पिछले हफ़्ते खैबर पख्तूनख्वा में एक अचानक हवाई हमला हुआ, जिससे स्थानीय लोग और ज़्यादा दूर तक रहे विदेशियों को हैरान कर दिया। अगर आप इस घटना के बारे में अभी‑अभी सुन रहे हैं तो यहाँ एक आसान समझ है जिससे आप पूरी तस्वीर समझ पाएँगे।
हवाई हमला लगभग सुबह 07:45 बजे हुआ, जब दो मिलिट्री जेट्स ने खैबर पख्तूनख्वा के पास स्थित एक महत्त्वपूर्ण सैन्य कैंप पर गोलीबारी की। पाकिस्तान की आधिकारिक टिप्पणी में कहा गया कि ये कार्रवाई उसी समय की गई जब वह कैंप भारतीय दहिशतवादियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। भारतीय आधिकारिक सूत्रों ने इसे “अप्रमेय” बताया और कहा कि कोई प्रमाण नहीं मिला।
रिपोर्टों के अनुसार, हवाई हमले में दो ड्रोन और दो फाइटर जेट्स शामिल थे। अधिकांश लक्ष्य कैंप के कमांड सेंटर, मिसाइल स्टोरेज और संचार उपकरण थे। हमले के बाद पक्षीय फायर कंट्रोल सेंटर ने बताया कि कुछ झंझटें बचे लेकिन अधिकांश लक्षित संरचनाएँ नष्ट हो गईं।
पहला असर प्रत्यक्ष नुकसान था। स्थानीय सिविलियन के बहुतेरे लोग अस्थायी रूप से खाली कर दिए गये, और कुछ गवाहों ने बताया कि दो सैनिक मारे गये और पाँच घायल हुए। 15‑20 किमी के दायरे में बिजली कटौती और टेलीफ़ोन लाइन में बाधा आई। इस घटना ने नजदीकी देशों में सुरक्षा चेतावनी जारी कर दी और भारतीय‑पाकिस्तानी तनाव को फिर से तीव्र कर दिया।
अमेरिका ने तुरंत एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह इस विरासत पर “उपयुक्त जाँच” करेगा और “स्थिरता” बनाए रखने के लिए सभी पक्षों से शांति की अपील करता है। चीन ने भी दोपहर में दोहराते हुए कहा कि सीमा‑नियंत्रण में कोई “कट्टरता” नहीं देखी जानी चाहिए। इन बयानों से स्पष्ट है कि इस हमला ने बड़ी शक्ति‑संतुलन को हिला दिया है।
भारत ने इस पर “आवश्यक रक्षात्मक उपाय” का उल्लेख किया और कहा कि वह अपनी सीमा पर सतर्कता बढ़ा रहा है। घरेलू मंचों पर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी हवाई निगरानी को और सुदृढ़ करना चाहिए और संकट के समय द्विपक्षीय संवाद को जारी रखना चाहिए।
स्थानीय स्तर पर, खैबर पख्तूनख्वा के लोग तनाव में हैं। कई व्यवसाय ने काम बंद कर दिया है, और स्कूल अस्थायी रूप से बंद हैं। सरकार ने राहत सामग्री और मेडिकल टीम भेजी है, लेकिन एंकर के अनुसार वितरण में अभी भी देरी है।
अगर आप इस घटना पर अपडेट चाहते हैं, तो अगले 24‑48 घंटों में आधिकारिक रिपोर्टें आएँगी और दोनों देशों के मध्य वार्ता के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी। अभी की स्थिति में, सुरक्षा सावधानियां अपनाना और भरोसेमंद स्रोतों से ही खबरें लेना सबसे बेहतर रहेगा।
22 सितंबर 2025 को खैबर पख्तूनख्वा के तिराह वैली में पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स द्वारा किए गए हवाई हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए। चीनी‑निर्मित JF-17 जेट ने LS‑6 बूम पेस्टन गिराए। स्थानीय लोग इसे सैन्य हमले के रूप में बतलाते हैं, जबकि पुलिस इसे तालीबन सामग्री के विस्फोट के रूप में पेश करती है। विरोधी दल और मानवाधिकार आयोग ने कड़े जवाबदेही की मांग की है। सैन्य और सरकारी पक्ष अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दे पाए हैं।