क्या आपको लगता है कि अस्पताल का बिल कभी बड़ा नहीं होगा? अक्सर ऐसा सोचना महँगा पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ अस्पताल के खर्चों को कवर नहीं करता—यह एक आर्थिक सुरक्षा जैकेट है जो अचानक बीमारी या सर्जरी में बचत करवाती है।
सबसे पहले जानिए बेसिक बातें: पॉलिसी क्या कवर करती है, को-पेमेंट क्या है, और किसमें कैशलेस क्लेम मिलता है। ये तीन चीजें समझना जरूरी है वरना दावे के वक्त झटके लगते हैं।
आपको तीन प्रमुख विकल्प मिलेंगे: इंडिविजुअल, फेमिली फ्लोटर और टॉप-अप।
इंडिविजुअल पॉलिसी में हर व्यक्ति की अलग सीमित राशि होती है। फेमिली फ्लोटर में परिवार का कवर एक साथ चलता है—छोटी फैमिली के लिए सस्ता और आसान। टॉप-अप उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके पास बेसिक कवर है पर बड़े खर्चों से बचना चाहते हैं।
सही पॉलिसी चुनते वक्त इन पॉइंट्स पर ध्यान दें: सुम इन्श्योर्ड (कितना कवर चाहिए), प्री-एक्जिस्टिंग कंडीशन की वेटिंग पिरियड, नेटवर्ड हॉस्पिटल्स और दवा/ऑम्पियन की कवर सीमा।
क्लेम के समय गड़बड़ी कम करने के लिए पॉलिसी लेने के बाद पोर्टल पर नाम, मोबाइल और पैन/आधार अपडेट रखें। अस्पताल में दाखिला से पहले नेटवर्क चैकम और प्री-ऑथराइजेशन करवा लें—यह कैशलेस क्लेम का रास्ता आसान बनाता है।
क जलाने से पहले बिलों की फोटो रखें और डॉक्टर के नोट्स सुरक्षित रखें। नॉन-नेटवर्क हॉस्पिटल में भर्ती होने पर रिइम्बर्समेंट प्रक्रिया लंबी होती है—इसलिए जरुरत न होने पर ऐसा टालें।
प्री-एक्जिस्टिंग कंडीशंस पर वेटिंग पिरियड अलग-अलग पॉलिसियों में 1-4 साल तक हो सकता है। डायबिटीज या BP जैसी पुरानी बीमारियों के लिए पॉलिसी खरीदते समय यह जरूर पढ़ें।
प्रिमियम प्रभावित करने वाले फैक्टर्स: उम्र, एलिमेन्ट (सिगरेट, शराब), लोकेशन, और पॉलिसी की अवधि। छोटी उम्र में खरीदना सस्ता पड़ता है और पोर्टेबिलिटी से आप पुराने लाभ बनाए रख सकते हैं।
टैक्स बेनिफिट का लाभ उठाएं: भारत में Section 80D के तहत प्रिमियम पर टैक्स कटौती मिलती है—यह हर साल की बचत में मदद करती है।
अंत में, हमेशा पॉलिसी की टर्म्स पढ़ें और कंपनियों की रेटिंग, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो देखें। सस्ते प्रीमियम के पीछे छिपे एक्सक्लूज़न आपको बाद में महँगे पड़ सकते हैं।
अगर चाहते हैं, मैं आपके लिए उपलब्ध पोस्ट्स में से हेल्थ से जुड़ी खबरें और सलाह भी दिखा सकता/सकती हूँ। कौन सा टॉपिक पहले देखना चाहेंगे — क्लेम प्रक्रिया, टैक्स लाभ या नेटवर्क हॉस्पिटल सूची?
नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ तीसरे दिन 1.70 गुना सब्सक्राइब हुआ है। शेयरों के इस प्रारंभिक विक्रय ने उत्पन्न की गई निधियों के साथ कंपनी की योजना 2,200 करोड़ रुपये जुटाने की है। आज निवेश का अंतिम दिन है और परिणामस्वरूप कंपनी के शेयरों की सूचीबद्धता संभावित रूप से बीएसई और एनएसई पर होगी।