दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र पर फ्राइडे, 21 नवंबर 2025 को दोपहर 2:10 बजे, भारतीय वायु सेना का तेजस हल्का लड़ाकू विमान एक एयरियल डिस्प्ले के दौरान जमीन से टकरा गया, जिसमें इसके पायलट, विंग कमांडर नमन सियाल, की मौत हो गई। यह दुर्घटना विश्व के सबसे बड़े एयरोस्पेस एक्सपो में हुई, जहां भारत अपने घरेलू रक्षा उत्पादन की क्षमता दिखाने के लिए तैयार था। घटना के तुरंत बाद विमान एक विशाल आग की गेंद में बदल गया, जिससे आसमान में काला धुआं उठा और दर्शकों में भय फैल गया।
कैसे हुई दुर्घटना?
दुर्घटना के समय, तेजस विमान नेगेटिव जी मैन्यूवर कर रहा था — एक ऐसी एयरोबेटिक ट्रिक जिसमें विमान ऊपर की ओर उठता है, उल्टा हो जाता है और फिर तेजी से नीचे आता है। आंखों देखे गवाह मनोज कुमार तूतिया ने बताया कि "विमान पहले से ही काफी नीचे था। फिर यह थोड़ा उठा, लेकिन फिर सीधे जमीन में घुस गया।" उन्होंने यह भी कहा कि "मैंने अपने जीवन में ऐसा कुछ नहीं देखा था।" वीडियो क्लिप्स में दिख रहा है कि विमान एक बार नियंत्रण खोने के बाद बिना किसी चेतावनी के जमीन से टकरा गया।
एयरोस्पेस विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (रिटायर्ड) के अनुसार, "यह दुर्घटना उस समय हुई जब विमान को नीचे आने के लिए पर्याप्त ऊंचाई और गति नहीं थी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि "पायलट ने गलती नहीं की — बल्कि विमान के नियंत्रण के लिए जमीन के बहुत करीब होने का खतरा था।" एक और विश्लेषण ने बताया कि तेजस का यह मॉडल, जो लाइट विमान है, इस तरह के एयरोबेटिक मैन्यूवर के लिए थोड़ा कमजोर है अगर यह जमीन के बहुत करीब हो जाए।
पायलट नमन सियाल: एक अद्भुत अधिकारी
विंग कमांडर नमन सियाल हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव से आए थे। भारतीय वायु सेना के स्रोतों के अनुसार, उनका सुरक्षा रिकॉर्ड लगभग बिल्कुल बेदाग था। उन्होंने तेजस के साथ कई अभ्यास और विदेशी प्रदर्शन किए थे, और उन्हें अपने साथियों में बहुत लोकप्रिय थे। उनकी मौत ने भारतीय वायु सेना के भीतर एक गहरा दर्द छोड़ा।
इस दुर्घटना के बाद, भारतीय वायु सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी किया: "आज, दुबई एयर शो के दौरान एक आईएएफ तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट की मौत हो गई। हम इस दुखद घटना के लिए अत्यंत दुखी हैं और शोकाकुल परिवार के साथ हैं।" दुबई सरकार ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें आपातकालीन टीमों के तुरंत प्रतिक्रिया करने की पुष्टि की गई।
तेजस का इतिहास: सफलता या संदेह?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित तेजस, भारत के लिए एक राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। इसकी शुरुआत 24 साल पहले हुई थी, और इसके बाद केवल दो दुर्घटनाएं हुई हैं — यह एक अद्भुत सुरक्षा रिकॉर्ड है जिसे दुनिया के कई अन्य लाइट फाइटर्स नहीं दिखा पाए। लेकिन आज की घटना ने एक बार फिर तेजस की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए।
यह दुर्घटना उसी दिन हुई, जब भारतीय सरकार ने दुबई एयर शो में तेजस मार्क-1 के तेल रिसाव के बारे में फैले झूठे दावों को खारिज किया था। अब यह दुर्घटना उसी विमान के लिए एक बड़ा चुनौती बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस को "अत्यंत सफल, सुरक्षित और विश्वसनीय" बताया था। लेकिन अब, एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है — क्या घरेलू उत्पादन के लिए विश्वास अभी भी ठीक है?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की चुनौतियां
