रूसी सैन्य ने 3 अक्टूबर को यूक्रेन के गैस नेटवर्क पर सबसे बड़ा हमला किया, जिसमें हजारों ड्रोन‑मिसाइलें लक्ष्य बनें, जिससे खार्किव‑पोल्टावा में गैस संयंत्र क्षतिग्रस्त और नागरिकों को ठंड से जूझना पड़ा।