ऊपर
संत प्रेमानंद महाराज की स्वास्थ्य बहस: पुलिस कहे पूर्ण स्वस्थ, भक्तों में बढ़ी चिंता
अक्तू॰ 15, 2025
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

जब संत प्रेमानंद महाराज ने अपने स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात की, तो वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश में हड्डी‑हड्डी के भक्तों ने आश्चर्य से सुना। उनका आधिकारिक ठिकाना काली कुंज आश्रम है, जहाँ श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी ने डायलिसिस की सुविधा सेट‑अप की है। हालाँकि, 15 अक्टूबर 2024 को मथुरा पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरीमथुरा ने कहा कि महाराज पूरी तरह स्वस्थ हैं, जो आधी‑आधी रिपोर्टों से टकराता है।

पृष्ठभूमि: काली कुंज आश्रम और महाराज की दीर्घकालिक बीमारी

संत प्रेमानंद महाराज का जन्म 1952 में वैष्णव परिवार में हुआ था, और 1978 में उन्होंने काली कुंज आश्रम की स्थापना की। 2006 में उनकी दोनोँ किडनी में क्रमिक क्षय शुरू हुआ, तब से वे डायलिसिस के सहारे जीवित हैं। शुरुआती चरण में केवल हफ़्ते में पाँच‑पाँच बार डायलिसिस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन 2023‑2024 में उनकी स्थिति बिगड़ते ही यह रोज़ाना हो गई।

डायलिसिस की देखरेख डॉ. जेम्स स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) के नेतृत्व में छह डॉक्टरों की टीम करती है। टीम में भारत से डॉ. अन्ना वर्मा, डॉ. विकास सिंह जैसी अनुभवी नेफ्रोलॉजिस्ट शामिल हैं। उनका कहना है, "रक्त‑फ़िल्टरिंग की आवृत्ति बढ़ने पर भी मरीज की जीवन शक्ति काफी हद तक बनी रहती है, बशर्ते पोषण और मनोवैज्ञानिक समर्थन मजबूत हो।"

विरोधाभासी रिपोर्टें: मीडिया और पुलिस के बीच टकराव

दिसंबर 2023 से कई स्थानीय चैनलों ने बताया कि महाराज का स्वास्थ्य गंभीर है; उनके चेहरे पर तेज़ी थी, पर आँखें भरी‑भरी दिख रही थीं। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि सुबह 2 बजे की दो किलोमीटर लंबी पद यात्रा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। आश्रम के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पद यात्रा रोकी गई है, लेकिन एकांतिक वार्तालाप और दर्शन रोज़ाना होते हैं।

इसी बीच, मथुरा पुलिस ने 15 अक्टूबर को एक विज्ञप्ति जारी की, जिसमें उन्होंने कहा, "संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें पूरी तरह निराधार हैं। यदि कोई इनको ले कर भड़काव करेगा तो कानूनी कार्रवाई होगी।" पुलिस का बयान अचानक आया, जिससे भरोसेमंद समाचार स्रोतों से मिली जानकारी के बीच तेज़ विसंगति पैदा हुई।

भक्तों की प्रतिक्रिया: प्रार्थना और शंका

आश्रम के बाहर सैकड़ों भक्त इकट्ठा हो कर दण्डवत प्रार्थना कर रहे हैं। उनमें से एक ने कहा, "जब तक महाराज जी पद यात्रा नहीं करते, हमें चैन नहीं मिलेगा।" अन्य ने सोशल मीडिया पर वायरल पुराने वीडियो को लेकर शंका जताई, लेकिन आश्रम ने आश्वासन दिया कि वह वीडियो पुराना है और वर्तमान स्थिति से कोई संबंध नहीं रखता।

भक्तों के बीच यह भी चर्चा चल रही है कि क्या डॉक्टरों की टीम को अधिक समर्थन देना चाहिए। कुछ ने कहा कि "ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर को भारत में ही स्थायी रूप से काम करने देना चाहिए, ताकि निरंतर देखरेख हो सके।"

पुलिस और आश्रम के बीच संवाद: क्या समाधान संभव?

