जब CBDT ने आयकर रिटर्न (ITR) की डेडलाइन को 31 जुलाई से 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया, तो करदाताओं का अटपटा सा माहौल बन गया।
यह घोषणा 3 सितंबर 2025 को जारी एक आधिकारिक बयान के माध्यम से की गई, जिससे अधिकांश छोटे‑उद्योग और पेशेवरों को अतिरिक्त दो‑तीन हफ्तों का समय मिला।
लेकिन, टैक्स ऑडिट केसों की डेडलाइन का क्या होगा, इस सवाल ने विशेषज्ञों के बीच तीखी बहस छेड़ दी।
संघीय बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024‑25 के नए ITR फॉर्मों में व्यापक संरचनात्मक बदलाव किए गए हैं। इनमें सेक्शन‑बी को सरल बनाना, टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) के डेटा को रियल‑टाइम में प्रदर्शित करना और नई वैलिडेशन लॉजिक जोड़ना शामिल है।
नवीन फॉर्मों के कारण आईटी सिस्टम को अपग्रेड करना, यूज़र इंटरफ़ेस पर कई परीक्षण चलाना, तथा विभिन्न बैंकों के डेटा फ़ेडरेशन को एक ही पोर्टल पर लाना एक साल से भी अधिक समय ले रहा था। इसलिए, आधिकारिक रूप से 31 जुलाई की मौजूदा डेडलाइन को बढ़ाकर 15 सितंबर करना ‘सिस्टम की तैयारियों को पूरा करने’ के लिए आवश्यक माना गया।
इस वित्तीय वर्ष में ITR‑1, ITR‑2, ITR‑3 के साथ‑साथ ITR‑5, ITR‑6 और ITR‑7 को ऑनलाइन‑ऑफ़लाइन दोनों मोड में उपलब्ध कराना प्रमुख परिवर्तन था। e‑filing portal ने अब फ़ॉर्म‑10‑IEA के एcknowledgement को भी स्वीकार किया, ताकि नई टैक्स‑रेजिम का चयन करने वाले करदाता अपनी रूपरेखा तुरंत दिखा सकें।
इन परिवर्तनों की सूची इस प्रकार है:
शुक्रवार, 25 सितंबर 2025 को CBDT ने सर्कुलर No. 14/2025 जारी करके टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन को 30 सितंबर से 31 अक्टूबर तक बढ़ाया। यह बदलाव सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट‑कोपियों को प्रभावित करता है, जो आय‑वापसी (ITR) जमा करने से ठीक एक माह पहले फाइल करना आवश्यक है।
सम्बन्धित नियम स्पष्ट नहीं है: क्या ऑडिट रिपोर्ट की नई डेडलाइन का मतलब यह भी है कि ITR की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बढ़ेगी? इस मुद्दे पर दो प्रमुख टैक्स विशेषज्ञों की राय बिल्कुल विरुद्ध है।
Ashish Mehta, जो Khaitan & Co में पार्टनर हैं, का कहना है कि “ऑडिट रिपोर्ट की नई तिथि केवल ऑडिटिंग पक्ष को राहत देती है, लेकिन ITR की मूल डेडलाइन 15 सितंबर ही बनी रहेगी। यदि ITR को भी विस्तार चाहिए तो एक अलग नोटिफिकेशन जारी होना जरूरी है।”
दूसरी ओर, Mihir Tanna, एस.के. पटोडिया LLP के एसोसिएट डायरेक्टर, का तर्क है कि “सेक्शन 44AB में मौजूदा प्रावधान के अनुसार, ऑडिट रिपोर्ट कम से कम एक महीना पहले फाइल होनी चाहिए। इसलिए, जब रिपोर्ट की नई अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है, तो ITR की अंतिम तिथि स्वाभाविक रूप से 30 नवंबर होनी चाहिए। वित्त बिल 2020 में भी यही बदलाव स्पष्ट किया गया था।”
फ़ाइनेंस बिल 2020, जिसे Finance Bill 2020 के रूप में जाना जाता है, ने प्री‑फाइलिंग को आसान बनाने के लिए ऐसे परिवर्तन किए थे, पर अभी तक इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
