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JF-17 थंडर: सब कुछ जो आपको जानना चाहिए

अगर आप भारतीय या पाकिस्तानी सेना की ड्रॉप्स को समझना चाहते हैं तो JF-17 थंडर को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस लेख में हम विमान की खासियत, इतिहास, और अभी चल रहे अपडेट पर बात करेंगे। पढ़ते रहिए, जानकारी आसान और साफ़ होगी।

JF-17 का इतिहास और विकास

JF-17 को चिंगिस खान एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (CASC) और पाकिस्तान के सैंगोइडिस्टर (PAC) ने मिलकर बनाया। 2000 के दशक में पहली बार इस पर चर्चा शुरू हुई और 2007 में पहली बार उड़ान भरी। पाकिस्तान की वायु सेना ने इसे फुर्तीला और सस्ता विकल्प माना, इसलिए तेजी से अपनाया।

विकास के दौरान कई बदलाव हुए। शुरुआती मॉडल में प्री‑फ़्लाइट सेंसर कम थे, लेकिन अब रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर पैकेज और एर्गो‑ऑप्टिक सिस्टम लगे हैं। इस वजह से विमान आज की लड़ाई में भी टिक सकता है।

तकनीकी स्पेसिफिकेशन और प्रदर्शन

JF-17 का वजन लगभग 6.2 टन है, मैक्स थ्रस्ट 27 kN वाले इंजन से चलाता है। 11 km की सेवा ऊँचाई और 2 Mach तक की रफ़्तार ये बताती है कि यह तेज़ और ऊँचा उड़ सकता है। फ्यूल इकॉनॉमी भी अच्छी है—एक घंटे में लगभग 2,500 kg फ्यूल लगती है।

हथियार प्रणाली में यूरोपीय और अमेरिकी बनावट वाले मिसाइल, जैसे कि AIM‑120 AMRAAM, और स्थानीय बनावट वाले PL‑9E शॉर्ट‑रेंज मिसाइल शामिल हैं। इंटेग्रेटेड रडार से मल्टी‑रोल लक्ष्य ट्रैकिंग संभव है, जिससे एक साथ कई दुश्मन को निपटा सकें।

इंटीरियर में दो पायलट सीट, डिजिटल फ़्लाइट डिस्प्ले और हेड‑अप डिस्प्ले है। इससे पायलट को सभी जरूरी डेटा एक जगह मिल जाता है, और ध्यान नहीं भटकता। नियंत्रण प्रणाली फ़ुल‑डिजिटल है, इसलिए रीएक्शन तेज़ है।

वास्तविक ऑपरेशन में JF-17 ने कई बार साबित किया है कि यह विमान सीमित बजट वाले देशों के लिए किफायती विकल्प है। यह कुछ हद तक फाइटर जेट्स की तुलना में हल्का है, पर आवश्यक सभी क्षमताएँ रखता है।

यदि आप JF-17 को भारत‑पाकिस्तान तनाव में देखते हैं, तो याद रखें कि यह विमान दो देशों की रणनीतिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों पक्ष इसको अपने एअरलिफ्ट में शामिल कर रहे हैं, और निरंतर अपग्रेड की योजना बना रहे हैं।

भविष्य की बात करें तो JF-17 के कई वेरिएंट पर काम चल रहा है। अगला वर्ज़न अधिक पावरफ़ुल इंजन, एन्हांस्ड रडार और स्टेल्थ फीचर ले सकता है। इससे यह आधुनिक फाइटर जेट्स के साथ प्रतिस्पर्धा में रह सकेगा।

सारांश में, JF-17 थंडर एक किफायती, बहुमुखी और प्रगतिशील लड़ाकू विमान है। इसका इतिहास, तकनीक और संभावनाएँ इसे एरोस्पेस उद्योग में खास बनाती हैं। आप अगर इस पर और गहराई से जानकारी चाहते हैं तो हमारे अपडेटेड लेख देखते रहें।

22 सितंबर 2025 को खैबर पख्तूनख्वा के तिराह वैली में पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स द्वारा किए गए हवाई हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए। चीनी‑निर्मित JF-17 जेट ने LS‑6 बूम पेस्टन गिराए। स्थानीय लोग इसे सैन्य हमले के रूप में बतलाते हैं, जबकि पुलिस इसे तालीबन सामग्री के विस्फोट के रूप में पेश करती है। विरोधी दल और मानवाधिकार आयोग ने कड़े जवाबदेही की मांग की है। सैन्य और सरकारी पक्ष अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दे पाए हैं।