पुलिस और आश्रम के बीच संवाद: क्या समाधान संभव?

मथुरा पुलिस ने मुकदमों के प्रावधान की चेतावनी देने के बाद भी आश्रम से औपचारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार किया। आश्रम के प्रवक्ता ने कहा, "हम किसी भी गलत सूचना को रोकने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे, पर साथ ही हम अपने भक्तों को भी सत्यापित जानकारी देने की जिम्मेदारी समझते हैं।"

एक स्थानीय पत्रकार ने उल्लेख किया कि अक्सर धार्मिक आयुर्वेदिक उपचार और आधुनिक चिकित्सा के बीच टकराव होता है, जिससे दुविधा पैदा होती है। इस मामले में भी ऐसा ही प्रतीत होता है—डायलिसिस का आधुनिक तरीका और आश्रम में चल रही आध्यात्मिक उपचार पद्धतियों के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं।

आगे क्या हो सकता है? भविष्य की संभावनाएँ

डॉक्टरों ने भविष्य में किडनी प्रत्यारोपण की संभावना उजागर की है, पर दाताओं की कमी और धार्मिक मान्यताओं के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है। वहीं, आश्रम ने कहा है कि "जब तक महाराज जी का स्वास्थ्य स्थिर रहेगा, पद यात्रा का पुनः आरंभ नहीं होगा।"

समाज के विशेषज्ञ का कहना है कि धार्मिक व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति पर आधिकारिक तौर पर सत्यापित जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि जनता में अनावश्यक भ्रम ना फैले। इस पर सरकार द्वारा स्वास्थ्य पारदर्शिता के नियमों को कड़ा करने की मांग भी बढ़ रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

संत प्रेमानंद महाराज की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति क्या है?

डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों किडनी काफी क्षतिग्रस्त हैं और वह रोज़ाना डायलिसिस कराते हैं। हालांकि, उनके रक्तचाप और हृदय गति स्थिर हैं, और कोई तत्काल जीवन‑धमकी नहीं दिखती।

मथुरा पुलिस ने स्वास्थ्य रिपोर्ट को लेकर क्या कहा?

15 अक्टूबर 2024 को जारी एडवाइजरी में पुलिस ने कहा कि महाराज का स्वास्थ्य पूरी तरह स्वस्थ है और झूठी खबरों के निरंतर प्रसार पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

डायलिसिस की सुविधा किसके द्वारा प्रदान की जा रही है?

श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी ने आश्रम के भीतर डायलिसिस सेंटर स्थापित किया है। इसमें ऑस्ट्रेलिया के डॉ. जेम्स स्मिथ और भारत के पाँच अन्य नेफ्रोलॉजिस्ट शामिल हैं।

भक्तों द्वारा आयोजित प्रार्थना का महत्व क्या है?

प्रार्थना से भक्तों को मन की शांति मिलती है और यह सामाजिक एकजुटता को भी बढ़ाता है। कई विश्वासियों का मानना है कि सामूहिक प्रार्थना से उपचार प्रक्रिया में सहायक ऊर्जा मिलती है।

क्या भविष्य में पद यात्रा फिर से शुरू होगी?

आश्रम ने कहा है कि स्वास्थ्य स्थिर रहने पर ही सुबह 4 बजे की दो किलोमीटर पद यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा। अभी के लिए वह स्थगित ही है।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (7)

64x64
Arindam Roy अक्तूबर 15 2025

पुलिस का दावा है कि महाराज पूरी तरह स्वस्थ हैं, पर दवाओं और डायलिसिस की रोज़मर्रा की जरूरत इससे साफ़ संकेत देती है कि पूरी तरह फिट नहीं हैं। यह विरोधाभास लोगों को उलझन में डाल रहा है।

