जब राहुल वर्मा, इंजीनियरिंग स्नातक और Reddit ने 29 मई 2025 को चेन्नई यूएस एम्बेसी में 8:00 एएम स्लॉट के साथ अपने F‑1 वीज़ा इंटरव्यू में सिर्फ 45 सेकंड में सफलता पाई, तो कई छात्रों ने आशा की नई किरण देखी। इस संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली अनुभव ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी, जहाँ अन्य प्रार्थियों की अस्वीकृति की लंबी कतारों का खरा सिंहावलोकन भी था।
पिछले सालों में अमेरिकी छात्र वीज़ा नीति में कई हलचलें रही हैं। ट्रम्प प्रशासन के दौरान हजारों छात्र वीज़ा रद्द किए गए, और फिर 2024‑2025 में महामारी‑पश्चात बुकिंग फ्रीज़ के कारण अपॉइंटमेंट स्लॉट बहुत सीमित हो गए। आज‑कल, कोलकाता और दिल्ली जैसे केंद्रों में औसत प्रतीक्षा समय 45‑60 दिन तक पहुंच चुका है, जबकि कई छात्र लाखों रुपये के ट्यूशन, रूम बोर्ड, और फ्लाइट बुकिंग का जोखिम उठाते हैं।
ऐसी ही पृष्ठभूमि में, University of Michigan–Dearborn ने भारतीय छात्रों को आकर्षित किया, क्योंकि उनके बेडिंग‑ड्रॉप प्रोग्राम और शोध‑उन्मुख पाठ्यक्रम बहुत मांग में हैं। लेकिन वीज़ा प्रक्रिया की अनिश्चितता कई उम्मीदवारों को अनिश्चित भविष्य की ओर धकेल रही थी।
राहुल ने बताया कि वह सुबह 6:30 एएम तक दूतावास के आसपास पहुंचे, जहाँ हल्की धूप के साथ सुरक्षा सख़्त थी। 6:45 एएम तक भीड़ बढ़ने लगी, लेकिन निर्धारित स्लॉट‑सिस्टम ने सभी को क्रम से प्रवेश दिया। 7:30 एएम तक वह अपने 8:00 एएम अपॉइंटमेंट के लिये तैयार थे।
इंटरव्यू शुरू हुआ जब जेनिफ़र ली, एक शांत स्वभाव की एशियन‑अमेरिकन वीज़ा अधिकारी ने पासपोर्ट और I‑20 फ़ॉर्म माँगा। उन्होंने राहुल से स्नातक पूरा करने की तिथि और उसके बाद की गतिविधियों के बारे में पूछा। राहुल ने कहा, “मैं Trainee Design Engineer के तौर पर काम कर रहा था, लेकिन GRE‑TOEFL तैयारी और विश्वविद्यालय आवेदन के लिये मैंने काम छोड़ दिया।”
जब पूछा गया कि वह अब मास्टर करने का निर्णय क्यों ले रहा है, तो राहुल ने ईमानदारी से जवाब दिया, “मैं कंपनी के ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरा नहीं करना चाहता था; इसे छोड़ना नैतिक नहीं होगा।” इस जवाब पर जेनिफ़र ने मुस्कुराते हुए बायोमैट्रिक स्कैन किया, फिर एक आश्चर्यजनक मोड़ आया – दोनों का जन्मदिन एक ही दिन था, बशर्ते साल में 20 वर्ष का अंतर। इस संयोग के बाद, वीज़ा तुरंत मंज़ूर हो गया।
इंटरव्यू को कुल 45 सेकंड में समाप्त किया गया, और राहुल ने 8:07 एएम तक अपना वीज़ा ले लिया। वहीँ अगले काउंटर पर एक और छात्र, जो बॉस्टन यूनिवर्सिटी के सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग प्रोग्राम के लिये अप्लाई कर रहा था, का वीज़ा बिना किसी सवाल के अस्वीकृत कर दिया गया – इस अनिश्चितता ने कई आशाओं को झकझोर दिया।
इन कारणों के कारण, 2025 तक लगभग 4,700 भारतीय छात्रों के वीज़ा रद्द या समाप्त कर दिए गए हैं, जैसा कि Inside Higher Ed ने रिपोर्ट किया।
शिक्षा सलाहकार और इमिग्रेशन वकील एक बात पर ज़ोर देते हैं – तैयारी, ईमानदारी, और शांति। उन्होंने बताया कि:
राहुल की कहानी का सबक है – छोटे‑छोटे बिंदु पर ध्यान दें, और अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्ट रहें।
अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में बॉट‑आधारित बुकिंग को रोकने के लिये नई तकनीक अपनाई है, और सोशल‑मीडिया समीक्षा में मानकीकृत क्रम बनाया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक सुधार तभी आएगा जब नीतियों में स्थिरता आए और वैध छात्रों को प्राथमिकता मिले।
राहुल जैसी व्यक्तिगत जीत यह दर्शाती है कि सही तैयारी के साथ अभी भी सफलता संभव है, लेकिन व्यापक प्रणालीगत सुधार आवश्यक हैं, ताकि लाखों भारतीय छात्रों के सपने अधूरे न रहें।
नहीं। राहुल की सफलता कई व्यक्तिगत कारकों – जैसे ईमानदारी, तैयार जवाब, और सौभाग्यपूर्ण जन्मदिन का मिलान – पर निर्भर थी। अधिकांश छात्रों को विस्तृत दस्तावेज़ और स्पष्ट लक्ष्य प्रस्तुत करना आवश्यक है।
कंट्री में लोकप्रिय शहरों जैसे कोलकाता, दिल्ली, और चेन्नई में औसत प्रतीक्षा अवधि 45‑60 दिन है, जबकि कुछ मामलों में दो‑तीन महीने तक भी लग सकते हैं।
कांसुलर अधिकारी अब आवेदकों को उनके सार्वजनिक प्रोफ़ाइल दिखाने की मांग करते हैं। विवादास्पद पोस्ट या अनुचित सामग्री वीज़ा अस्वीकृति का कारण बन सकती है, इसलिए प्रोफ़ाइल को साफ़ रखना सलाह है।
आप USTravelDocs पर "इमरजेंसी अपॉइंटमेंट" के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल की आधिकारिक पत्राचार, ट्यूशन फीस की रसीद, और यात्रा टिकटों की कॉपी संलग्न करने से मान्यता मिलने की संभावनाएं बढ़ती हैं।
हाल ही में दूतावास ने CAPTCHA और IP‑ब्लॉकिंग लागू की है, जिससे बॉट से बुकिंग कम हुई है, पर पूरी तरह समाप्त नहीं हुई; फिर भी सामान्य अभ्यर्थियों को अब बेहतर अवसर मिल रहा है।
टिप्पणि (1)
Jocelyn Garcia अक्तूबर 6 2025
भाई, तू जो भी कर रहा है, पूरी तैयारी रख और दिल से ईमानदार रह। इंटरव्यू में छोटा जवाब भी बड़ा असर डाल सकता है, इसलिए अपने लक्ष्य को साफ़ शब्दों में बताना याद रख। अगर नॉर्ट्रिकली सोच रहा है तो हर सवाल का जवाब दो मिनट में दे, पर भरोसा मत खो। थोड़ा आत्मविश्वास रख, दूतावास वाला भी इंसान है, अगर तू सच्चाई दिखाएगा तो संभव है कि वीज़ा जल्दी मिल जाए।