25 फरवरी 2025 को कोहिमा के नागालैंड स्टेट लॉटरी विभाग के कार्यालय से तीन बार लॉटरी का परिणाम घोषित हुआ — सुबह 1 बजे, शाम 6 बजे और रात 8 बजे। रात के ड्रॉ का नाम था डियर सुपर डायमंड ट्यूजडे वीकली लॉटरी, और इसका प्रथम पुरस्कार 1 करोड़ रुपये था। यह एक ऐसा पल था जिसका इंतजार नागालैंड, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के लाखों लोगों ने दिनभर किया। कुछ लोगों ने अपने टिकट देखकर आँखें पीछे खींच लीं, कुछ ने फोन पर दोस्तों को फोन किया, और कुछ बस चुपचाप बैठ गए — जैसे कोई अपनी किस्मत का इंतजार कर रहा हो।
क्या हुआ था वास्तव में?
रात का ड्रॉ आधिकारिक तौर पर 7 बजे के लिए शेड्यूल था, लेकिन 8 बजे हुआ। विभाग ने शाम 7:45 बजे एक अपडेट जारी किया — "प्रोटोकॉल के कारण ड्रॉ में 15 मिनट की देरी हुई।" कोई भी जानकारी नहीं दी गई कि देरी का क्या कारण था, लेकिन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार, "कभी-कभी टिकट वेरिफिकेशन सिस्टम में छोटी टेक्निकल गड़बड़ी हो जाती है।" यह बात अब तक के कई ड्रॉ में दोहराई जा चुकी है — फरवरी 2024 में भी एक बार ड्रॉ आधे घंटे देर से हुआ था।
सुबह 1 बजे के ड्रॉ का परिणाम 13:23 बजे घोषित हुआ। जीतने वाला टिकट था 73H 92283 — यही नंबर पिछले सोमवार को भी जीता था, जिससे कुछ लोगों में शक हुआ। लेकिन विभाग ने स्पष्ट किया कि "हर ड्रॉ अलग होता है, और नंबर रैंडमली जनरेट होते हैं।" शाम 6 बजे के ड्रॉ में जीतने वाला टिकट था MXR 45612, जबकि रात 8 बजे के ड्रॉ का जीतने वाला टिकट QTP 88921 था।
पुरस्कार संरचना और दावा प्रक्रिया
प्रथम पुरस्कार 1 करोड़ रुपये, द्वितीय पुरस्कार 9,000 रुपये, तृतीय 450 रुपये, चतुर्थ 250 रुपये, पंचम 120 रुपये और सहायता पुरस्कार 1,000 रुपये। यह संरचना 2015 के लॉटरी आधुनिकीकरण कार्यक्रम के बाद से लागू है।
लेकिन यहाँ एक बड़ी बात है — जिन्होंने 50,000 रुपये से अधिक जीते हैं, उन्हें अपना दावा कोहिमा के लॉटरी कॉम्प्लेक्स में व्यक्तिगत रूप से जमा करना होगा। फोटो आईडी, टिकट की मूल प्रति और बैंक विवरण जमा करने होंगे। यह प्रक्रिया लगभग 3-5 दिन ले सकती है। अगर आप दूर से हैं — जैसे दिल्ली या कोलकाता से — तो आपको अपने शहर के अधिकृत एजेंट के माध्यम से जानकारी लेनी होगी।
लॉटरी का इतिहास: कैसे बनी यह जानलेवा व्यवस्था?
