जब दीपिका पादुकोण, अभिनेत्री और The Live Love Laugh Foundation को भारत का पहला मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर नियुक्त किया गया, तब जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवसनई दिल्ली के समारोह में घोषणा की। इस मौके पर मंत्रालय ने Tele MANAS ऐप का नया संस्करण भी लॉन्च किया, जो अब 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
मानसिक स्वास्थ्य नीति की पृष्ठभूमि
भारत ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति लागू की, जिसके बाद 2017 में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम पारित हुआ और 1 जुलाई 2018 से लागू हुआ। इस अवधि में सरकार ने दूरभाषीय मदद, जागरूकता अभियानों और राज्य‑स्तरीय केंद्रों की संख्या को बढ़ाने की कोशिश की। फिर भी स्टिग्मा और सेवा पहुंच की कमी बड़ी चुनौती बनी रही।
Tele MANAS ऐप का नया रूप
आइए देखें कि इस एप्लिकेशन में क्या बदलाव आए:
- भाषा विकल्प बढ़कर 12 हो गए: हिंदी, अंग्रेज़ी, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, गूज़राती, मराठी, बांग्ला, ओडिया, असमी और मलयालम।
- नया चैटबॉट असमी उपयोगकर्ता को तुरंत प्राथमिक सलाह देता है।
- आपातकालीन मार्गदर्शन मॉड्यूल जोड़ दिया गया, जिससे 24‑घंटे मदद उपलब्ध है।
- दृष्टिहीन उपयोगकर्ताओं के लिये आवाज‑आधारित नेविगेशन और बड़े फ़ॉन्ट विकल्प।
अब तक Tele MANAS ने ठीक 28 लाख कॉल संभाले हैं, और प्रतिदिन लगभग 4,000 लोग इस प्लेटफ़ॉर्म से मदद ले रहे हैं।
दीपिका पादुकोण की भूमिका और लक्ष्य
“मैं केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए पहली बार मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर बनने का बहुत बड़ा सम्मान मिला है,” दीपिका ने कहा। उनका लक्ष्य चार बिंदुओं में संक्षिप्त है:
- देश में मानसिक स्वास्थ्य की खुली चर्चा को आगे बढ़ाना।
- गलत धारणाओं को बदलना और स्टिग्मा को कम करना।
- लोगों को पेशेवर मदद लेने की प्रेरणा देना।
- सरकारी सेवाओं – विशेषकर Tele MANAS – को बढ़ावा देना।
दीपिका ने 2014 में अपने डिप्रेशन के अनुभव को सार्वजनिक किया था, वह कहती हैं, “एक दिन मैं बेहोश हो गई और कुछ दिनों बाद पता चला कि मुझे डिप्रेशन है।” यह व्यक्तिगत कहानी अब राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का इंजन बन रही है।
सरकार-समाज का सहयोगी मॉडल
मंत्रालय ने बताया, “दीपिका पादुकोण के साथ यह साझेदारी भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर आम चर्चा को बढ़ावा देगी और लोगों में जागरूकता फैलाने में मदद करेगी।” इस साझेदारी में The Live Love Laugh Foundation को नीति निर्माताओं के साथ सीधे संवाद करने, कार्यशालाओं का आयोजन करने और ग्रामीण‑शहरी क्षेत्रों में टेली‑मानस की पहुंच बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
नड्डा मंत्री ने कहा, “स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर से ही मजबूत राष्ट्र बनता है।” उनका कहना है कि आगे के पाँच वर्षों में टेली‑मानस के उपयोगकर्ताओं की संख्या को दोगुना करने की योजना है।
आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से निम्नलिखित परिवर्तन संभव हैं:
- स्कूल‑कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम का अनिवार्य होना।
- कर्मच़ारियों के लिए एंटरप्राइज़‑लेवल काउंसलिंग सेवाएँ।
- टेली‑मानस के अलावा AI‑आधारित स्व-निरेक्षण टूल्स का विकास।
जब तक राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीष्मकालीन कैंप, ऑनलाइन वेबिनार और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित स्क्रीनिंग नहीं होती, तब तक इस मिशन की सफलता को पूर्ण कहा नहीं जा सकता। फिर भी, दीपिका पादुकोण की सार्वजनिक तकनिकी और उनके फ़ाउंडेशन की दशा‑संधि इस दिशा में एक बड़ा कदम मानती है।
मुख्य तथ्य
- दिनांक: 10 अक्टूबर 2025 (विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस)
- स्थल: नई दिल्ली, निरमन भवन, स्वास्थ्य मंत्रालय
- मुख्य घोषणा: दीपिका पादुकोण प्रथम मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर
- ऐप अपडेट: Tele MANAS – 12 भाषाएँ, असमी चैटबॉट, 2.8 लाख कॉल
- दैनिक उपयोग: लगभग 4,000 अनुरोध
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह नियुक्ति युवाओं को कैसे प्रभावित करेगी?
