ऊपर

वसीयत कैसे बनाएं: सरल और व्यवहारिक मार्गदर्शिका

क्या आपने सोचा है कि आपकी अंतिम इच्छा साफ़ तरीके से दर्ज हो? वसीयत लिखना ऐसे ही एक छोटा पर असरदार कदम है। यह न सिर्फ आपकी संपत्ति का बंटवारा तय करता है बल्कि परिवार के झगड़ों को भी रोकता है। नीचे सीधे और उपयोगी तरीके बताये गए हैं ताकि आप अभी कार्रवाई कर सकें।

वसीयत क्या होनी चाहिए और कौन बना सकता है

वसीयत एक लिखित दस्तावेज़ है जिसमें आप बताते हैं कि आपकी मृत्यु के बाद आपकी संपत्ति किसे मिलेगी। भारत में 18 साल या उससे अधिक उम्र का किसी भी व्यक्ति द्वारा वसीयत बनाई जा सकती है। मानसिक रूप से सक्षम होना जरूरी है — यानी जो व्यक्ति वसीयत बना रहा है उसे अपनी संपत्ति और परिणामों की समझ होनी चाहिए।

वसीयत में शामिल चीज़ें स्पष्ट और ठोस होनी चाहिए: संपत्ति का विवरण (जैसे जमीन, बैंक खाते, निवेश, गाड़ी), हर संपत्ति का निर्दिष्ट उत्तराधिकारी, और किसी विशेष वस्तु के लिए अलग निर्देश। अस्पष्ट शब्दों से बचें — नाम और पहचान (आधार, जन्मदिन) जोड़ दें।

कदम-दर-कदम: वसीयत कैसे बनाएं

1) खुद स्पष्ट सोचें: किसे क्या मिलेगा — सूची बना लें।

2) लिखें: आप वसीयत हाथ से (हस्तलिखित) या टाइप करवा कर लिख सकते हैं। हस्तलिखित वसीयत स्वीकार्य है, पर टाइप और हस्ताक्षर करना बेहतर होता है।

3) गवाहों का होना: कम से कम दो स्वतंत्र गवाह वसीयत पर हस्ताक्षर करें। गवाहों का संबंध लाभार्थियों से नहीं होना चाहिए।

4) तारीख और स्थान लिखें और अपने हस्ताक्षर अवश्य करें।

5) रजिस्ट्रेशन: वसीयत को रजिस्टर करवाना अनिवार्य नहीं है, पर रजिस्ट्रेशन करने से विवाद कम होते हैं और बाद में probate में मदद मिलती है।

6) सहेजना: मूल दस्तावेज सुरक्षित स्थान पर रखें — बैंक लाकर, लॉकर या भरोसेमंद वकील के पास। परिवार को बताना न भूलें कि वसीयत कहाँ रखी है।

7) अद्यतन करें: जीवन में बड़े बदलाव (शादी, जन्म, तलाक, संपत्ति की बढ़ोतरी) पर वसीयत बदल दें। नई वसीयत लिखने से पुरानी स्वतः रद्द मानी जा सकती है, पर स्पष्ट रूप से लिखना बेहतर है।

अक्सर होने वाली गलतियाँ जिनसे बचें: अस्पष्ट भाषा, गवाह का निष्क्रिय होना, मौखिक वसीयत पर भरोसा, या वसीयत रखना बिना किसी दूसरे को बताये। ये चीज़ें बाद में लम्बे कानूनी विवाद पैदा कर सकती हैं।

यदि आपके मामले में जटिल निवेश, व्यवसाय साझेदारी, या अंतरराष्ट्रीय संपत्ति है तो एक वकील से सलाह लें। छोटा परिवार या सीमित संपत्ति हो तो आप सरल वसीयत खुद भी बना सकते हैं, पर हमेशा स्पष्ट और दस्तावेजी रखें।

अंत में, वसीयत सिर्फ कागज़ नहीं—यह आपके परिवार को सुरक्षा देती है। थोड़ी मेहनत और सही तरीके से तैयार वसीयत आने वाली पीढ़ियों के लिए परेशानी घटा सकती है। अगर आप आगे के कानूनी कदम जानना चाहते हैं तो अपने स्थानीय वकील या नोटरी से संपर्क करें।

रतन टाटा जी की 10,000 करोड़ रुपये की वसीयत में शंतनु नायडू समेत कई लाभार्थियों का नाम शामिल किया गया है। इसमें नायडू की विदेश शिक्षा खर्च और "द गुडफेलोज" में उनकी हिस्सेदारी से हाथ धोया गया है। टाटा ने अपनी संपत्ति में अलिबाग का बीच बंगला, जुहू तारा रोड पर मकान, और टाटा संस की हिस्सेदारी जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियां भी सम्मिलित की हैं।