जब बात महाराष्ट्र सरकार, भारत के सबसे आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों में से एक, जो विभिन्न सामाजिक और विकासात्मक पहल चलाती है. इसे अक्सर MS सरकार कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य की आर्थिक और राजनीतिक दिशा तय करती है.
एक प्रमुख राज्य योजना, विखरते सामाजिक अंतर को घटाने और बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिये तैयार की गई कार्यसूचियों का समूह है. इन योजनाओं में कृषि सब्सिडी, स्वच्छता अभियान और शिक्षा सुधार शामिल हैं. महाराष्ट्र सरकार इन योजनाओं को लागू करने के लिये बहुस्तरीय निरीक्षण प्रणाली अपनाती है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है. इस प्रकार "महाराष्ट्र सरकार" और "राज्य योजना" के बीच सीधा संबंध बनता है: सरकार योजनाओं को निधि देती है, योजनाएँ विकास के लक्ष्य निर्धारित करती हैं.
प्रत्येक वित्तीय वर्ष में वित्तीय बजट, राज्य की आय-व्यय को संतुलित करने वाली योजना, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये विशिष्ट कोटा निर्धारित किया जाता है तैयार किया जाता है. बजट का महत्व इस बात में है कि यह "महाराष्ट्र सरकार" को अपने विकास लक्ष्य हासिल करने के लिये आवश्यक संसाधन प्रदान करता है. बजट से तय होता है कि कौन‑सी योजना को प्राथमिकता मिलेगी और कौन‑से प्रोजेक्ट तुरंत शुरू हो सकते हैं. इसलिए "वित्तीय बजट" का "महाराष्ट्र सरकार" पर सीधा प्रभाव पड़ता है: बजट के बिना कोई भी योजना कार्यान्वित नहीं हो सकती.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि बजट में निरंतरता हेतु "महाराष्ट्र विधानसभा" का समर्थन आवश्यक है. महाराष्ट्र विधानसभा, राज्य के विधायी मूलभूत अंग, जहाँ विधेयक बनते और संशोधित होते हैं भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती है. जब विधानसभा बजट को मंजूरी देती है, तो वह सरकार के कार्यों को कानूनी रूप देती है. इस प्रकार "महाराष्ट्र सरकार" को "महाराष्ट्र विधानसभा" से अनुमोदन चाहिए, और विधानसभा को सरकार की नीतियों का समर्थन करना पड़ता है. यह द्विपक्षीय तालमेल विकास की गति को तेज़ करता है.
इन तीन मुख्य इकाइयों—"महाराष्ट्र सरकार", "राज्य योजना", "वित्तीय बजट"—के बीच कई अन्य कनेक्शन भी होते हैं. उदाहरण के तौर पर, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं अक्सर बजट में विशेष रूप से उल्लेखित होती हैं, जिससे योजनाओं की सफलता का आँकड़ा बनता है. इसी तरह, विधानसभा में बजट पर चर्चा करने से नीतियों में स्थानीय जरूरतों के अनुसार बदलाव संभव हो पाता है. यह जटिल लेकिन प्रभावी नेटवर्क दर्शाता है कि कैसे राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक पहलू एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं.
वर्तमान में "महाराष्ट्र सरकार" ने कई नई पहलों की घोषणा की है: जल संरक्षण के लिये "जल अर्बन मिशन", डिजिटल शिक्षा के लिये "स्मार्ट कक्षा" और स्वास्थ्य क्षेत्र में "परिवार स्वास्थ्य कार्ड". इन सभी पहलों का मूल आधार बजट में तय किया गया है और उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी राज्य योजना विभाग की है. इस प्रकार प्रत्येक नई योजना के पीछे एक व्यवस्थित प्रक्रिया छिपी होती है—बजट से फंडिंग, योजना से कार्यान्वयन, और विधानसभा से कानूनी शक्ति.
आपको अभी नीचे सूचीबद्ध लेखों में ये सभी पहल और उनका विस्तृत विश्लेषण मिलेगा. चाहे आप बजट की गहरी समझ चाहते हों, नई योजनाओं के लाभ जानना चाहते हों, या विधानसभा की चर्चाओं पर नज़र रखना चाहते हों—यहाँ सब कुछ कवर किया गया है. आगे पढ़ते रहिए और महाराष्ट्र सरकार के हर कदम से जुड़ी ताज़ा जानकारी हासिल करें.
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