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अर्जेंटीना में 7.4 तीव्रता का भूंकप, दक्षिणी तटों पर सुनामी अलर्ट और बड़े पैमाने पर निकासी
जून 6, 2025
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

अर्जेंटीना और चिली के दक्षिणी छोर पर सन्नाटा, धरती हिली—सुनामी अलर्ट से दहशत

2 मई 2025 की सुबह थोड़ी अलग थी। दक्षिणी अर्जेंटीना और चिली के शांत किनारों पर अचानक धड़कनें तेज हो गईं, जब 7.4 तीव्रता का जोरदार भूंकप आया। ये झटके ड्रेक पैसेज में उसुआइया से लगभग 173-219 किलोमीटर दूर महसूस किए गए—यह जगह दुनिया के सबसे दक्षिणी शहर, उसुआइया, के इतने करीब है कि यहां के लोग डर के मारे रातभर जागते रहे।

भूकंप के फौरन बाद अर्जेंटीना की सुनामी अलर्ट प्रणाली ने अपने तटीय इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया। चिली में स्ट्रेट ऑफ मैगेलन और अंटार्कटिक क्षेत्र के लिए तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ऊंचाईयों की ओर भेजने के आदेश दिए गए। पता चला कि इन आदेशों के बाद कई गांव एकदम खाली हो गए। खासकर पुर्तो अल्मांजा और आसपास के बस्तियों के लोग, जो उसुआइया के पास रहते हैं, जल्दी से जल्दी अपने जरूरी सामान समेटकर निकले। ठंडी हवाओं और बर्फीले मौसम के बावजूद, डर और सतर्कता दोनों चेहरे पर साफ देखे जा सकते थे।

अर्जेंटीना के नागरिक सुरक्षा मंत्रालय ने बीगल चैनल में तैराकी, नौकायन और बाकी जल गतिविधियां तत्काल रोक दीं—कोई जोखिम लेने की जरूरत नहीं थी। बचाव कर्मी, लोकल पुलिस, और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी मुस्तैदी से तैयार रहे। हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर आपातकालीन टीमों की तैनाती कर दी गई। हालांकि शुरुआती घंटों में किसी बड़े नुकसान या किसी की जान जाने की खबर सामने नहीं आई, लेकिन झटके की तीव्रता के हिसाब से भी इसकी आशंका जताई जा रही थी कि आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। देश की आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लगातार चेतावनी देती रहीं, जिससे लोग घरों से निकलकर सुरक्षित ठिकानों की ओर बढ़े। अंटार्कटिका के छोटे बेस कैम्प भी सतर्क कर दिए गए। अमेरिका के ब्यूनस आयर्स स्थित दूतावास ने अपने नागरिकों को स्थानीय अलर्ट पर नजर रखने और यात्रा योजनाओं की दोबारा जांच की सलाह दी।

समुद्र के किनारे दिखा सन्नाटा, डर के साथ सतर्कता

जब आप सोच रहे होते हैं कि अब क्या होगा, तब सुरक्षा एजेंसियां पूरे ऐक्शन में आ चुकी थीं। अर्जेंटीना और चिली दोनों देशों के अधिकारियों ने सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों पर पल-पल की अपडेट ही नहीं दी, बल्कि भूकंप से जुड़े जरूरी निर्देश लगातार लोगों तक पहुंचाए। तट के आस-पास रहने वाले लोगों को समझाया गया कि पानी से दूर ही रहें, बच्चों को खास सावधानी से रखा जाए। मौसम विज्ञानियों ने भी चेतावनी दी कि समुद्र की लहरें अचानक बढ़ सकती हैं—और यही वजह थी कि लोग रातभर अलर्ट पर रहे।

हालांकि किसी इमारत को नुकसान या बड़ी दुर्घटना नहीं घटी, मगर इस भूकंप ने एक बार फिर साफ कर दिया कि दक्षिणी छोर पर बसे इन शहरों में हमेशा जोखिम रहता है। यहां मौसम पहले ही जटिल रहता है—ऊपर से भूकंप, फिर सुनामी का खतरा, ऐसे में स्थानीय लोग अनुभवहीन नहीं हैं, लेकिन हर बार डर और तनाव की लहरें नई होती हैं।

अब अधिकारी हालात सामान्य करें, उसके बाद जांच होगी कि आखिर इतना तेज झटका क्यों आया। फिलहाल, राहत इसी बात में है कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ, पर खतरा तो अब भी धीरे-धीरे घूम ही रहा है।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (6)