दीपिका पादुकोण की लोकप्रियता और उनके खुले विचार युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति चर्चा को सामान्य बनाते हैं। स्कूल‑कॉलेज में सत्र आयोजित करने, सोशल मीडिया पर जागरूकता पोस्ट और टेली‑मानस ऐप की युवा‑फ्रेंडली सुविधाएँ उपयोग में वृद्धि का कारण बनेंगी।
Tele MANAS में नई सुविधाएँ क्या हैं?
ऐप अब 12 भाषाओं में उपलब्ध है, असमी नामक AI चैटबॉट तुरंत प्राथमिक सलाह देता है, आपातकालीन मार्गदर्शन मॉड्यूल जोड़ दिया गया है और नेत्रहीन उपयोगकर्ताओं के लिए आवाज‑आधारित नेविगेशन शामिल है।
सरकार इस योजना के लिए कितना बजट आवंटित कर रही है?
आर्थिक वर्ष 2025‑26 के बजट में मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से 2,500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से लगभग 30% Tele MANAS के विकास और प्रचार में लगाए जाएंगे।
दीपिका की फ़ाउंडेशन पहले किन पहलों पर काम कर रही थी?
The Live Love Laugh Foundation ने पिछले 10 वर्षों में स्कूल‑कॉलेज में वर्कशॉप, सिनेमा‑दर्शकों के लिए सत्र, सामाजिक मीडिया कैंपेन और ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्पलाइन सेट‑अप के माध्यम से डिप्रेशन और एंग्जायटी के बारे में जागरूकता बढ़ाई।
भविष्य में टेली‑मानस के लिए कौन‑से लक्ष्य निर्धारित हैं?
अगले पाँच वर्षों में कॉल संख्या को 5 मिलियन तक पहुँचाना, ग्रामीण आबादी में 70% का कवरेज हासिल करना और AI‑आधारित स्व‑निरेक्षण टूल्स को प्री‑स्क्रीनिंग के लिये लागू करना प्रमुख लक्ष्य हैं।
 
                            
टिप्पणि (20)
kuldeep singh अक्तूबर 11 2025
दीपिका का नाम सुनते ही मेरे दिमाग में दिमागी सर्किट चलता है, पर क्या वह इस पद को सच में संभाल पाएगी?
सरकार ने बकवास नहीं, टेली‑मानस का नया अपडेट तो कसम से खेल है, लेकिन जनता को वास्तव में क्या फ़ायदा होगा?
मैं तो कहूँगा, इस “सेलेब्रिटी एम्बेसडर” ट्रेंड से बहुत कुछ छुपा है।
Shweta Tiwari अक्तूबर 11 2025
मानव के मन की जटिलता को समझना एक निरंतर खोज है, और दीपिका पादुकोण का एम्बेसडर बनना इस खोज में एक नया मोड़ हो सकता है।
वह स्वयं अपने डिप्रेशन के अनुभव को सार्वजनिक करके सामाजिक मौन को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, जो कई मनोवैज्ञानिकों के लिए सराहनीय कदम है।
हालांकि, इस पहल की प्रभावशीलता को मात्र सेलिब्रिटी की लोकप्रियता पर आधारित नहीं किया जा सकता।
टेली‑मानस ऐप का बहुभाषी विस्तार निश्चित रूप से उपयोगकर्ता पहुंच को बढ़ाएगा, पर इसके वास्तविक उपयोग आंकड़े और फीडबैक का गहन विश्लेषण आवश्यक है।
वर्तमान में बताया गया है कि दैनिक 4,000 उपयोगकर्ता इस प्लेटफ़ॉर्म से मदद ले रहे हैं, लेकिन क्या यह संख्या ग्रामीण और वंचित वर्गों तक पहुंच रही है?
