When working with ITR डेडलाइन, वित्त वर्ष के अंत में आयकर रिटर्न जमा करने की नियत तिथि. Also known as टैक्स फाइलिंग डेडलाइन, it determines when taxpayers must submit their income details to avoid penalties. ITR डेडलाइन आयकर रिटर्न की फाइलिंग को निर्धारित करती है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना खर्चीला साबित हो सकता है.
एक और महत्वपूर्ण इकाई आयकर, सरकार द्वारा व्यक्तिगत या कारोबारी आय पर लगाया गया कर है. आयकर वित्तीय वर्ष के साथ जुड़ा हुआ है; अर्थात् जनवरी से दिसम्बर के 12‑महीने का आर्थिक चक्र वही अवधि तय करता है जिसके लिए आप अपना ITR तैयार करते हैं. इसी क्रम में वित्तीय वर्ष, एक वार्षिक लेखा अवधि जो आम तौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलती है को समझना फाइलिंग में मददगार रहता है. जब आप टैक्स रिटर्न जमा करते हैं, तो आप टैक्स रिटर्न, आय, खर्च और कर योग्य आय का विवरण जो सरकार को प्रस्तुत किया जाता है जमा कर रहे होते हैं, और यह प्रक्रिया दंड से बचाव की कुंजी है.
ITR डेडलाइन के करीब आने पर कई लोग वही सवाल पूछते हैं—कौन‑सी दस्तावेज़ चाहिए, कैसे सही फॉर्म चुनें, और क्या छूट मिल सकती है? सबसे पहले, अपने फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, बैंक स्टेटमेंट और निवेश प्रमाणपत्र इकट्ठा कर लें. इन दस्तावेज़ों से आप अपनी कुल आय, टैक्स कटौती और मौजूदा टैक्स जमा दोनों का एक पूर्ण चित्र बना सकते हैं. दूसरा कदम—सही आयकर फॉर्म चुनना. यदि आपका सकल आय 50 लाख रुपये से कम है, तो फॉर्म ITR‑1 (Sahaj) पर्याप्त होगा, जबकि व्यापार या पेशेवर आय वाले लोगों को ITR‑4 या ITR‑3 का उपयोग करना पड़ेगा. तीसरा, ऑनलाइन पोर्टल या मान्य सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके अपने डेटा को दर्ज करें; इस दौरान “वित्तीय वर्ष” और “ITR डेडलाइन” के बीच का अंतराल ध्यान में रखें, ताकि आप पिछले वर्ष के डेटा को गलती से दोबारा न जमा कर दें.
एक बार जब आप सभी इनपुट भर लें, तो दो बार जाँच कर लें। आयकर विभाग ने फ़ेसलेस मूल्यांकन प्रणाली को तेज़ किया है, इसलिए गलत जानकारी पर क्वेरी आ सकती है। डेडलाइन से पहले फ़ॉर्म को वैरिफ़ाइ करके जमा करने से आपका टेनशन कम रहेगा और संभावित पेनल्टी से बचाव होगा. याद रखें, टाइपिंग में छोटी‑सी गलती भी दंड का कारण बन सकती है, इसलिए प्री‑व्यू फ़ीचर का उपयोग करके अंतिम बार चेक करना फायदेमंद है.
ITR डेडलाइन सिर्फ एक कट-ऑफ डेट नहीं, बल्कि आपका वित्तीय स्वास्थ्य सुधारने का अवसर भी है. सही समय पर फाइलिंग करने से आप टैक्श भी बचा सकते हैं और भविष्य में रिफंड या लीवेज़ के लिए एक ठोस बेस बना सकते हैं. साथ ही, आयकर में उपलब्ध विभिन्न छूट, जैसे सेक्शन 80C, 80D या 80GG, का लाभ उठाकर आप अपने टैक्स लायबिलिटी को घटा सकते हैं. जो लोग इनके बारे में अनभिज्ञ हैं, उन्हें एक आसान‑से‑समझाए गए गाइड की जरूरत होती है—और यही कारण है कि इस टैग पेज पर हम आपको विस्तृत जानकारी, टिप्स और अपडेट्स दे रहे हैं.
आगे आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न आयकर नियम, फॉर्म भरने के चरण‑दर‑चरण निर्देश और डेडलाइन के विशेष मामलों (जैसे延期, आयुमान्यताएँ, या आय स्रोतों के बदलाव) की जानकारी इस संग्रह में सम्मिलित है. चाहे आप पहली बार फाइल कर रहे हों या अनुभवी टैक्सपेयर हों, यहाँ आपको अपने ITR को सही समय पर जमा करने के लिए आवश्यक सभी चीज़ें मिलेंगी.
इन बिंदुओं को समझने के बाद आप आगे बढ़ेंगे, और अब आपके पास एक स्पष्ट रोडमैप है जो ITR डेडलाइन से जुड़ी हर चुनौती को आसान बनाता है. नीचे की सूची में आप ऐसे लेख पाएँगे जो डेडलाइन से पहले, दौरान और बाद में मददगार साबित होंगे, ताकि आपका टैक्स फाइलिंग अनुभव साफ़ और तनाव‑मुक्त हो.
CBDT ने FY 2024‑25 की ITR डेडलाइन 31 जुलाई से 15 सितंबर बढ़ाई, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की नई तिथि 31 अक्टूबर, जबकि विशेषज्ञों के बीच ऑडिट‑केस के ITR विस्तार पर बहस चल रही है।