अमेरिका ने इजराइल में अपनी एक और रणनीतिक पहल के तहत THAAD मिसाइल रक्षा प्रणाली को तैनात करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत अमेरिका ने इस अत्याधुनिक प्रणाली के साथ सैनिकों को भी इजराइल भेजा है, जो मिसाइल संचालन के साथ देश के रक्षा तंत्र को प्रभावी बनायेंगे। इस फैसले का प्रमुख उद्देश्य इजराइल की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को दूर करना और क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना को मजबूत करना है।
यह तैनाती ऐसे समय में हो रही है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव की स्थिति और बढ़ी हुई है। THAAD प्रणाली को बैलिस्टिक मिसाइलों के अंतिम चरण में नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। इस कदम से अमेरिका और इजराइल के बीच सैन्य सहयोग की गहराई और दो देशों के बीच बढ़ती सैन्य समझदारी स्पष्ट होती है।
THAAD या टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस प्रणाली का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि वे टारगेट की प्रभावी तरीके से पहचान और बिना देरी किए सामरिक मिसाइल खतरे को खत्म कर सकें। इसके अतिविशिष्ट सेंसर और इंटरसेप्टर इकाइयाँ इसे एक अपरिहार्य सुरक्षा मूल्य देती हैं। इजराइल के लिए यह कदम उसके रक्षा कवच को बढ़ाएगा और उसके दुश्मनों को कड़ा संदेश देगा कि वह अपनी सुरक्षा को ले कर कोई समझौता नहीं करेगा।
इस तैनाती से यह भी संकेत मिलता है कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। खासकर मध्य-पूर्व में जहां ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर पहले से ही चिंता की स्थिति बनी हुई है।
यह तैनाती न केवल रक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय भू-राजनीति पर असर पड़ सकता है और ईरान समेत अन्य देशों के साथ भविष्य की बातचीत की प्रक्रियाओं पर भी असर पड़ सकता है।
यह जानना भी आवश्यक है कि जो अमेरिकी सैनिक तैनात हो रहे हैं, वे केवल मिसाइल प्रणाली की निगरानी और संचालन के लिए नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर वहां किसी भी संभावित संघर्ष में शिरकत करने के लिए भी तैयार रहेंगे। इससे पहले अमेरिकी सैनिकों की इस तरह की प्रत्यक्ष स्थिति इजराइल में नहीं थी, जो अमेरिकी सैन्य इकाई की इस क्षेत्र में भूमिका में नये मुद्रा का परिचायक है।
इस तैनाती के पीछे अमेरिका और इजराइल की सुरक्षा भागीदारी का गहरा संबंध छिपा है जो न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बल्कि वैश्विक सुरक्षा प्रणाली में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
टिप्पणि (10)
Vishal Kumar Vaswani अक्तूबर 14 2024
👁️🗨️ देखो ये THAAD सिर्फ मिसाइल नहीं, ये हमारे घरों में गुप्त निगरानी का पहला कदम है।
ravi teja अक्तूबर 14 2024
भाई लोग, इज़राइल में अमेरिकी धड़ से थैड आया है, तो अब शायद पड़ोसी देश भी अपनी टैंकों को हाई वैक्यूम में रखेंगे।
बस देखते रहो, असली खेल तो अभी शुरू ही हुआ है।
Surya Banerjee अक्तूबर 14 2024
यार थैड का सेटअप देख के लगता है जैसे "फैंटेसी" मूवी का प्रॉप्स, पर इज़राइल को इशारा है अबभियो "बंद करो फालतू हमले"।
बिना समझे कूद मत पड़ो।
Sunil Kumar अक्तूबर 14 2024
अरे वाह, अमेरिका ने फिर से इज़राइल में THAAD लगा दिया, मानो अपने बैग में जादू की छड़ी रख ली हो।
ये सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों को मारता है, पर क्या यह हमारे अपने सॉफ़्टवेयर बग को नहीं मार पाएगा?
भारी फैंसी के साथ, एक छोटी सी टुकड़ी अमेरिकी सैनिकों को भी लेकर आए हैं, जैसे पार्टी में दावत के साथ सुरक्षा गार्ड भी हों।
सुरक्षा का बहाना लेकर क्षेत्र में तनाव की मसालेड़ी को फिर से पकाया जा रहा है।
अगर हम इसको एक मज़ाक समझकर हँसेंगे तो क्या यह करीबियों को हंसी के साथ नहीं लाएगा?
वास्तव में, THAAD का प्रभाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि राजनयिक इशारे भी है, जो इरान को चुप कराने की कोशिश है।
पर एक बात तो तय है, जब बड़े देशों की डिप्लोमैटिक खेलें चलती हैं तो छोटे देशों की आवाज़ चुप रहती है।
इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने का दावा है, पर क्या यह वास्तविक में नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाएगा?
हमें नज़र रखनी चाहिए कि इस तरह के आर्म्ड डिप्लोमी किस कीमत पर आता है।
जैसे ही एक देश दूसरे को हथियार भेजता है, वह खुद को भी उस हथियार के लक्ष्य में बदल देता है।
भू-राजनीति का ये नया चरण सिर्फ आयुध नहीं, बल्कि सूचना के युद्ध की शुरुआत भी हो सकती है।
ऐसे में, जनता को चाहिए कि वह सवाल पूछे, लेकिन यहाँ सवाल पूछना तो प्रतिबंधित लगता है।
अमेरिका का यह कदम शायद अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए है, पर क्या इसका असर शांति पर नहीं पड़ेगा?
यदि हम इस पूरे परिदृश्य को एक नाटक की तरह देखें, तो मंच पर सबका किरदार निर्धारित है।
अंत में, मैं यही कहूँगा कि हमें अपनी आँखें खुली रखनी चाहिए, नहीं तो ये THAAD सिर्फ एक ब्यूटी प्लग बन कर रह जाएगा।
Ashish Singh अक्तूबर 14 2024
भारी सम्मान के साथ, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूँगा कि ऐसे अस्थायी सैन्य हस्तक्षेप राष्ट्रीय संप्रभुता के विरुद्ध हैं; यह न केवल अतिव्यापी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों की उपेक्षा भी है।
Abhishek Agrawal अक्तूबर 14 2024
क्या बात है!!! अमेरिकी सैनिकों का इज़राइल में होना, मिसाइल सिस्टम को एक साथ लेकर जाना, क्या यह योजना है?? क्या हम सब बस देख रहे हैं??!!
Rajnish Swaroop Azad अक्तूबर 14 2024
THAAD की चमकदार रोशनी के पीछे छिपी है असल में डर की गूँज, मन में उठता सवाल, क्या यह सुरक्षा है या केवल दिखावा
bhavna bhedi अक्तूबर 14 2024
रचना वास्तव में गहरी है, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि सुरक्षा का अर्थ केवल हथियार नहीं बल्कि मानवीय संवाद भी है, इसलिए संवाद की दिशा में कदम बढ़ाना आवश्यक है।
Chirantanjyoti Mudoi अक्तूबर 14 2024
इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं को समझते हुए, अमेरिका का सहयोग आवश्यक लग सकता है, पर साथ ही इस कदम के दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करना चाहिए।
Gurjeet Chhabra अक्तूबर 14 2024
हमें देखना होगा कि क्या यह सिस्टम सच में धमक्या को रोकता है या सिर्फ राजनीति को नई ताकत देता है।