कश पटेल, जो पूर्व ट्रम्प प्रशासन अधिकारी और हाउस रिपब्लिकन सहायक रह चुके हैं, को सीनेट ने एफबीआई निदेशक के रूप में पुष्टि की है। इस नियुक्ति के दौरान पटेल ने एफ़बीआई में 'निर्णयात्मक स्वतंत्रता' और 'वैचारिक निस्पक्षता' को अपरिहार्य बताया।
यह पुष्टि प्रक्रिया विवादित रही, खासकर डेमोक्रेट्स ने पटेल के ट्रम्प-युग में विवादास्पद घटनाओं में शामिल होने पर चिंता जताई, जिनमें यूक्रेन महाभियोग जांच और मार-आ-लागो दस्तावेज़ जांच प्रमुख हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर विपक्ष का मानना है कि वह एफबीआई के अतिरिक्त राजनीतिकरण का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
पटेल के अनुसार, उनका प्राथमिक उद्देश्य एफ़बीआई में जनता का विश्वास पुनर्स्थापित करना है। उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही के उपायों पर जोर दिया है। इस दौरान उन्होंने सीनेट के सामने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि एफबीआई का ढांचा पुनःनिर्माण करना उनका लक्ष्य है ताकि संगठन की निर्णय करने की क्षमता को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखा जा सके।
पक्ष में तर्क है कि पटेल का अनुभव और दृष्टिकोण संगठन के भीतर सुधार लाने में सहायक हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही उनके ट्रम्प के साथ पुराने संबंधों को लेकर विभिन्न पक्षों की चिंताएं भी बनी हुई हैं। इस नियुक्ति से जुड़े राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर अमेरिकी जनता के रुझान को प्रभावित करना निर्धारित होगा।
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