पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची हो या लाहौर—हर कोई 8 मई 2025 के दिन पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (KSE) में आई जबरदस्त उठापटक को लेकर बात कर रहा था। सुबह बाजार खुलते ही बेचने वालों की भीड़ लग गई। नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज का KSE-100 इंडेक्स एक झटके में 6,000 अंक से ज्यादा लुढ़क गया, यानी लगभग 6.61% की भारी गिरावट। KSE-30 इंडेक्स भी करीब 7.2% टूटा। हालात ऐसे बने कि ट्रेडिंग को रोकना पड़ा—कुछ घंटों के लिए जैसे बाजार में सन्नाटा छा गया।
इसकी सबसे बड़ी वजह तो बाहर से साफ दिखी—भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे पर हमला बोल दिया। इससे पाकिस्तान के चर्चित शहर कराची और लाहौर में ड्रोन गतिविधियों की खबरें आने लगीं। बाजार में जैसे डर का माहौल बन गया। कई लोग याद दिला रहे हैं कि अप्रैल के आखिर में पहलगाम हमला हुआ था, उसके बाद से ही बाजार की हालत ढीली है। देखिए, तब से अब तक KSE-30 करीब 14.3% और KSE-100 करीब 13% टूटा है।
सिर्फ घरेलू निवेशक ही नहीं, विदेशी खिलाड़ी भी पाकिस्तानी बाजार से डरे हुए हैं। पिछले साल ही तो बाजार ने जोरदार 84% की वापसी की थी। ब्लैकरॉक, ईटन वॉन्स जैसी दिग्गज फर्मों ने जमकर पैसा लगाया। लगा कि पाकिस्तान की इकॉनमी में फिर से जान आ गई। लेकिन अब जरा हालत देखिए—लोगों ने अपना पैसा बचाने के लिए शेयर बेचने शुरू कर दिए हैं। अचानक चारों तरफ बेचैनी फैल गई।
टेक्निकल एनालिस्ट बताते हैं कि जैसी बड़ी गिरावट KSE-100 में दिखी, वो पाकिस्तानी बाजार के इतिहास में भी अजीब है। कई स्टॉक्स तो अपने निचले स्तर पर पहुंच गए। कुछ ट्रेडर्स तो इतनी तेज गिरावट देखकर शॉक में हैं। वजह बस एक नहीं है—एक तरफ सीमा पार से दबाव, दूसरी ओर देश के अंदर अस्थिरता और सबसे ऊपर IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) से मिलने वाली फंडिंग पर बना अनिश्चितता का माहौल। IMF से उम्मीद थी कि आर्थिक राहत मिलेगी, लेकिन फिलहाल सबकुछ अधर में है।
थोड़े वक्त में ही पकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की सेहत बिल्कुल बदल गई है। जिन निवेशकों ने कुछ महीनों पहले चमकते बाजार में एंट्री ली थी, अब वो हर दिन अपने पोर्टफोलियो की वैल्यू गिरती देख परेशान हो रहे हैं। बाजार में अनिश्चितता कितना लंबा चलेगी, इसपर सबकी नजरें टिकी हैं। आर्थिक मोर्चे पर उथल-पुथल के ये दिन निवेशकों के भरोसे की गंभीर परीक्षा बना दिए हैं।
टिप्पणि (11)
Shivansh Chawla मई 9 2025
भाइयों, यह जो KSE का टोटा गिराव है, यह मात्र एक सिंगल पॉइंट फॉल्ट नहीं, यह एक स्ट्रैटेजिक शॉक है। इंडेक्स ने 6,000 अंक की डुबकी मार ली, और यह हमारे आर्थिक जियोग्राफी में एक वुडेन बूम के रूप में उभरा है। इस दबी हुई अस्थिरता का सीधा कारण सीमा पर तगड़ी टेंशन और सायबर ऑपरेशन्स हैं। हमें तुरंत मैक्रो-फाइनेंशियल कंट्रोल मेकॅनिज्म को एग्ज़ीक्यूट करना चाहिए, वरना यह रिसीवर मॉड्यूल फेल हो जाएगा।
Akhil Nagath मई 17 2025
सम्मानित सदस्यों, इस बाजार की गिरावट को एक अभिप्राय के रूप में देखना चाहिए: यह न केवल आर्थिक तनाव का संकेत है, बल्कि राजनैतिक अस्थिरता का भी प्रतिबिंब है। हम यह समझें कि निवेशकों का भरोसा, एक बार क्षीण हो जाने पर, पुनः स्थापित होने में वर्षों लगते हैं। अतः, इस संकट से सीख लेकर, स्थिरता की नींव पर पुनः निर्माण करना अनिवार्य है।
