नोबेल पुरस्कार सिर्फ तल़वारे पर तवाज़ो नहीं है — यह विज्ञान, शांति और साहित्य की दिशा बदलने वाला संकेत भी है। आप चाहे छात्र हों, शोधकर्ता हों या सिर्फ खबरों पर नजर रखने वाले पाठक, इस टैग पर आपको विजेताओं की जानकारी, उनके काम का असर और भारत से जुड़ी प्रतिक्रियाएँ मिलेंगी।
नोबेल पुरस्कार छह प्रमुख श्रेणियों में दिया जाता है: भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा/फिजियोलॉजी, साहित्य, शांति और आर्थिक विज्ञान (स्वीडिश बैंक का विशेष पुरस्कार)। हर विजेता का योगदान उस क्षेत्र में बड़ा बदलाव या नई समझ पैदा करता है। पुरस्कार की घोषणा अक्टूबर में होती है और 10 दिसंबर को समारोह होता है (शांति पुरस्कार ऑस्लो में दिया जाता है)।
पेच क्या है — नामांकन गुप्त रहते हैं और 50 साल बाद सार्वजनिक किए जाते हैं। इसलिए कई बार पुरस्कार पर चर्चा-तर्क और विवाद भी देखने को मिलता है। हम यही सब सरल भाषा में समझाते हैं ताकि आप जल्दी से समझ सकें कि किसी जीत का मतलब क्या है।
हम न्यूज़ ब्रेक, विजेताओं की प्रोफाइल, विशेषज्ञों के कमेंट और उनके काम का असर—सब सीधे और साफ तरीके से देते हैं। उदाहरण के तौर पर: जब किसी भारतीय मूल के विद्वान को पुरस्कार मिलता है, तो हम उनके शोध का देश के लिए क्या मतलब है, फंडिंग और नीतिगत असर पर भी रिपोर्ट करते हैं।
यहां मिलने वाली चीजें — विजेता का संक्षिप्त बायो, उनके काम की दुनिया में उपयोगिता, आलोचनाएँ और प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों पर तुलना। साथ ही आसान एक्सप्लेनर: किसी शोध का बुनियादी विचार क्या है और आम जिंदगी में उसका क्या असर हो सकता है।
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जेफ्री हिन्टन, जो एक प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं, को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स पर उनके बुनियादी काम के लिए भौतिकी में 2024 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। हिन्टन ने यह पुरस्कार जॉन हॉपफील्ड के साथ साझा किया है। उनके काम ने आधुनिक मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग प्रौद्योगिकी की नींव रखी है। हिन्टन की राय में AI के संभावित खतरे उभर रहे हैं और उनका मानना है कि AI जल्दी ही मनुष्यों से अधिक स्मार्ट हो सकता है।