गुजरात के अमरेली जिले में एक दिलचस्प और चिंताजनक घटना सामने आई है। रविवार रात के लगभग 11 बजे, गाँव के निवासी एक असाधारण दृश्य के साक्षी बने जब उन्होंने देखा कि चार शेरों का झुंड सड़क के किनारे एक गाय का शिकार कर रहा है। इस पूरी घटना की तस्वीरे और वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गयी हैं, जिसने सामाजिक मीडिया पर धूम मचा दी है।
इस 15-सेकंड के वीडियो में, आपको साफ दिखेगा कि कैसे शेर बहुत ही निर्ममता से गाय पर हमला कर रहे हैं। ग्रामीणों ने तुरंत ही वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन जब तक अधिकारी वहाँ पहुंचे, शेर अंधेरे का फायदा उठाकर पास के सिंगो जंगल में भाग गए। ग्रामीणों की मशालों की रोशनी और शोर से शेर भाग गए थे। हालांकि, इस प्रकार की घटनाएं अब अज्ञात नहीं रह गई हैं, विशेषकर उन गाँवों में जो गीर के जंगल के किनारे बसे हुए हैं।
कुछ ही दिनों पहले, अमरेली के चलाला में भी इसी प्रकार की एक घटना सामने आई थी। वहाँ एक शेर बीच सड़क पर बैठा था जैसे ही एक वाहन पास आया। इससे स्पष्ट होता है कि शेर और इंसानों के बीच मुठभेड़ अब आम बात हो गई है। यही नहीं, इस पूरे महीने के दौरान एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब 14 शेरों का झुंड गुजरात के एक हाईवे पार करता दिखाई दिया।
गुजरात के गीर जंगल और वन्यजीव अभयारण्य इस वक्त एशियाई शेरों के लिए 'अंतिम आसरा' के रूप में जाना जाता है। यहाँ 50 से भी ज्यादा एशियाई शेर खुलेआम विचरण करते हैं। यह शेर अब लगभग 30,000 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले हुए हैं और गुजरात के 9 जिलों में केन्द्रीत हैं।
लोगों और वन्यजीवन के बीच संघर्ष न केवल खतरनाक है, बल्कि यह दोनों के लिए भी हानिकारक है। ग्रामीण क्षेत्रों में शेरों के प्रसार के बढ़ने के कारण मनुष्यों और पशुओं दोनों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। इस प्रकार की घटनाएं हमें वन्यजीवन की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में पुनर्विचार करने को मजबूर करती हैं।
मुख्य चुनौती यह है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शेरों से सुरक्षित रखा जाए, और साथ ही शेरों को भी अदृश्य रूप से वातानुकूलित किया जाए ताकि वे मानव निवास क्षेत्रों में न घुसें। वन विभाग के अधिकारियों को न केवल शेरों के संरक्षण का ध्यान रखना होगा, बल्कि उन्हें ऐसा उपाय भी खोजना होगा जिससे मानव और वन्यजीवन के बीच संतुलन बना रहे।
संविधान और संबंधित कानून अनुसार, यह वन्य जीवन संरक्षण का दायित्व है कि वह इन शेरों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करें। इसके साथ ही उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जंगलों की सीमाओं के आसपास रहने वाले लोग सुरक्षित रहें।
वन्यजीवन सुरक्षा अधिकारियों के सामने यह एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। ना सिर्फ उन्हें शेरों का संरक्षण करना है बल्कि ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम भी उठाने हैं। तत्काल उपाय और सामुदायिक जागरूकता अभियान से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
समाधान के रूप में, वन विभाग को:
प्राकृतिक आपदाओं और मानव-वन्यजीवन संघर्षों से बचने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। संरक्षण के इन उपायों को तेजी से लागू करना ही इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकता है।
एक टिप्पणी लिखें