केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता और ग्वालियर की राजमाता महारानी माधवी राजे सिंधिया का सोमवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 70 वर्ष की थीं। उनके असामयिक निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भाजन लाल शर्मा ने महारानी माधवी राजे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन की खबर अत्यंत दुखद है और वह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले।
इसके अलावा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार को संबल देने की बात कही है।
महारानी माधवी राजे का जन्म नेपाल के राजघराने में हुआ था। उनके दादा नेपाल के 15वें प्रधानमंत्री रह चुके थे। शादी के बाद उनका नाम परंपरा के अनुसार माधवी राजे सिंधिया रखा गया था।
माधवी राजे की शादी तत्कालीन महाराज माधव सिंधिया के साथ हुई थी। कुछ समय बाद उन्हें ग्वालियर की राजमाता घोषित कर दिया गया। राजपरिवार से जुड़ी होने के कारण वह न सिर्फ राजनीति से जुड़ी रहीं बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय रहीं।
महारानी माधवी राजे सिंधिया के पति महाराज माधव सिंधिया भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता थे। उन्होंने कई वर्षों तक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। लेकिन अचानक 2001 में विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया।
इसके बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में प्रवेश किया और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। महारानी माधवी राजे सिंधिया के निधन के बाद सिंधिया परिवार की परंपरा का एक युग समाप्त हो गया है।
महारानी माधवी राजे सिंधिया के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में देश के कई बड़े नेता शामिल हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई अन्य दिग्गज नेता शामिल हैं।
इसके अलावा, ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है। माधवी राजे लोगों की सेवा और उनके कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। उनके असामयिक निधन से सिंधिया परिवार और ग्वालियर की जनता को गहरा आघात लगा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महारानी माधवी राजे सिंधिया का निधन न केवल सिंधिया परिवार बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान और समाज सेवा को हमेशा याद किया जाएगा।
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