नागालैंड लॉटरी का इतिहास 1972 तक जाता है, जब राज्य सरकार ने नागालैंड लॉटरी (नियमन) अधिनियम पारित किया। पहला ड्रॉ 26 जनवरी 1973 को हुआ था, जब राज्य के मुख्यमंत्री पी. शिलू आओ थे। तब से लेकर आज तक, यह एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने लॉटरी को राज्य की आय का मुख्य स्रोत बना लिया।
2010 में मुख्यमंत्री नेपियू रियो ने तीन ड्रॉ की व्यवस्था शुरू की — सुबह, शाम और रात। उसके बाद 2015 में एक नया नामकरण प्रणाली शुरू हुआ: नदियों और पक्षियों के नाम। डियर यमुना, डियर टूकन, और अब डियर सुपर डायमंड। यह नाम बदलाव बिल्कुल नहीं बेकार था — इससे लोगों को याद रखने में आसानी हुई और ब्रांडिंग बेहतर हुई।
2024-25 के वित्तीय वर्ष में लॉटरी से ₹1,245.78 करोड़ की आय हुई। इसमें से 1.2% राज्य आपातकालीन अनुदान में और 0.8% विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए गया। यह नियम 2019 में बनाया गया था — लेकिन अब तक कोई भी लोगों ने इस राशि का उपयोग कैसे हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली।
क्या अब आगे क्या होगा?
अगला ड्रॉ 26 फरवरी, बुधवार को होगा। सुबह का ड्रॉ डियर महानदी के नाम से होगा, जो एक नदी का नाम है। शाम का ड्रॉ डियर टूकन, और रात का डियर सुपर डायमंड ही रहेगा। विभाग ने अभी तक कोई बदलाव नहीं बताया है।
लेकिन एक बात जो अब तक किसी ने नहीं बताई — क्या यह लॉटरी अब भी न्यायसंगत है? एक विश्लेषक ने बताया कि "2024 में लगभग 87% जीतने वाले टिकट वहाँ के छोटे शहरों और गाँवों से आए, जहाँ लोग अपनी बचत का एक हिस्सा लॉटरी पर खर्च करते हैं।" यह बात बहुत गहरी है। क्या यह लॉटरी एक आशा का स्रोत है, या एक निराशा का बाजार?
कैसे चेक करें परिणाम?
आधिकारिक वेबसाइटें हैं: nagalandlotterysambad.com, www.nagalandlotteries.com, और www.lotterysambad.com। आपको "लॉटरी संबाद परिणाम" बटन पर क्लिक करना होगा, फिर तारीख और ड्रॉ का नाम चुनना होगा। एक बार जब आप अपना टिकट नंबर डालते हैं, तो सिस्टम बता देता है — जीता या हारा।
मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है। लेकिन कई लोग अभी भी अपने लोकल लॉटरी एजेंट के पास जाते हैं। कोहिमा के एक एजेंट ने कहा, "हमारे पास हर दिन 50-60 लोग आते हैं। कुछ जीत जाते हैं, कुछ रो जाते हैं। हम दोनों के साथ बैठ जाते हैं।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डियर सुपर डायमंड लॉटरी का परिणाम कहाँ देख सकते हैं?
आधिकारिक वेबसाइटें nagalandlotterysambad.com, nagalandlotteries.com और lotterysambad.com पर जाकर आप तारीख और ड्रॉ का नाम चुन सकते हैं। ऐप के माध्यम से भी चेक किया जा सकता है। विभाग का दावा है कि ये तीनों स्रोत एक ही डेटा दिखाते हैं।
1 करोड़ रुपये जीतने के बाद क्या करना होगा?
पुरस्कार राशि 50,000 रुपये से अधिक होने पर आपको अपना टिकट, आधिकारिक पहचान पत्र और बैंक विवरण लेकर कोहिमा के लॉटरी कॉम्प्लेक्स में जाना होगा। यहाँ आपका टिकट वेरिफाई किया जाएगा, और बाद में राशि बैंक में ट्रांसफर कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया 3-5 कार्यदिवस ले सकती है।
लॉटरी का नाम क्यों बदलता रहता है?
2015 के आधुनिकीकरण के बाद लॉटरी विभाग ने नदियों और पक्षियों के नाम रखने की नीति शुरू की। इससे लोगों को याद रखने में आसानी होती है और ब्रांड आइडेंटिटी मजबूत होती है। डियर सुपर डायमंड अब रविवार और मंगलवार के रात के ड्रॉ के लिए निर्धारित है।
क्या लॉटरी के लाभ का उपयोग लोगों को दिखाया जाता है?
वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹1,245.78 करोड़ की आय हुई, जिसमें से 1.2% आपातकालीन अनुदान और 0.8% विकलांग व्यक्तियों के लिए गया। लेकिन इन राशियों का उपयोग कैसे हुआ, इसकी कोई सार्वजनिक रिपोर्ट नहीं जारी की गई। इसकी जानकारी अभी तक अंधेरे में है।
क्या लॉटरी के टिकट बाहरी राज्यों में भी बिकते हैं?
हाँ, नागालैंड लॉटरी सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में भी बिकती है। लेकिन इन राज्यों में जीतने वाले लोगों को अपना दावा नागालैंड में ही जमा करना होता है। कई लोग इस बात के लिए शिकायत करते हैं, क्योंकि यात्रा लागत बहुत अधिक होती है।
क्या लॉटरी धोखाधड़ी का शिकार हो सकती है?
आधिकारिक तौर पर विभाग कहता है कि सभी ड्रॉ एक अलग रैंडम जनरेटर से होते हैं और एक स्वतंत्र निरीक्षक उपस्थित रहता है। लेकिन 2022 में एक मामला आया था, जहाँ एक एजेंट ने अपने टिकट बेचकर जीत का दावा नहीं किया। इसके बाद विभाग ने टिकट बेचने वालों के लिए एक नया रिकॉर्डिंग सिस्टम लागू किया।
टिप्पणि (12)
naresh g नवंबर 20 2025
ये लॉटरी वाला सिस्टम... बस एक बार ड्रॉ में 15 मिनट की देरी हो जाती है, और फिर "टेक्निकल गड़बड़ी" का बहाना! अगर ये रैंडम है, तो फिर हर हफ्ते एक ही नंबर कैसे आ रहा है? 73H 92283-पिछले सोमवार को भी जीता था! ये नहीं हो सकता कि ये असली रैंडम हो... ये तो एक अच्छा ब्रांडिंग ट्रिक है, जिससे लोगों को लगे कि "अरे, ये नंबर तो आया ही था!" और वो फिर से टिकट खरीद लेते हैं... और विभाग को पैसे मिल जाते हैं।
Brajesh Yadav नवंबर 21 2025
अरे भाईयों! एक करोड़ रुपये जीत गए तो क्या हुआ? अब तो जिंदगी बदल गई! 😭🎉 लेकिन इस बार जो जीता, वो शायद एक गाँव का आदमी है, जिसने पूरा महीना बचत करके एक टिकट खरीदा... और अब उसकी बेटी पढ़ेगी! इस लॉटरी को निकाल दो, तो लाखों लोग बेकार हो जाएंगे! ये उनकी आशा है! 🙏❤️
Govind Gupta नवंबर 22 2025
मुझे लगता है कि ये लॉटरी एक अद्भुत सामाजिक घटना है-न सिर्फ एक खेल, बल्कि एक रितु, एक रोज़ की उम्मीद का रस्म। लोग चाय पीते-पीते ड्रॉ का इंतजार करते हैं, अपने दोस्तों के साथ नंबर चर्चा करते हैं, और फिर जब नंबर आता है, तो एक तरह का सामूहिक दम रुक जाता है। ये तो एक लोककथा बन चुकी है। बस इतना अच्छा होगा कि जीतने वाले को उसकी जिंदगी बदल जाए, और वो पैसा वाकई लोगों के लिए इस्तेमाल हो।
tushar singh नवंबर 22 2025
अगर आपने टिकट खरीदा है, तो बस उसे बचाए रखिए। जीते या हारे, आपने एक छोटी सी आशा को जीवित रखा है। और अगर आप जीत गए, तो बहुत बधाई! लेकिन याद रखिए-जीतने के बाद भी अपनी जिंदगी का आधार बनाए रखिए। लॉटरी एक तोहफा है, लेकिन आपकी मेहनत ही आपकी असली जीत है। 💪