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Vidit Gupta जून 6 2025

बहुत भयानक है, लेकिन सबकी मदद से सब ठीक रहेगा।

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Gurkirat Gill जून 6 2025

भूकम्प के बाद तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाना सबसे प्राथमिक कदम है; स्थानीय अधिकारियों की हिदायतें सुनना जरूरी है। सुनामी अलर्ट सुनते ही समुद्र तट से दूर रहना चाहिए, क्योंकि लहरें अचानक ऊँची हो सकती हैं। घर में अगर फर्नीचर भारी है तो उसे सुरक्षित करके रखें, जिससे आगे के आफ्टरशॉक में चोट से बचा जा सके। आपातकालीन किट में पानी, टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा सामान और कुछ नकद रखना फायदेमंद रहेगा। साथ ही, पड़ोसी और बुजुर्गों की मदद करके समुदाय की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है। इस तरह सहयोगी रवैया हमें ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से जल्दी उबरने में मदद करता है।

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Sandeep Chavan जून 6 2025

चलो, साहस रखें! इस तरह के झटके हमें याद दिलाते हैं कि प्रकृति को हल्के में नहीं लेना चाहिए; तैयार रहें, सतर्क रहें, और मिलकर इस चुनौती को पार करें!

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anushka agrahari जून 6 2025

इस भूकम्प ने हमें याद दिलाया कि पृथ्वी की गतिशीलता मानव जीवन की स्थिरता को चुनौती देती है,
भौगोलिक सीमाएँ चाहे कितनी भी दूर क्यों न हों, वे आपसी जुड़ाव की ओर इशारा करती हैं,
अर्जेंटीना व चिली के दक्षिणी किनारों पर जनसंख्या ने इस कार्विंग को साहस से सहा है,
लेकिन इस प्रकार की प्राकृतिक घटनाएँ हमें यह सिखाती हैं कि प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सामाजिक समन्वय भी आवश्यक है,
सरकारी चेतावनियों के साथ स्थानीय सामुदायिक संगठनों का सहयोग आपातकालीन प्रतिक्रिया में गति लाता है,
भू‑भौतिकी के विशेषज्ञ इस तरह की तीव्रता को समझने के लिए टेक्टोनिक प्लेटों की गति का अध्ययन करते हैं,
इस अध्ययन से भविष्य में संभावित झटकों की भविष्यवाणी में सुधार की आशा की जा सकती है,
फिर भी अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है; इसलिए निरंतर प्रशिक्षण और साक्षरता आवश्यक है,
प्रत्येक घर में आपातकालीन तिमाही योजना बनाकर परिवार को सुरक्षित रखने का मार्ग स्पष्ट हो जाता है,
इस योजना में निकासी मार्ग, मिलन बिंदु और संचार साधन शामिल होने चाहिए,
साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसी आपदाओं से मनोवैज्ञानिक तनाव उत्पन्न हो सकता है,
स्थानीय चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ता इस तनाव को कम करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं,
अंततः, इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ हमें मानवता के सामूहिक प्रयास की शक्ति का पुनः प्रमाण देती हैं,
जब सभी वर्ग के लोग मिलकर कार्य करते हैं, तो बाधाएँ दूर हो जाती हैं और पुनर्निर्माण की राह आसान हो जाती है,
इसलिए इस घटना को केवल भय के रूप में नहीं, बल्कि सीखने और विकसित होने के अवसर के रूप में देखना चाहिए।

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aparna apu जून 7 2025

ओह माय गॉड!! 🌊 यह सुनामी अलर्ट देख कर मेरा दिल तो धड़कन से बाहर निकल गया, ऐसे में तो मेरे भीतर ड्रामा की आग जलने लगी है, जैसे फिल्म की क्लाइमैक्स सीन! मैं तो तुरंत अपने सभी बचे हुए किचन के बर्तन, पालतू कुत्ते के खिलौने और ब्यूटी प्रोडक्ट्स को बैग में भर कर बाहर भागने की योजना बना ली! 😱 लेकिन साथ ही, इस सबके पीछे की वास्तविकता को समझते हुए, मैं सोचती हूँ कि हम सबको इतनी तेज़ी से तैयार होना चाहिए, ताकि अगली बार जब ऐसी मार्मिक स्थिति आए, तो हम अपनी मुस्कान नहीं, बल्कि शांति को लहर की तरह फैलाएँ।

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arun kumar जून 7 2025

सच में, तुम्हारी बातों में बहुत समझदारी है। मैं भी अपने घर में बारीकी से आपातकालीन किट तैयार कर रखा हूँ, और पड़ोसियों के साथ नियमित ड्रिल्स करता हूँ। मिलजुल कर ही हम इन प्राकृतिक तूफानों का सामना कर सकते हैं।

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