पूर्व क्रिकेटर और 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम झा आजाद का सोमवार, 2 सितंबर 2024 को लंबी बीमारी के बाद 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पूनम झा आजाद लंबे समय से गंभीर स्थिति से जूझ रही थीं और कुछ वर्षों से विलचेयर पर थीं। उनकी मृत्यु 12:40 PM पर हुई।
कीर्ति आजाद, जो वर्तमान में बर्द्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं, ने अपनी पत्नी पूनम झा का अंतिम संस्कार दुर्गापुर के दमदार वैली श्मशान घाट पर किया। पूनम झा का निधन उनके परिवार और दोस्तों के लिए अत्यंत दुखदायी क्षण है।
पूनम झा आजाद भी एक राजनीतिक व्यक्ति थीं। उनका राजनीतिक सफर बीजेपी, आम आदमी पार्टी और बाद में कांग्रेस में हुआ। उनकी राजनीतिक यात्रा में उन्होंने हमेशा समर्पण और तन्मयता से काम किया। कई बार जनता ने उन्हें विभिन्न चुनावों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए देखा, भले ही वे अपनी बीमारी की वजह से व्हीलचेयर पर थीं।
उनकी निधन की खबर से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कीर्ति आजाद और उनके परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने अपने संदेश में पूनम झा को एक साहसी महिला बताया और उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूनम की अवस्था के बारे में लंबे समय तक जानकारी रखी थी और परिवार के प्रयासों की सराहना की जो उनके इलाज के लिए निरंतर जारी थे।
कीर्ति आजाद ने अपनी पत्नी की मृत्यु की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दी और सभी को धन्यवाद कहा जिन्होनें अपनी शुभकामनाएं भेजीं। उन्होंने लिखा, 'पूनम के जाने से हम बहुत दुखी हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।'
पूनम की मृत्यु के बाद, कीर्ति आजाद और उनके परिवार को कई अन्य प्रमुख राजनीतिक नेताओं से भी शोक संवेदनाएं मिलीं। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने शोक संदेश में कीर्ति आजाद और उनके परिवार को शक्ति की कामना की।
पूनम झा का संघर्ष और उनका राजनीतिक समर्पण हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। उनके जाने से न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि पूरे देश में उनके प्रशंसकों को गहरा दुख हुआ है। उनका परिवार, जिसमें उनके दो बेटे हैं, इस कठिन समय में एकजुट और मजबूत रहने की कोशिश कर रहा है।
पूनम झा का जीवन और उनके संघर्ष की कहानी हर महिला के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने जिस तरह से अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखा, वह सचमुच अद्वितीय था। उनकी संघर्षशीलता और समर्पण ने उन्हें हर एक के दिल में खास जगह दी।
कीर्ति आजाद और उनकी पत्नी पूनम झा का संबंध जीवन के हर कठिन समय में साथ रहने का उदाहरण है। इस दुखद अवसर पर देशभर से शोक संवेदनाओं का तांता लगा हुआ है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि जीवन में समर्पण और संघर्ष का कितना महत्व होता है।
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