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महारानी माधवी राजे सिंधिया का 70 वर्ष की आयु में निधन, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर
मई 15, 2024
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता और ग्वालियर की राजमाता महारानी माधवी राजे सिंधिया का सोमवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 70 वर्ष की थीं। उनके असामयिक निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भाजन लाल शर्मा ने महारानी माधवी राजे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन की खबर अत्यंत दुखद है और वह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले।

इसके अलावा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार को संबल देने की बात कही है।

नेपाल के राजपरिवार से थीं माधवी राजे का नाता

महारानी माधवी राजे का जन्म नेपाल के राजघराने में हुआ था। उनके दादा नेपाल के 15वें प्रधानमंत्री रह चुके थे। शादी के बाद उनका नाम परंपरा के अनुसार माधवी राजे सिंधिया रखा गया था।

माधवी राजे की शादी तत्कालीन महाराज माधव सिंधिया के साथ हुई थी। कुछ समय बाद उन्हें ग्वालियर की राजमाता घोषित कर दिया गया। राजपरिवार से जुड़ी होने के कारण वह न सिर्फ राजनीति से जुड़ी रहीं बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय रहीं।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

महारानी माधवी राजे सिंधिया के पति महाराज माधव सिंधिया भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता थे। उन्होंने कई वर्षों तक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। लेकिन अचानक 2001 में विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया।

इसके बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में प्रवेश किया और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। महारानी माधवी राजे सिंधिया के निधन के बाद सिंधिया परिवार की परंपरा का एक युग समाप्त हो गया है।

शोक व्यक्त करने वालों में बड़े नेता शामिल

महारानी माधवी राजे सिंधिया के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में देश के कई बड़े नेता शामिल हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई अन्य दिग्गज नेता शामिल हैं।

इसके अलावा, ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है। माधवी राजे लोगों की सेवा और उनके कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। उनके असामयिक निधन से सिंधिया परिवार और ग्वालियर की जनता को गहरा आघात लगा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महारानी माधवी राजे सिंधिया का निधन न केवल सिंधिया परिवार बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान और समाज सेवा को हमेशा याद किया जाएगा।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (17)

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jyoti igobymyfirstname मई 15 2024

ओह माय गॉड, ये तो बड़ा धकका है!

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Vishal Kumar Vaswani मई 16 2024

इस हादसे के पीछे क्या राजनैतिक षड्यंत्र छिपा है, यह बात साफ है।
महारानीजी का निधन केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं, यह सत्ता के खेल में एक नया मोड़ है।
उनके परिवार की राजनैतिक विरासत को देखते हुए, कई दांवपेंच पहले से चालू थे। 😊
दिल्ली के एएमएस में उनकी मृत्यु को लेकर कई छिपे हुए एजेंडे की संभावना है।
यह बात अनदेखी नहीं की जा सकती कि समान्य नागरिकों को इस पर सूचित नहीं किया गया। 🤔
गठबंधन की गठजोड़ों में यह घटना एक चेतावनी के तौर पर उपयोग की जा रही है।
कई ऊँचे अधिकारी इस मौके को अपने निजी फायदों के लिए मोड़ रहे हैं। 😒
सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों को सही समझना मुश्किल है, परंतु झूठी जानकारी भी उद्दिष्ट को बदल देती है।
जब हम इतिहास में देखें तो ऐसी घटनाएँ अक्सर नेता वर्ग के भीतर सत्ता संघर्ष को दर्शाती हैं।
इस तरह की परिस्थितियों में जनता को जागरूक रहना आवश्यक है।
हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि सत्ता के खेल में इंसानों की ज़िंदगियाँ अक्सर मोची की नोक पर लात हैं।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सरकार की पारदर्शिता का प्रश्न उठता है।
क्या एएमएस में इलाज के मानक में कोई ढील दी गई, यह एक गंभीर सवाल बना रहता है।
देखते हैं कि भविष्य में इस मामले की जांच कितनी स्वतंत्र और निष्पक्ष होगी।
आशा है कि जनता को सच्चाई तक पहुँचने का अधिकार मिलेगा, और इस तरह के षड्यंत्र को रोका जा सकेगा। 😊