दुर्घटना के बाद दुबई एयर शो को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। दर्शकों में भय फैल गया, और अंतरराष्ट्रीय मीडिया — रूस, चीन और अमेरिका — ने इसे बड़े ध्यान से देखा। कुछ विश्लेषकों ने इसे भारत के रक्षा निर्यात के लिए एक बड़ी बाधा बताया। लेकिन कई विशेषज्ञों ने इसे एक दुर्घटना के रूप में देखा, जिसका विश्लेषण अभी बाकी है।
अभी तक, विमान का ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट डेटा जुटाया जा रहा है। इसके विश्लेषण के बाद ही सही कारण पता चलेगा — क्या यह तकनीकी खामी थी, नियंत्रण की गलती थी, या फिर वातावरणीय कारक? भारतीय वायु सेना ने कहा है कि वे पूरी जांच करेंगे और निष्कर्ष जारी करेंगे।
तेजस के लिए अगला कदम
तेजस का अगला संस्करण — तेजस मार्क-2 — अभी विकास के चरण में है। इसमें अधिक शक्तिशाली इंजन, बेहतर रडार और अधिक स्थिरता के लिए डिज़ाइन में सुधार किए गए हैं। इस दुर्घटना के बाद, इस नए मॉडल के लिए तैयारी और भी तेज हो जाएगी।
भारत के लिए, तेजस सिर्फ एक विमान नहीं है — यह एक संदेश है कि हम अपने आप को दुनिया के सामने खड़ा कर सकते हैं। इस दुर्घटना ने इस संदेश को थोड़ा धुंधला कर दिया है, लेकिन इसे नहीं तोड़ सकी। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
तेजस विमान के लिए यह दूसरी दुर्घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
तेजस के 24 साल के इतिहास में यह केवल दूसरी दुर्घटना है, जो इसकी विश्वसनीयता को दर्शाती है। लेकिन यह दुर्घटना एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में हुई, जहां भारत अपने रक्षा उत्पादों को बेचने की कोशिश कर रहा था। इसलिए यह एक राजनीतिक और व्यावसायिक चुनौती बन गई है।
पायलट नमन सियाल के बारे में क्या जाना जाता है?
विंग कमांडर नमन सियाल हिमाचल प्रदेश के एक छोटे गांव से आए थे और भारतीय वायु सेना के अनुसार उनका सुरक्षा रिकॉर्ड लगभग बिल्कुल बेदाग था। वे तेजस के साथ कई विदेशी प्रदर्शनों में शामिल हुए थे और अपने साथियों में बहुत लोकप्रिय थे। उनकी मौत ने वायु सेना के भीतर गहरा शोक पैदा किया है।
क्या तेजस में तकनीकी खामी का संदेह है?
अभी तक कोई तकनीकी खामी का सबूत नहीं मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि दुर्घटना का कारण विमान के जमीन के बहुत करीब होने और उस समय अपर्याप्त गति का हो सकता है। ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण करने के बाद ही सही कारण पता चलेगा।
दुबई एयर शो के बाद भारत के रक्षा निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
कुछ विदेशी खरीददार इस घटना को ध्यान में रखेंगे, लेकिन अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि एक दुर्घटना से भारत के रक्षा निर्यात का विश्वास नहीं टूटेगा। तेजस की कीमत, प्रदर्शन और स्थानीय निर्माण के फायदे अभी भी बहुत मजबूत हैं।
अगला कदम क्या होगा?
भारतीय वायु सेना और HAL एक संयुक्त जांच समिति गठित करेंगे। ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण अगले 45 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद, तेजस मार्क-2 के विकास में तेजी लाई जाएगी और नए सुरक्षा मानकों को लागू किया जाएगा।
क्या इस दुर्घटना के बाद तेजस का उत्पादन रुक जाएगा?
नहीं। भारतीय वायु सेना ने पुष्टि की है कि तेजस के उत्पादन का कोई रोक नहीं होगा। अभी तक 150 से अधिक विमान तैनात हैं और 100 से अधिक और ऑर्डर लिए गए हैं। यह दुर्घटना एक अपवाद है, न कि एक नियम।