क्या आपने कभी सोचा है कि एक सिगरेट या तंबाकू का छोटा-सा पैकेट आपकी और आपके घरवालों की सेहत पर कितना असर डाल सकता है? हर साल 31 मई को WHO के निर्देश पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन याद दिलाता है कि तंबाकू केवल धूम्रपान नहीं है — पान, गुटखा, झरचा और तम्बाकू से बने अन्य उत्पाद भी उतने ही खतरनाक हैं।
इस पेज पर आपको सरल और सीधी जानकारी मिलेगी: तंबाकू से जुड़ा स्वास्थ्य जोखिम, भारत में लागू नियम, और तुरंत अपनाने योग्य छोड़ने के उपाय। अगर आप खुद छोड़ना चाहते हैं या किसी की मदद करना चाहते हैं, तो ये बातें काम आएंगी।
तंबाकू फेफड़ों, दिल, खून की नालियों और कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। तंबाकू खाने या चबाने से भी मुंह, गले और पाचन तंत्र संबंधी कैंसर का खतरा बढ़ता है। आप व परिजन सिर्फ सक्रिय धूम्रपान से नहीं बल्कि पासिव धुएं से भी प्रभावित होते हैं — बच्चों और बुज़ुर्गों को खास खतरा रहता है।
धूम्रपान छोड़ने से स्वास्थ्य में फर्क तुरंत दिखता है: कुछ घंटों में ब्लड प्रेशर और श्वसन में सुधार आता है, महीनों में फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और सालों में दिल व कैंसर का जोखिम घटता है।
भारत में COTPA 2003 जैसे नियमों के तहत सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है और पैकेट पर चेतावनी अनिवार्य है। कई राज्य और नगरपालिकाएँ सख्त नियम लागू करती हैं ताकि सार्वजनिक स्थान, काम के स्थान और स्कूलों को तंबाकू-मुक्त रखा जा सके।
मदद चाहिए? सरकार और स्वास्थ्य संस्थान कई सुविधाएँ देते हैं — मोबाइल टेक्स्ट कार्यक्रम (मCessation), सरकारी स्वास्थ्य केंद्र और स्थानीय कैन्सलिंग प्रोग्राम। आप नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर या सामाजिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़कर व्यक्तिगत योजना बना सकते हैं।
तंबाकू छोड़ने के आसान कदम:
कैसे जुड़ें या मदद करें: आप अपने घर को स्मोक-फ्री कर सकते हैं, स्कूलों में जागरूकता बढ़ा सकते हैं, या सोशल मीडिया पर #तंबाकूनिषेधदिवस जैसी मुहिमों में हिस्सा ले सकते हैं। अगर किसी को मेडिकल सहायता चाहिए तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र या सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से संपर्क करें।
आज एक छोटा कदम ही बड़ा फर्क ला सकता है — खुद के लिए या किसी प्रिय के लिए। अगर आप तैयार हैं, तो आज ही शुरुआत कीजिए।
31 मई को एनटीपीसी बोंगाइगांव ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर कई प्रभावशाली कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य तंबाकू मुक्त कार्यस्थल और जीवनशैली को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर कर्मचारियों और सहयोगियों को तंबाकू से मुक्त रहने की प्रतिज्ञा दिलाई गई और एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। एनटीपीसी बोंगाइगांव के इन प्रयासों से स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता झलकती है।