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Zoya Malik मई 17 2024

मेरा मानना है कि यह घटना बहुत गहरे स्तर पर छुपी है।
जिन लोगों ने इसे बहुत ही नरम शब्दों में पेश किया है, वे शायद सच नहीं देख पा रहे हैं।
समय के साथ सच्चाई सामने आएगी, लेकिन अभी हमें शोक की लहर को समझना चाहिए।
यह एक बड़ी क्षति है, लेकिन राजनीतिक खेलों को भी देखना जरूरी है।

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Ashutosh Kumar मई 18 2024

वाह, इस सच्चाई की बात तो बिल्कुल सही है! हमें अब इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि राजनीति में सब कुछ साफ़ नहीं होता।

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Gurjeet Chhabra मई 19 2024

सच में दुखद खबर है, परिवार को मेरी संवेदनाएँ।

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AMRESH KUMAR मई 20 2024

देश की शहीद माँ की आत्मा को शांति मिले! हम सभी को उनका योगदान याद रखना चाहिए। 🙏

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ritesh kumar मई 21 2024

इन सब के पीछे असली खेल तो विदेशी एजेंसियों का है, यही बात मुझे समझ में आती है।
उन्हें हमेशा हमारे नेतृत्व को कमजोर करना होता है, इसलिए ऐसी घटनाएँ होती हैं।
वास्तविक कारण को सबको बताने की जरूरत है।

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Raja Rajan मई 22 2024

वाद-विवाद में अक्सर भावनाएं बिखरती हैं, पर तथ्यों को स्पष्ट रखना चाहिए।

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Atish Gupta मई 23 2024

हम सभी को इस दुख की घड़ी में एकजुट होना चाहिए, राजनीति को व्यक्तिगत न बनाएं।
ऐसे ही क्षण में सामाजिक सौहार्द देखना चाहिए।

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Aanchal Talwar मई 24 2024

सच्चे दिल से समवेदना प्रकट करती हूँ, परिवार को ताकत मिले।

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Neha Shetty मई 25 2024

जीवन की अनिश्चितता हमें सिखाती है कि हर पल को महत्व देना चाहिए।
महारानी जी के योगदान को याद रखेंगे, उनके सामाजिक कार्यों ने कई लोगों को प्रेरित किया।
इस समय में हमें उनके विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए, चाहे वह छोटे-छोटे कदम ही क्यों न हों।

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Apu Mistry मई 26 2024

सच्चाई अक्सर दर्द देती है, परंतु हमें उससे सीख लेनी चाहिए।

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uday goud मई 26 2024

इतिहास में जब भी हम इस तरह की क्षति देखते हैं, यह हमारे सामाजिक ताने-बाने में एक चेतावनी बन जाता है।
आइए हम इन घटनाओं से सीखें और भविष्य में अधिक समावेशी एवं सच्ची राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
समाज का विकास तभी संभव है जब हम सभी एक-दूसरे के सम्मान को समझें और मानें।

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Chirantanjyoti Mudoi मई 27 2024

हर कोई इस बात को एक ही लेंस से नहीं देख सकता, विविध दृष्टिकोण जरूरी हैं।

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Surya Banerjee मई 28 2024

सबको याद दिलाना चाहिए कि हम एक समुदाय हैं, और इस दुख के समय में एकजुटता ही हमारी ताकत है।

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Sunil Kumar मई 29 2024

ओह, कितनी महान शहिदा थीं आप, अब देखो किस तरह से इस बात को प्रयोग में लाया जा रहा है।
करते-करते मेहनत तो कर ली थी, पर अब किसको स्मरण? 🙄

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Ashish Singh मई 30 2024

जैसे हम सभी जानते हैं, नैतिकता और सम्मान के बिना कोई भी राजनीति नहीं चल सकती।
उन्हें शोकगीत गाना चाहिए और फिर अपने कर्तव्यों को पुनः स्थापित करना चाहिए।

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