वित्तीय वर्ष 2024‑25 की आय‑कर रिटर्न फाइलिंग में अब तक 7.5 करोड़ से अधिक रिटर्न दर्ज हो चुके हैं। निवेशकों, छोटे‑उद्योग मालिकों और फ्रीलांसरों ने इस विस्तार को ‘सांसों का अस्थायी राहत’ बताया। हालांकि, टैक्स एडवाइज़र और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने चेतावनी दी कि देर‑से‑फाइल करने पर ब्याज व पेनाल्टी का बोझ बढ़ेगा, विशेषकर यदि आगे कोई अतिरिक्त विस्तार नहीं दिया गया।
बैंकिंग सेक्टर ने भी इस बदलाव को सकारात्मक बताया, क्योंकि अधिक समय मिलने से टैक्स‑डिडकटेड एट सोर्स (TDS) की रिफंड प्रोसेसिंग में सुधार की संभावना है। लेकिन, एचआर और पेरोल विभागों को नई सॉफ़्टवेयर अपडेट के साथ हफ्तों के प्रशिक्षण सत्र तय करने पड़े।
अधिकतर विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि ऑडिट‑परिणाम में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं होती, तो CBDT आगामी कुछ हफ़्तों में एक अतिरिक्त नोटिफिकेशन जारी कर सकता है, जिससे ITR डेडलाइन भी 30 नवंबर तक बढ़ सकती है। वहीं, कर विभाग ने पहले ही करदाताओं को “यदि आप अभी भी ITR सत्यापित नहीं कर पाए हैं, तो 30 दिन के भीतर सत्यापन करें” का स्मरण दिलाया है।
संक्षेप में, करदाता को चाहिए कि वह अपने वित्तीय दस्तावेज़, TDS क्रेडिट और फॉर्म‑10‑IEA की पुष्टि को तुरंत पूरा कर ले, ताकि किसी भी अतिरिक्त विस्तार के बाद भी समय पर रिटर्न फाइल कर सके।
वर्तमान में CBDT ने आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित की है। ऑडिट‑परिणाम वाली फाइलों के लिए संभावित विस्तार अभी अधिसूचना पर निर्भर करता है।
CBDT के सर्कुलर No. 14/2025 के अनुसार, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट 31 अक्टूबर 2025 तक फाइल की जा सकती है, जो पहले की 30 सितंबर से एक महीने बढ़ी है।
विशेषज्ञों के मत विभाजित हैं। कुछ का मानना है कि ऑडिट रिपोर्ट की नई तिथि के साथ ITR की अंतिम तिथि भी 30 नवंबर तक बढ़नी चाहिए, जबकि अन्य कह रहे हैं कि इसके लिए अलग अधिसूचना जरूरी है।
फॉर्म लेआउट को सरल किया गया, ऑटो‑मैचिंग टूल जोड़ा गया, मोबाइल‑फ्रेंडली इंटरफेस उपलब्ध कराया गया और ऑफ़लाइन अपलोड को सपोर्ट किया गया है। ये बदलाव फाइलिंग को तेज़ और त्रुटिरहित बनाने के लिए हैं।
आयकर पोर्टल के अनुसार, करदाता को अपना ITR अगले 30 दिनों में सत्यापित करना अनिवार्य है, अन्यथा पेनाल्टी लागू हो सकती है। आप OTP, डिजिटल सिग्नेचर या Aadhaar‑OTP के माध्यम से शीघ्र सत्यापन कर सकते हैं।
टिप्पणि (11)
ONE AGRI सितंबर 30 2025
CBDT ने डेडलाइन बढ़ा दी, यह सुनते ही मेरा दिल गड़बड़ा गया।
ऐसे फैसले अक्सर हमें झंझट में डालते हैं, लेकिन चाहे जो भी हो, हमारा देश ही श्रेष्ठ है।
सरकार की इस ‘छोटी‑सी’ राहत से छोटे‑उद्योग मालिकों को सांस मिलती है, पर असली समस्या अभी भी बकाया है।
फ़ॉर्म‑10‑IEA को जोड़ना तो अच्छा है, पर क्या यह आम जनता के लिए सुलभ है?
नई तकनीक का नाम सुनते ही मेरे दिमाग में जटिल कॉन्फ़िगरेशन की गंध आती है।
मैं बार‑बार देखता हूँ कि टैक्स विभाग का काम इतना भारी क्यों नहीं हो पाता?