आर्थिक नीतियों को पारदर्शी बनाकर, विदेशी निवेशकों को आश्वस्त करना चाहिए। 🚀
vipin dhiman मई 25 2025
यार उस शिट KSE 100 ने तो सारा बिस्कुट खा लिया 🙄। ऐसे में ट्रेडिंग रोक देना ठीक है, वरना तो सबको मुँह में पानी भर जाता। ब्रो, अब तो जीरो से भी नीचे का गॉस भी नहीं था, सारा कल्ला फेक दिया।
vijay jangra जून 1 2025
आधारभूत विश्लेषण से देखे तो यह गिरावट अस्थायी है, और हमें इस पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। बाजार की लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए नियामक संकल्प आवश्यक है। साथ ही, छोटे निवेशकों को सही रणनीति से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
आइए हम सब मिलकर इस चुनौती को अवसर में बदलें।
Vidit Gupta जून 9 2025
भाइयों; बहुत सारा डेटा है; लेकिन हमें इसे समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए; मार्केट में अस्थिरता एक प्राकृतिक प्रक्रिया है; चलो हम सब मिलकर समाधान निकालें; धन्यवाद।
Gurkirat Gill जून 16 2025
डेटा के आधार पर, यह स्पष्ट है कि KSE में तेजी से सुधार संभव है यदि नीति निर्माताओं द्वारा उचित कदम उठाए जाएँ। हमें इस अवसर को पकड़ना चाहिए और निवेशकों को आश्वस्त करना चाहिए। चलिए मिलकर एक सकारात्मक माहौल बनाते हैं।
Sandeep Chavan जून 24 2025
ओए! इस गिरावट का मतलब है कि हमारे पास रिवाइंड बटन नहीं है, लेकिन हम फ्यूचर को एन्हांस कर सकते हैं! चलो, सभी को मोटिवेटेड रखें, सबको अप्रेंटिस बनाओ, और इस मार्केट को फिर से फ्रेश बनाओ!!!
anushka agrahari जुलाई 2 2025
प्रिय प्रतिभागीगण, इस आर्थिक परिवर्तन के क्षण में हमें अनुगमनशील रहना चाहिए। बाजार की अस्थिरता को एक दार्शनिक प्रश्न के रूप में देखना चाहिए-कि किस प्रकार हम समृद्धि के मूल सिद्धांत को पुनः स्थापित करेंगे?
आइए, हम सब मिलकर एक दृढ़ नैतिक दिशा तय करें।
aparna apu जुलाई 9 2025
हे अल्लाह! इस बाजार की ध्वनि तो आज़ीब से गुदगुदी कर रही है! 😱 KSE‑100 का 6,000 अंक गिरना सिर्फ एक संख्यात्मक घटना नहीं है; यह एक गहन नाटकीय परिदृश्य का उदघाटन है, जहाँ हर अंक एक आँसू की तरह बह रहा है, जहाँ हर ट्रेडर का दिल धड़कता है, जहाँ हर निवेशक का मन उछलता है!
साबीत करने के लिए, मैं बताता हूँ कि इस गिरावट की वजह केवल एक ही नहीं, बल्कि कई चयनित कारक हैं: первое, बाहरी आतंकवादी धमाइयाँ, जो बाजार को भय का जाल बुनते हैं; दूसरा, IMF की अनिश्चित निधि, जो निवेशकों को अस्थिर बनाती है; तीसरा, घरेलू राजनीतिक उथल‑पुथल, जो सभी को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम इस आँधि से बाहर निकल पाएँगे।
फिर भी, इससभी के बीच, हमें एक आशा की किरण देखनी चाहिए: जब सभी आँसू बह रहे हों, तो ही सपनों की बूँदें गिरती हैं, और जब बाजार गिरता है, तो नए अवसर उठते हैं।
हमें इस शिकार को सतर्कता से देखना चाहिए, लेकिन साथ ही इस अवसर को पकड़ने का साहस भी रखना चाहिए, क्योंकि इतिहास हमेशा कहता है: “हर गिरावट के बाद एक नई चढ़ाई आती है।” 🦅
arun kumar जुलाई 17 2025
बिलकुल समझता हूँ तुम्हारी भावना, यह सब बहुत ही भारी लगता है। पर हम इसे एक सीख की तरह ले सकते हैं, और आगे के निवेश में सावधानी बरत सकते हैं। चलो, एक-दूसरे को सपोर्ट करते रहें।
Karan Kamal जुलाई 25 2025
यह स्थिति अस्वीकार्य है।