दुरगा पूजा भारत के सबसे बड़े त्योहारी उत्सवों में से एक है। अगर आप भी इस साल के कार्यक्रमों, पंडालों और यात्रा की जानकारी चाहते हैं तो आप सही जगह पर हैं। यहाँ हम आपको दिन-प्रतिदिन अपडेट, प्रमुख पंडाल, प्रवास सुझाव और सुरक्षित रहन-सहन के टिप्स देंगे, वो भी आसान भाषा में।
दुर्गा माँ का जलसा प्रतिवर्ष पूराण मिथकों से जुड़ा है – माँ दुर्गा ने दैत्य महिषासुर को हराया था। इस जीत को याद करने के लिये बंगाल, असम, बिहार और कई अन्य राज्यों में नवमी से दशमी तक पंडाल लगाए जाते हैं। लोग माँ के वूज के साथ गीत, नृत्य और पंडाल सजावट का आनंद लेते हैं। आजकल इस उत्सव में आधुनिक लाइटिंग, थीम‑पंडाल और डिजिटल प्रोजेक्शन भी शामिल हो गए हैं।
इस साल दुरगा पूजा 7 अक्टूबर को शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगी। कोलकाता में प्रमुख पंडालों की सूची में डाक्खिनपुरी, सोहागर, सादरांजेन शामिल हैं। हर पंडाल अपना अलग थीम रखता है – कुछ पारम्परिक, कुछ भविष्य‑दर्शी। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो रिवर फ्रंट पर सूरज डूबते समय पंडाल की लाइटिंग देखनी मत भूलिए, वह एक फोटो‑ऑपर्ट्युनिटी है।
कोलकाता के अलावा, असम के गुवाहती, पुडुचेरी के मडुरै, और दिल्ली के अनीश मेहता ग्राउंड में भी बड़े‑पैमाने पर समारोह होते हैं। दिल्ली में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नेशनल सेंटर के पंडाल को युवा दर्शकों के बीच खासा पसंद किया जाता है, क्योंकि वहाँ स्ट्रीट फूड और बॉलिंग एरिया भी होते हैं।
यात्रा की योजना बनाते समय, रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट विकल्प चुनें और भीड़ वाले समय से बचने के लिये सुबह के शुरुआती घंटे में पंडाल देखें। कई पंडाल में QR‑कोड से टिकट बुकिंग संभव है, जिससे लाइन में खड़े होने की झंझट कम होती है।
क्या आप इस साल दुरगा पुजा को ऑनलाइन देखना चाहते हैं? कई चैनल और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म लाइव कवरेज दे रहे हैं। आप जियोTV, सोनी टीवी और YouTube Live पर मुफ्त में देख सकते हैं, बस समय‑सूची की जाँच कर लीजिए।
सुरक्षित रहने के लिये कुछ छोटे‑छोटे कदम उठाएँ: भीड़ में व्यक्तिगत सामान को सुरक्षित रखें, मास्क पहनें, और अगर आपको एलर्जी या अस्थमा है तो अपने दवाइयों को साथ रखें। यदि आप बाहर खाने का मन बना रहे हैं, तो साफ‑सफ़ाई वाले स्टाल चुनें और पानी की बोतल वापसी में भरें।
अंत में, दुरगा पूजा सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि कला, संगीत और सामुदायिक जुड़ाव का बड़ा मंच है। चाहे आप पंडाल में हों या घर पर टेलीविजन देख रहे हों, इस त्यौहार को पूरी उमंग के साथ मनाएँ। समाचार प्रारंभ पर रोज़ नई अपडेट मिलती रहती है, तो पेज को बुकमार्क करें और हर नई खबर के साथ जुड़ें।
Navratri का सातवाँ दिवस माँ कालरात्रि को समर्पित है, जो दुश्मनों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती है। इस दिन के उत्सव में नीले रंग के वस्त्र, गुड़‑आधारित मिठाइयाँ और विशेष मंत्रों का विशेष महत्व है। कथा, पूजा विधि और मंत्रों की विस्तृत जानकारी यहाँ पढ़ें।