मेलमरुवथूर एक ऐसा स्थान है जहाँ राजनीति सिर्फ चुनावी नारे नहीं, बल्कि गाँव के हर घर की बात बन जाती है। मेलमरुवथूर, तमिलनाडु के चेन्नई जिले में स्थित एक छोटा नगर जो राजनीतिक बदलावों का एक अनूठा मॉडल प्रस्तुत करता है। यहाँ के लोग अपने नेताओं को सिर्फ वोट देने से नहीं, बल्कि उनकी दिनचर्या, रास्तों की स्थिति और पानी की आपूर्ति तक पर नज़र रखते हैं। यह शहर भारत के छोटे शहरों की एक ऐसी दुनिया का प्रतीक है जहाँ लोकतंत्र असली तौर पर काम करता है।
मेलमरुवथूर के लोग अपने स्थानीय नेताओं को बहुत करीब से देखते हैं। एक नेता जो बाजार में जाकर बात करता है, वही अगले दिन नदी के किनारे बने नहर की जाँच करता है। राजनीति, यहाँ केवल चुनाव का नाम नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का हिस्सा है। यही कारण है कि यहाँ के चुनाव अक्सर राष्ट्रीय चुनावों के नतीजों से भी ज्यादा सटीक होते हैं। जब तक यहाँ का एक बच्चा अपने घर के बाहर नहाने के लिए पानी पा ले, तब तक यहाँ की सरकार अपना काम पूरा नहीं मानती।
स्थानीय विकास, मेलमरुवथूर में सड़कों के निर्माण से लेकर बिजली की आपूर्ति तक का जिम्मा स्थानीय पंचायत के हाथ में है। यहाँ कोई भी योजना बनाने से पहले लोगों की बात सुनता है। यही वजह है कि यहाँ के गाँवों में अक्सर अच्छी बुनियादी ढांचा व्यवस्था होती है। यहाँ के लोग अपने शहर को बदलने का दावा नहीं करते, बल्कि छोटे-छोटे कदम उठाते हैं। एक बार बिजली आई तो लोगों ने बिजली के खाते का लेखा-जोखा शुरू कर दिया। एक बार नहर बनी तो लोगों ने उसकी सफाई का ग्रुप बना लिया।
मेलमरुवथूर की खबरें आपको बताती हैं कि भारत की असली ताकत दिल्ली या मुंबई में नहीं, बल्कि इन्हीं छोटे शहरों में छिपी है। यहाँ के लोग बड़े नारों की बजाय छोटे बदलावों को अपनाते हैं। यहाँ का एक नेता अगर बाजार में जाकर बात करता है, तो उसकी लोकप्रियता बढ़ जाती है। यहाँ का एक बच्चा अगर स्कूल जाता है, तो पूरा गाँव खुश हो जाता है।
इस पेज पर आपको मेलमरुवथूर से जुड़ी वास्तविक घटनाएँ, लोगों की कहानियाँ और उनके सामने आने वाली चुनौतियाँ मिलेंगी। यहाँ की खबरें आपको बताएँगी कि कैसे एक छोटा सा शहर भारत के बड़े बदलावों का हिस्सा बन रहा है।
दक्षिण रेलवे ने दिवाली के लिए तम्बारम-सेंगोट्टई विशेष ट्रेन चलाई, जो मेलमरुवथूर स्टेशन पर रुकती है। यह भक्तों की यात्रा को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।