2 मई 2025 की सुबह थोड़ी अलग थी। दक्षिणी अर्जेंटीना और चिली के शांत किनारों पर अचानक धड़कनें तेज हो गईं, जब 7.4 तीव्रता का जोरदार भूंकप आया। ये झटके ड्रेक पैसेज में उसुआइया से लगभग 173-219 किलोमीटर दूर महसूस किए गए—यह जगह दुनिया के सबसे दक्षिणी शहर, उसुआइया, के इतने करीब है कि यहां के लोग डर के मारे रातभर जागते रहे।
भूकंप के फौरन बाद अर्जेंटीना की सुनामी अलर्ट प्रणाली ने अपने तटीय इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया। चिली में स्ट्रेट ऑफ मैगेलन और अंटार्कटिक क्षेत्र के लिए तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ऊंचाईयों की ओर भेजने के आदेश दिए गए। पता चला कि इन आदेशों के बाद कई गांव एकदम खाली हो गए। खासकर पुर्तो अल्मांजा और आसपास के बस्तियों के लोग, जो उसुआइया के पास रहते हैं, जल्दी से जल्दी अपने जरूरी सामान समेटकर निकले। ठंडी हवाओं और बर्फीले मौसम के बावजूद, डर और सतर्कता दोनों चेहरे पर साफ देखे जा सकते थे।
अर्जेंटीना के नागरिक सुरक्षा मंत्रालय ने बीगल चैनल में तैराकी, नौकायन और बाकी जल गतिविधियां तत्काल रोक दीं—कोई जोखिम लेने की जरूरत नहीं थी। बचाव कर्मी, लोकल पुलिस, और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी मुस्तैदी से तैयार रहे। हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर आपातकालीन टीमों की तैनाती कर दी गई। हालांकि शुरुआती घंटों में किसी बड़े नुकसान या किसी की जान जाने की खबर सामने नहीं आई, लेकिन झटके की तीव्रता के हिसाब से भी इसकी आशंका जताई जा रही थी कि आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। देश की आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लगातार चेतावनी देती रहीं, जिससे लोग घरों से निकलकर सुरक्षित ठिकानों की ओर बढ़े। अंटार्कटिका के छोटे बेस कैम्प भी सतर्क कर दिए गए। अमेरिका के ब्यूनस आयर्स स्थित दूतावास ने अपने नागरिकों को स्थानीय अलर्ट पर नजर रखने और यात्रा योजनाओं की दोबारा जांच की सलाह दी।
जब आप सोच रहे होते हैं कि अब क्या होगा, तब सुरक्षा एजेंसियां पूरे ऐक्शन में आ चुकी थीं। अर्जेंटीना और चिली दोनों देशों के अधिकारियों ने सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों पर पल-पल की अपडेट ही नहीं दी, बल्कि भूकंप से जुड़े जरूरी निर्देश लगातार लोगों तक पहुंचाए। तट के आस-पास रहने वाले लोगों को समझाया गया कि पानी से दूर ही रहें, बच्चों को खास सावधानी से रखा जाए। मौसम विज्ञानियों ने भी चेतावनी दी कि समुद्र की लहरें अचानक बढ़ सकती हैं—और यही वजह थी कि लोग रातभर अलर्ट पर रहे।
हालांकि किसी इमारत को नुकसान या बड़ी दुर्घटना नहीं घटी, मगर इस भूकंप ने एक बार फिर साफ कर दिया कि दक्षिणी छोर पर बसे इन शहरों में हमेशा जोखिम रहता है। यहां मौसम पहले ही जटिल रहता है—ऊपर से भूकंप, फिर सुनामी का खतरा, ऐसे में स्थानीय लोग अनुभवहीन नहीं हैं, लेकिन हर बार डर और तनाव की लहरें नई होती हैं।
अब अधिकारी हालात सामान्य करें, उसके बाद जांच होगी कि आखिर इतना तेज झटका क्यों आया। फिलहाल, राहत इसी बात में है कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ, पर खतरा तो अब भी धीरे-धीरे घूम ही रहा है।
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