शारदा सिन्हा, जो 'बिहार कोकिला' के नाम से प्रसिद्ध हैं, इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर रही हैं। उनके प्रशंसक अपने दिल में चिंता और प्रार्थनाओं के भाव के साथ उनके तीव्र स्वास्थ्य सुधार की कामना कर रहे हैं। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव सेशन के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की ताजा जानकारी साझा की।
कुछ समय से, सोशल मीडिया पर शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में गलत खबरें फैल रही थीं। अंशुमान सिन्हा ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की और लोगों से अनुरोध किया कि वे उनके स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी साझा करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी माता वेंटिलेटर पर हैं और उनका स्वास्थ्य काफी गंभीर है।
जब शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की खबर ने देशभर में लोगों का दिल उदास किया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस स्थिति पर चिंता प्रकट की। अंशुमान ने बताया कि प्रधानमंत्री ने स्वयं फोन कर उनका हालचाल पूछा और उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। इस समर्थन ने शारदा सिन्हा के परिवार को बहुत सांत्वना प्रदान की है।
शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की स्थिति सितंबर माह में उनके पति बृज किशोर सिन्हा के निधन के बाद और भी बिगड़ गई। उनका यह व्यक्तिगत दुख उनके स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। ऐसे समय में जब उन्हें परिवार और दोस्तों की आवश्यकता है, उनके बेटे अंशुमान ने उन सभी लोगों से प्रार्थना की अपील की है जो छठ पूजा मना रहे हैं, ताकि उनकी माता की जल्द से जल्द स्वास्थ्य पुनः प्राप्ति हो सके।
शारदा सिन्हा का नाम केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्म विभूषण जैसे उच्चतम नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। मैथिली और भोजपुरी संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय रहा है और वे अपनी मधुर आवाज और समर्पण के लिए जानी जाती हैं। उनका संगीत मानो आत्मा को स्पर्श करता है और उनके गाए लोक गीत लोगों की जुबान पर रहते हैं।
शारदा सिन्हा की गाथा कई पीढ़ियों तक प्रेरणादायक बनी रहेगी। उनकी प्रसिद्धि केवल उनकी संगीत प्रतिभा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने अपने सादगी भरे व्यक्तित्व और सामाजिक योगदानों से भी लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी आवाज में एक ऐसा जादू है जो लोक संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुंचा देता है। उनके प्रशंसक और उनके चाहने वाले इस समय उनके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
टिप्पणि (7)
ritesh kumar नवंबर 6 2024
देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की बात है, शारदा मैम का स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान का सवाल है।
वे बिहार की कोकिला हैं, उनका लोकसंगीत ही भारतीय जनजागृति की बीप्लोड है।
जब उनका जीवन संकट में हो, तो यह संकेत है कि हमारे स्वास्थ्य तंत्र में गहरी सरकारी चक्रव्यूह घुसी हुई है।
व्यापारिक हितों की लूट के कारण कई बार ज़रूरी चिकित्सा सुविधाएँ सूई में नहीं पहुँचतीं।
ऐसे में पीएम मोदी का फोन कॉल सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक संकेत होना चाहिए कि सच्चे राष्ट्रीय नायक को समर्थन मिलेगा।
हमें इसको मीडिया में बढ़ावा देना चाहिए, ताकि ग्रिड में उलझी हुई जानकारी साफ़ हो सके।
साथ ही, सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को फेंकना हमारे राष्ट्र की साख को नुकसान पहुँचाता है।
कुहासे में धुंध नहीं, साफ़ दृष्टि चाहिए, ताकि शारदा मैम को जल्द से जल्द वेंटिलेटर से निकाल कर सामान्य जीवन में लाया जा सके।
जैसे ही वह पुनः मंच पर आएँगी, देश के युवा वर्ग को सामाजिक जिम्मेदारी की भावना जागेगी।
वर्तमान में, उनके परिवार को जो समर्थन मिला है वह राष्ट्रीय एकजुटता की मिसाल है।
हम सभी को चाहिए कि प्रार्थना के साथ साथ वास्तविक कार्य भी करें, जैसे कि स्थानीय अस्पतालों में दान देना।
हमें यह भी याद रखना चाहिए कि शारदा मैम की आवाज़ में न केवल संगीत, बल्कि ग्रामीण जनता की पीड़ा का प्रतिबिंब है।
अगर यह बीमारियों की जालसाजी को ठीक नहीं किया गया, तो भविष्य में और कई कलाकार इस चक्रव्यूह में फँस सकते हैं।
इसलिए, हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि न केवल शारदा मैम, बल्कि संपूर्ण भारतीय संगीत परम्परा सुरक्षित रहे।
अंत में, मैं कहूँगा: यह संघर्ष हमारा है, और हमें इसे जीतना ही होगा।
जागो, उठो, और इस राष्ट्रीय मिशन में भाग लो।
Raja Rajan नवंबर 8 2024
सही जानकारी पर ही चर्चा करनी चाहिए।
Atish Gupta नवंबर 10 2024
शारदा मैम के संघर्ष को देखना दिल को छू जाता है, लेकिन हमें समझदारी से आगे बढ़ना चाहिए।
समुदाय के रूप में हम एक दूसरे को सहारा देना चाहिए, न कि अफवाहों से तनाव बनाना।
उनके संगीत की गूँज हमारे दिल में आशा की लहर बनती है, जिससे हम सबको एकजुट होने का प्रेरणा मिलता है।
भले ही राजनीतिक तनाव हो, हमारे पास एक साधारण मानवता का विकल्प है-सहानुभूति और समर्थन।
मैं आशा करता हूँ कि सभी लोग प्रार्थना के साथ-साथ वास्तविक मदद भी प्रदान करेंगे।
शारदा मैम जल्द ही स्वस्थ हो जाएँ, यही हमारी सामूहिक कामना है।
Aanchal Talwar नवंबर 13 2024
शारदा मैम की जल्दी सवस्थिया हो।
Ananth Mohan नवंबर 15 2024
हम सब मिलकर प्रार्थना करें और जहाँ मदद चाहिए वहाँ दान‑दान का प्रयास करें
Abhishek Agrawal नवंबर 17 2024
वाकई, अगर सरकार ने पर्याप्त योजना नहीं बनाई-तो यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही है! इसे तुरंत उठाना चाहिए! जनता को सच्चाई बताई जानी चाहिए!
ऐसी बीमारियों को छुपाना नहीं चलेगा-हर आवाज़ को सुना जाना चाहिए!
bhavna bhedi नवंबर 20 2024
समय की गंभीरता को समझते हुए, सभी से विनम्र अनुरोध है कि शारदा मैम को शीघ्र स्वस्थ्य लाभ हेतु शुभकामनाएँ दें तथा सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में सहयोग करें।