मार्केट अक्सर भरोसा खो देता है।
Ashutosh Kumar दिसंबर 11 2024
क्या बात है, हर बात में साज़िश देखना तुम्हारा हौब है! शेयर का असली इन्जॉयमेंट तो मार्केट के रुझानों में है, न कि किस्सों में।
Neha Shetty दिसंबर 20 2024
एनबीसीसी की हालिया बोनस शेयर घोषणा वास्तव में कई निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस कदम से न केवल कंपनी की लिक्विडिटी में सुधार होता है, बल्कि शेयरधारकों को अतिरिक्त मूल्य भी मिलता है। बोनस शेयरों का वितरण अक्सर यह दर्शाता है कि कंपनी के पास पर्याप्त मुक्त रिज़र्व है और भविष्य में विकास के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध है। साथ ही, कंपनी की ऑर्डर बुक और बुक‑टू‑बिल रेशियो भी मजबूत दिख रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य में निरंतर मांग है। रियल एस्टेट मोनेटाइजेशन की पहल ने भी कंपनी को अतिरिक्त आय स्रोत प्रदान किया है, जो दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को बढ़ाता है। निवेशकों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बोनस शेयरों का मूल्य बाजार में कैसे स्थापित होता है; कभी‑कभी शेयर की कीमतें अल्पकालिक रूप से अस्थिर हो सकती हैं। लेकिन यदि कंपनी अपने मौजूदा प्रोजेक्ट्स को समय पर निष्पादित करती है और नई ऑर्डर बुक को बढ़ाए रखती है, तो यह लाभांश और शेयर मूल्य दोनों में सुधार लाएगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपनी पोर्टफोलियो को विविध बनाकर जोखिम को संतुलित रखें। कोई भी कंपनी, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो, बाजार की सामूहिक भावना से अप्रभावित नहीं रहती। इसलिए, सामयिक रूप से निवेश की स्थिति की समीक्षा करना आवश्यक है। यदि आप नई बोनस शेयरों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मानक ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया को अपनाएँ। कंपनी के वित्तीय विवरण, ऑडिटेड रिपोर्ट और प्रबंधन की रणनीति को समझना आपके निर्णय को सुदृढ़ करेगा। अंत में, मैं यह कहना चाहूँगी कि एनबीसीसी के भविष्य के लिए यह एक सकारात्मक मोड़ हो सकता है, बशर्ते कि कंपनी अपने मौजूदा कौशल और अपेक्षाओं को बनाए रखे। सभी निवेशकों को शुभकामनाएँ और सतर्कता के साथ आगे बढ़ने की सलाह देती हूँ।