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दक्षिण रेलवे: भारत की सबसे व्यस्त रेलवे ज़ोन की सच्चाई

जब बात आती है दक्षिण रेलवे, भारतीय रेलवे का वह हिस्सा जो दक्षिणी भारत को जोड़ता है और हर दिन करोड़ों यात्रियों की यात्रा को संभालता है. इसे दक्षिणी रेलवे भी कहते हैं, जो चेन्नई के केंद्र से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के रेल नेटवर्क को चलाता है। ये सिर्फ ट्रेनों का जाल नहीं, बल्कि दक्षिण भारत की आर्थिक धड़कन है। यहाँ हर दिन 15 लाख से ज्यादा यात्री टिकट बुक करते हैं, और रोज़ाना 500 से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं। इतना बड़ा नेटवर्क बनाए रखना कोई आसान काम नहीं।

दक्षिण रेलवे ने हर साल नई चीज़ें शुरू की हैं। चेन्नई के रेलवे स्टेशन पर अब डिजिटल टिकटिंग और ऑटोमेटेड टॉयलेट्स हैं। बेंगलुरु और हैदराबाद के बीच विद्युतीकृत ट्रैक्स पर ट्रेनें 160 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ती हैं। ये सब इसलिए क्योंकि यहाँ के लोग अब सिर्फ ट्रेन चलाना नहीं, बल्कि उसे स्मार्ट बनाना चाहते हैं। रेलवे ने एआई द्वारा ट्रेन देरी का पूर्वानुमान लगाना शुरू कर दिया है, और ग्रामीण इलाकों में भी ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ा दी है।

दक्षिण रेलवे के साथ जुड़ी कई चीज़ें आम लोगों के जीवन को बदल रही हैं। चेन्नई रेलवे, दक्षिण रेलवे का मुख्यालय और दक्षिण भारत की सबसे व्यस्त रेलवे हब, अब एक डिजिटल ट्रैवल सेंटर बन गया है। यहाँ आप टिकट बुक कर सकते हैं, रेलवे स्टेशन का रियल-टाइम अपडेट देख सकते हैं, और यहाँ तक कि बेस्ट ट्रेन रूट भी बताया जाता है। और फिर है रेलवे नेटवर्क, दक्षिण भारत में शहरों, गाँवों और उद्योगों को जोड़ने वाला जीवनरेखा। यही नेटवर्क है जो तमिलनाडु के किसानों को कोयला और खाद लाता है, और आंध्र प्रदेश के फैक्ट्रियों को बाजार तक पहुँचाता है।

इस ज़ोन के बारे में जो भी खबरें आती हैं—चाहे वो नई ट्रेन लॉन्च हो, या फिर कोई दुर्घटना, या फिर कोई नया डिजिटल फीचर—वो सब आपको यहाँ मिलेगी। हमने इस टैग के तहत ऐसी ही सभी ताज़ा और विश्लेषणात्मक खबरें इकट्ठी की हैं। जिनमें से कुछ तो आपने सुनी भी नहीं होंगी। यहाँ आपको बस एक बात बताना है: दक्षिण रेलवे सिर्फ ट्रेन नहीं, बल्कि दक्षिण भारत की ज़िंदगी है।

दक्षिण रेलवे ने दिवाली के लिए तम्बारम-सेंगोट्टई विशेष ट्रेन चलाई, जो मेलमरुवथूर स्टेशन पर रुकती है। यह भक्तों की यात्रा को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।