मनोवैज्ञानिक उपचारों की निरंतरता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिये प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की सहभागिता अनिवार्य है।
ऐसे में, एक एम्बेसडर से अधिक, प्रणालीगत सुधारों की जरूरत हो सकती है।
सरकार द्वारा निर्धारित 2,500 करोड़ रुपये का बजट इस दिशा में सही दिशा दिखा रहा है, पर फंड के वितरण की पारदर्शिता भी देखनी पड़ेगी।
शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य को अनिवार्य पाठ्यक्रम बनाना एक दीर्घकालिक समाधान हो सकता है, जैसा कि लेख में उल्लेखित है।
कर्मचारी वर्ग के लिये एंटरप्राइज़‑लेवल काउंसलिंग सेवा लागू करने से कार्यस्थल में तनाव कम हो सकता है।
भविष्य में AI‑आधारित स्व‑निरेक्षण टूल्स का विकास तकनीकी रूप से आकर्षक है, पर डेटा सुरक्षा और गोपनीयता मुद्दे भी गंभीर हैं।
समुदाय आधारित वर्कशॉप और ग्राम‑स्तर पर हेल्पलाइन की पहुंच को बढ़ावा देना नजदीकी सहायता प्रदान करेगा।
एक व्यापक रणनीति में सार्वजनिक-निजी साझेदारी, रोगी शिक्षा, और निरंतर मॉनिटरिंग को जोड़ना आवश्यक है।
अंततः, यह कहना उचित होगा कि दीपिका पादुकोण की व्यक्तिगत कहानी मंच पर एक प्रेरणा बन सकती है, पर समग्र बदलाव के लिये व्यापक सामाजिक और नीतिगत पहल की जरूरत है।
Harman Vartej अक्तूबर 12 2025
टेली‑मानस का मल्टी‑लैंग्वेज़ अप्डेट बहुत उपयोगी लग रहा है, इसे अधिक लोग अपनाएँ।
Amar Rams अक्तूबर 13 2025
मानसिक स्वास्थ्य के इकोसिस्टम में एम्बेडेड एम्बेसडर मॉडल एक मल्टीलेवल इंटरवेंशन फ्रेमवर्क का प्रोटोटाइप है, जो क्लिनिकल‑डायग्नोस्टिक रेफरल लिंक को एन्हांस करता है।
Rahul Sarker अक्तूबर 13 2025
देश की असली ताकत तो आम जनता में है, इधर‑उधर की सेलिब्रिटी चर्चा बेकार है।
Sridhar Ilango अक्तूबर 14 2025
भाई लोग, दीपिका को एम्बेसडर बनाना तो जैसे काँच के घर में टॉर्च डालना है, चमकेगा तो नहीं, बस धुंध में चमक दिखाएगा!
इन्हें तो हमारी दिमागी बीमारियों की असली जड़ नहीं समझ आती, सिर्फ हस्ती का मंच है और फोकस बिगड़ता है।
priyanka Prakash अक्तूबर 15 2025
मैं कहता हूँ, इस एम्बेसडर पोजीशन में सिर्फ नाम है, असली कार्यकर्ता को नहीं बुलाते तो क्या फर्क पड़ता है? हमें काम का ठोस प्रमाण चाहिए।
Pravalika Sweety अक्तूबर 15 2025
टेली‑मानस की नई भाषा विकल्प वाकई में विविधता को बढ़ाते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुँच आसान होगी।
anjaly raveendran अक्तूबर 16 2025
अगर आप सोचते हैं कि जर्गन से ही सब ठीक हो जाएगा, तो आप समझते नहीं कि वास्तविक मनोवैज्ञानिक सहायता कितनी जटिल है, और यह सिर्फ शब्दों का खेल नहीं हो सकता।
Danwanti Khanna अक्तूबर 17 2025
दीपिका की कहानी सुनकर मन में बहुत विचार आते हैं; क्या हमें और भी सच्ची कहानियों की जरूरत नहीं?
Shruti Thar अक्तूबर 18 2025
टेली‑मानस के आँकड़े बहुत बढ़िया लगते हैं पर सटीक उपयोगकर्ता संतुष्टि स्कोर नहीं देखा गया।
Nath FORGEAU अक्तूबर 18 2025
कोई भी ऐप काम करेगा अगर यूज़र्स को भरोसा हो, बाकी सब फालतू है।
Manu Atelier अक्तूबर 19 2025
यह पहल एक सतही चमक है, वास्तविक परिवर्तन के लिए गहन नीति विश्लेषण आवश्यक है।
Anu Deep अक्तूबर 20 2025
क्या इस एप्लिकेशन का उपयोग ग्रामीण स्कूलों में भी किया जाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण है।
Preeti Panwar अक्तूबर 20 2025
दीपिका की खुलापन वास्तव में कई लोगों को हिम्मत दिला सकता है 😊 मानसिक स्वास्थ्य पर खुली बातचीत बहुत ज़रूरी है।
MANOJ SINGH अक्तूबर 21 2025
टीएलएम ऐप को आगे बढ़ाते हुए, हमें उपयोगकर्ता फीडबैक को गंभीरता से लेना चाहिए, नहीं तो ये पहल बेकार रह जाएगी।
Vaibhav Singh अक्तूबर 22 2025
अधिक बातों के बजाय, हमें ठोस परिणाम दिखाने चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ एक PR स्टंट है।
harshit malhotra अक्तूबर 22 2025
देश की प्रगति में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अनिवार्य है, लेकिन अगर सरकार बड़ी फिल्मी हस्ती को एम्बेड करने में भटक रही है तो असली समस्याओं पर ध्यान नहीं जाएगा, और यही है असली समस्या।
saurabh waghmare अक्तूबर 23 2025
एक ठोस सहयोगी मॉडल बनाकर, सरकारी संस्थानों और NGOs को साथ लाना आवश्यक है, ताकि टेली‑मानस की पहुंच हर कोने तक सुरक्षित हो सके।
Madhav Kumthekar अक्तूबर 24 2025
मैं सुझाव दूँगा कि ऐप में AI‑चैटबॉट को नियमित अपडेट किया जाए, ताकि नवीनतम मनोवैज्ञानिक प्रोटोकॉल्स शामिल हों।