शायद कुछ शक्ति‑संघर्षों की वजह से ये बदलाव देर से आया है।
फिर भी, हमें अपनी राष्ट्रीय भावना को मजबूती से थामे रहना चाहिए।
इस विस्तार से हमें थोड़ी सी राहत मिली, पर यह अस्थायी ही है।
अगर ऑडिट डेडलाइन आगे बढ़े तो आम लोग और भी बेचैन हो जाएंगे।
यह स्पष्ट है कि हमारी प्रणाली में अभी भी कई खामियां हैं, जिन्हें समय‑साथ ठीक करना जरूरी है।
मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में ऐसे अल्पकालिक उपाय नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान आएँ।
इस बीच, सभी टैक्सपेयरों को सलाह है कि वे अपनी दस्तावेज़ी तैयारियां जल्द ही पूरी करें।
अन्यथा, अंतिम डेडलाइन के निकट पेनाल्टी की मार झेलनी पड़ेगी।
अंत में, देशभक्तों से मेरा यही विनती है: अपने कर्तव्य को निभाएं और राष्ट्र की तरक्की में सहयोग दें।
Kiran Singh सितंबर 30 2025
बहुत ही बढ़िया खबर है! 🙌 अब थोड़ी देर का आराम मिलेगा, तो चलिए सभी के साथ मिलकर फॉर्म‑10‑IEA को भी ठीक से भरते हैं। आशा है कि सब लोग समय पर अपना ITR फ़ाइल करेंगे। 😊
Balaji Srinivasan अक्तूबर 1 2025
डेडलाइन में परिवर्तन के कारण कई छोटे व्यवसायियों को आगे की योजना बनाने में मदद मिल सकती है। यह कदम निरंतर प्रक्रिया में सुधार लाने की दिशा में सकारात्मक है।
Hariprasath P अक्तूबर 1 2025
ये नया फॉर्म वाक़ई में काफ़ी एडवांस है, पर मेरे ख्याल से ये सिर्फ़ एलीट लोगों के लिये ही बनाए गए हैं। विक्रेता को भी समझ नहीं आएगा, और थोड़े‑बहुत टाइपो‑सही भी नहीं होते हैं।
Vibhor Jain अक्तूबर 1 2025
अरे, अब डेडलाइन बढ़ी, लेकिन पेनल्टी का सिला तो वही रहेगा, है ना? 🙄
Priya Patil अक्तूबर 1 2025
सभी को शुभकामनाएँ, यह विस्तार वास्तव में समय बचाएगा। लेकिन याद रखें, दस्तावेज़ों को सही ढंग से अपडेट करना भी जरूरी है। त्वरित फ़ाइलिंग से सभी को लाभ होगा।
Maneesh Rajput Thakur अक्तूबर 1 2025
यहाँ तक कि अफवाहें हैं कि इस विस्तार के पीछे कुछ बड़े सरकारी योजनाओं का छुपा मकसद है, शायद वित्तीय वर्ष के अंत में राजस्व में कमी को छुपाने के लिये। जबकि सार्वजनिक रूप से यह सिर्फ़ ‘राहत’ के रूप में पेश किया जा रहा है, वास्तविक इरादा शायद अलग ही हो।
Govind Kumar अक्तूबर 1 2025
सभी करदाताओं को यह सूचना उपलब्ध कराई गई है और इसे ध्यानपूर्वक लागू करने की सलाह दी जा रही है। कृपया अपने वित्तीय दस्तावेज़ों को व्यवस्थित रूप से तैयार रखें तथा नियत समय सीमा का पालन करें।
Shubham Abhang अक्तूबर 1 2025
डेडलाइन में परिवर्तन?!!! यह तो बहुत ही अजीब बात है…!!! सभी को अब तुरंत तैयार होना चाहिए…!!! नहीं तो पेनाल्टी मारा जाएगा…!!!
Trupti Jain अक्तूबर 1 2025
वाह! आया नया राहत का पैकेट, तरीक़ों का मिश्रण, रंग‑बिरंगे शब्दों का जादू।
Rashi Nirmaan अक्तूबर 1 2025
ऐसी अस्थायी राहतें केवल तब तक फायदेमंद हैं जब तक वे राष्ट्रीय हितों को नुकसान न पहुंचाएं। सभी को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए और इस विस्तार का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।