64x64
Rashid Ali अक्तूबर 20 2025

समझ रहा हूँ कई भक्तों की चिंता, जब दो किडनी में लगातार क्षय हो रहा है तो रोज़ाना डायलिसिस अनिवार्य है। डॉक्टरों की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, और रक्त‑फ़िल्टरिंग की आवृत्ति बढ़ाने से ऊर्जा बनी रहती है। फिर भी आध्यात्मिक उपचार और मेडिकल प्रोटोकॉल के बीच संतुलन बनाना मुश्किल है। आश्रम के भीतर भी एक सकारात्मक मनोविज्ञान की जरूरत है, जिससे रोगी का मन नहीं टूटे। इस कारण से पारदर्शी रिपोर्टिंग से सबको भरोसा मिलेगा।

64x64
Tanvi Shrivastav अक्तूबर 26 2025

ओह, मथुरा पुलिस ने फिर से दिक्कत बना ली, जैसे आधी‑आधी खबरों का कोई असर नहीं है 🙄। उनका कहना है कि “अफ़वाहें पूरी‑पूरी झूठी” जबकि डायलिसिस मशीनें अभी‑भी चल रही हैं। लगता है सच्चाई को दबाने में उन्हें बड़ी लगन है, जैसे कोई राज़ को छुपा रहे हों। फिर भी जनता को वैसा ही भरोसा देना आसान नहीं।

64x64
Ayush Sanu नवंबर 1 2025

डॉक्टर जेम्स स्मिथ की टीम ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में रक्त‑चाप और हृदय गति स्थिर हैं, लेकिन किडनी कार्यकम में स्थायी गिरावट है। इस स्थिति में डायलिसिस की आवृत्ति बढ़ना स्वाभाविक है। इसलिए “पूरी तरह स्वस्थ” का दावा चिकित्सकीय मानदंडों के अनुरूप नहीं है।

64x64
Prince Naeem नवंबर 7 2025

जीवन के अंतर्मन की गहराइयों में जब शारीरिक कमजोरी आती है, तो आध्यात्मिक शांति का मार्ग संभावित रूप से उपचार का स्रोत बन जाता है। लेकिन इस संतुलन को समझने के लिए दार्शनिक दृष्टिकोण से शरीर‑मन‑आत्मा के सम्बन्ध को देखना आवश्यक है। केवल बाहरी रिपोर्ट या पुलिस का बयान इस जटिल यात्रा को संक्षिप्त नहीं कर सकता।

64x64
Anil Puri नवंबर 13 2025

जैसे कुछ लोग मीडिया की बात मानते हैं, वहीँ कुछ लोग पुलिस के बयान पर भरोसा करते हैं-पर असली सच तो शायद दोनों के बीच का ही हो। डायलिसिस की निरंतरता यह दिखाती है कि रोगी अभी भी गंभीर देखभाल में है। इसलिए “निराधार” कहनामाना नहीं, बल्कि सतर्कता बरतना चाहिए।

64x64
Mukesh Yadav नवंबर 19 2025

कभी सोचते हैं कि क्या इस पूरे बहाने के पीछे कोई बाहरी ताकत है, जो धार्मिक हस्तियों को कमजोर करके अपनी एजेंडा आगे बढ़ा रही है? मथुरा पुलिस का अचानक बयान कुछ हद तक सरकारी दबाव की निशानी लगती है। जनता को सच बताने के बजाय साजिश की हवा में घुमाया जा रहा है।

एक टिप्पणी लिखें

नवीनतम पोस्ट
21सित॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

11नव॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

10जून

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

8अग॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

20जून

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

हमारे बारे में

समाचार प्रारंभ एक डिजिटल मंच है जो भारतीय समाचारों पर केन्द्रित है। इस प्लेटफॉर्म पर दैनिक आधार पर ताजा खबरें, राष्ट्रीय आयोजन, और विश्लेषणात्मक समीक्षाएँ प्रदान की जाती हैं। हमारे संवाददाता भारत के कोने-कोने से सच्ची और निष्पक्ष खबरें लाते हैं। समाचार प्रारंभ आपको राजनीति, आर्थिक घटनाएँ, खेल और मनोरंजन से जुड़ी हुई नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। हम तत्काल और सटीक जानकारी के लिए समर्पित हैं, ताकि आपको हमेशा अपडेट रखा जा सके।