Nikhil nilkhan नवंबर 23 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि जब लोग रात को 8 बजे लॉटरी का नतीजा देखने के लिए टीवी के सामने बैठते हैं, तो वो अपनी जिंदगी का एक पल बदलने की उम्मीद में बैठे होते हैं? ये नहीं कि वो अमीर बनना चाहते हैं-बल्कि बस इतना चाहते हैं कि अगले महीने बच्चे का फीस न लेना पड़े, या बीमार पत्नी की दवा खरीद सकें। ये लॉटरी एक दर्द है, जिसे लोग एक चांदी के टुकड़े के रूप में ढूंढते हैं।
Damini Nichinnamettlu नवंबर 23 2025
लॉटरी का नाम बदलना? बिल्कुल बेकार की बात। अगर ये न्यायसंगत है, तो नाम बदलने की क्या जरूरत? ये नाम बदलने की युक्ति से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। और जो लोग दिल्ली या कोलकाता से जीत गए, उन्हें कोहिमा जाना पड़ेगा? ये राज्य नहीं, एक लूट का ढांचा है।
Vinod Pillai नवंबर 23 2025
ये सब बकवास है। लॉटरी एक टैक्स है-गरीबों पर लगाया गया टैक्स। 1.2% आपातकालीन फंड? कौन देखता है कि वो पैसा कहाँ गया? आपको बताया नहीं जाता क्योंकि वो बर्बाद हो गया है। और फिर भी लोग टिकट खरीदते हैं? बस इतना ही बुद्धिमान हैं ये लोग।
Avantika Dandapani नवंबर 24 2025
मैंने एक एजेंट से बात की जिसने कहा, "हम दोनों के साथ बैठ जाते हैं-जिन्होंने जीता और जिन्होंने हारा।" ये बात मुझे रो देती है। ये लॉटरी एक अकेलापन का अंतर है-एक ऐसा जगह जहाँ लोग अपनी उम्मीद और निराशा दोनों बाँट सकते हैं। ये तो एक गाँव का चिकित्सक है, बिना डॉक्टर के।
Ayushi Dongre नवंबर 25 2025
लॉटरी के आय का उपयोग लोगों को दिखाए जाने का अभाव, एक गहरा लोकतांत्रिक विफलता है। जब एक राज्य सरकार लाखों लोगों के बचत के आधार पर आय अर्जित करती है, तो उसकी वित्तीय पारदर्शिता एक नैतिक दायित्व है। यहाँ तक कि एक बार भी जारी न की गई रिपोर्ट, नागालैंड सरकार के लोकतंत्र के अस्तित्व को संदेह के साथ देखने का कारण बनती है।
rakesh meena नवंबर 27 2025
टिकट खरीदो। जीतो या हारो। अगला ड्रॉ आ रहा है। बस यही है।
sandeep singh नवंबर 28 2025
इस लॉटरी को बंद कर दो। ये गरीबों का खेल है। आप देखो, जिन गाँवों से जीत आती है, वो लोग अपनी जिंदगी का एक टुकड़ा बेच देते हैं। ये लॉटरी एक गुलामी है। और जो लोग इसे बचाते हैं, वो भी उसी गुलामी के हिस्से हैं।
Sumit Garg नवंबर 29 2025
लॉटरी विभाग का "रैंडम जनरेटर" एक बहाना है। अगर ये वाकई रैंडम होता, तो 2024 में 87% जीतने वाले टिकट गाँवों से कैसे आए? ये एक नियोजित व्यवस्था है-एक ऐसी जो गरीबों को उनके आशा के भावनात्मक निवेश में फंसाती है। और फिर विभाग नदियों के नाम देकर इसे आकर्षक बना रहा है। ये नहीं लॉटरी है... ये एक नवीन आधुनिक नियंत्रण प्रणाली है।