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सुनामी अलर्ट: जानें क्या होता है और तुरंत कैसे सुरक्षित रहें

समुद्र से आने वाली बड़ी लहरें अचानक जीवन पर असर डाल सकती हैं। सुनामी अलर्ट वही संदेश है जो सरकार या आपदा एजेंसियां देती हैं ताकि लोग समय पर सुरक्षित जगह पहुंच सकें। क्या करें यह जानना बचाव के लिए जरूरी है—यहाँ सरल और सीधा तरीका बताया गया है।

सुनामी अलर्ट कौन जारी करता है और कैसे?

भारत में मुख्य रूप से INCOIS (इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इनफोर्मेशन सर्विसेज) और मौसम विभाग सौंपे गए मॉनिटरिंग और चेतावनी के काम करते हैं। जब समुद्री भूकंप, ज्वालामुखी या समुद्री घटनाएँ बड़ी लहर पैदा कर सकती हैं, तो ये संस्थान समुद्री स्तर, सिस्मोग्राफ और मॉडल का उपयोग करके अलर्ट जारी करते हैं। स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन केंद्र और मीडिया के माध्यम से चेतावनी आम जनता तक पहुँचती है। इसके अलावा मोबाइल अलर्ट, रेडियो, टीवी और तटीय सायरन भी उपयोग में आते हैं।

सतर्क रहने के सरल संकेत

कब तुरंत भागना चाहिए? कुछ संकेत सीधे समझ में आते हैं: 1) समुद्र का अचानक पीछे हटना—समुद्र किनारे से असामान्य रूप से दूर चला जा रहा हो। 2) ज़ोरदार भूचाल या जमीन का हिलना—यदि तटीय इलाकों में आप भूकंप महसूस करते हैं, तुरंत सतर्क हो जाएं। 3) समुद्र की तरफ तेज, अजीब आवाज़ें जैसे गड़गड़ाहट। 4) आधिकारिक संदेश—मोबाइल अलर्ट, रेडियो या लोकल प्रशासन का निर्देश। इन संकेतों में से कोई भी दिखे तो समय गंवाए बिना ऊँची जगह की ओर जाएँ।

याद रखें: अगर आप तटीय क्षेत्र में हैं और इन संकेतों में से कोई दिखे तो समुद्र की तरफ मत जाएँ, फोटो लेने की कोशिश न करें।

फौरन करने लायक कदम

1) ऊँचे या आन्तरिक (inland) इलाके की ओर तुरंत चले जाएँ; अगर पास में ऊँची इमारत हो तो ऊपर जाएँ। 2) रेडियो/मॉबाइल से आधिकारिक निर्देश सुनें और अनावश्यक बाहर न निकलें। 3) परिवार के साथ पहले से तय इमरजेंसी प्लान रखें—मिलने की जगह, जरूरी दवाइयाँ और दस्तावेज रखने वाली कैरी-बैग तैयार रखें। 4) बिजली और गैस बंद करें यदि समय मिले। 5) बच्चों, बुजुर्गों और पड़ोसियों की मदद करें; पालतू जानवरों को साथ रखें। 6) तब तक वापस न लौटें जब तक स्थानीय प्रशासन "All Clear" न दे।

छोटा सा इमरजेंसी किट रखें: पानी, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च, पावर बैंक, पहचान-पत्र और नकद। मोबाइल में INCOIS/NDMA के अलर्ट ऐप इंस्टॉल कर लें।

कौन से राज्य अधिक रिस्की हैं? अंडमान-निकोबार, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और गुजरात तटीय जोखिम में आते हैं। यदि आप इन इलाकों में रहते हैं तो समुदाय स्तर पर ड्रिल्स और आपदा योजना में जरूर शामिल हों।

सुनामी अलर्ट पर त्वरित और सही कदम बचाव का सबसे बड़ा साधन है। अपने परिवार के साथ योजना बनाइए, अलर्ट सब्सक्राइब कर लीजिए और तटीय संकेतों को गंभीरता से लें। यही छोटे कदम बड़ी सुरक्षा देते हैं।

2 मई 2025 को अर्जेंटीना और चिली के दक्षिणी तटों पर 7.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे सुनामी अलर्ट जारी हुआ और तटीय इलाकों में आपातकालीन निकासी शुरू हुई। अधिकारियों ने त्वरित सुरक्षा उपाय किए, हालांकि कोई बड़ा नुकसान या हताहत नहीं हुआ।