वहाँ से काफ़ी देर नहीं हुई, CBSE बोर्ड 2025 ने अपना टाइम‑टेबल छात्रों के लिये 86 दिन पहले ही रिलीज़ कर दिया। इस साल बोर्ड ने 2024 की तुलना में 23 दिन पहले ही डेटा प्रकाशित करके योजना में काफी सुधार दिखाया है। सभी परीक्षाओं की शुरुआत एक ही दिन, 15 फ़रवरी 2025, से हो रही है, जिससे स्कूलों को लॉजिस्टिक तैयारी में आसानी होगी।
कक्षा 10 के लिये परीक्षा 15 फ़रवरी को इंग्लिश (भाषा एवं साहित्य) से शुरू होती है, फिर 20 फ़रवरी को साइंस, 25 फ़रवरी को सोशल साइंस और 28 फ़रवरी को हिन्दी कोर्स‑ए। गणित (स्टैण्डर्ड एवं बेसिक) की परीक्षा 10 मार्च को, पंजाबी 17 मार्च को और अंत में 18 मार्च को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रखी गई है।
कक्षा 12 का शेड्यूल भी समान रूप से व्यवस्थित है। 17 फ़रवरी को फिजिकल एडुकेशन, 21 फ़रवरी को फिजिक्स, 24 फ़रवरी को जियोग्राफी, 27 फ़रवरी को केमिस्ट्री, 8 मार्च को गणित, 11 मार्च को इंग्लिश कोर, 15 मार्च को हिन्दी कोर, 19 मार्च को इकोनॉमिक्स, 22 मार्च को पॉलिटिकल साइंस, 25 मार्च को बायोलॉजी, 29 मार्च को कंप्यूटर साइंस और 1 अप्रैल को हिस्ट्री रखी गई हैं। अंतिम पत्र 4 अप्रैल को समाप्त होगा।
विस्तृत प्रैक्टिकल शेड्यूल में दो अलग‑अलग समूह बनाये गये हैं। विंटर‑बाउंड स्कूलों के लिये प्रैक्टिकल 5 नवंबर 2024 से शुरू होकर 5 दिसंबर 2024 तक चलेगा, जबकि बाकी स्कूलों के लिये 1 जनवरी 2025 से प्रैक्टिकल शुरू होगा। यह विभाजन स्कूलों के शैक्षणिक कैलेंडर को ध्यान में रखकर किया गया है।
सभी पेपर का समय एक समान, यानी सुबह 10:30 वजे (IST) से शुरू होता है। पेपर की अवधि विषय के अनुसार 2 से 3 घंटे के बीच निर्धारित की गई है, जिससे छात्रों को परीक्षा की लंबाई का स्पष्ट अंदाज़ा रहता है।
इस विस्तृत शेड्यूल को देखकर सबसे बड़ी राहत यह है कि प्रमुख विषयों के बीच पर्याप्त अंतराल रखा गया है। छात्र इस समय का उपयोग करके अपने कमजोर क्षेत्रों को मजबूत कर सकते हैं। नीचे कुछ प्रैक्टिकल टिप्स दी जा रही हैं:
CBSE ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को आधिकारिक वेबसाइट (cbse.gov.in) से PDF फॉर्मेट में पूरा डेट शीट डाउनलोड करने की सलाह दी है। पेपर हाल ही में पेपर‑पेपर मोड में रखे जाएंगे, इसलिए कोई कलश या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं चाहिए। अगर स्कूल ने डिजिटल मोड अपनाया है, तो भी लिखित परीक्षा ही चलेगी, इसलिए छात्रों को पुरानी पेन‑पेपर की तैयारी में ध्यान देना चाहिए।
ऐसे समय में जहाँ कई बोर्ड ऑनलाइन शेड्यूल पेश कर रहे हैं, CBSE की इस जल्दी सूचना जारी करने की पहल छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिये राहत की बात है। अब स्कूलों को भी एग्जाम हॉल की व्यवस्था, प्रैक्टिकल लॅब की तैयारी और प्रोफेसर की उपलब्धता को समय पर व्यवस्थित करना आसान होगा।
टिप्पणि (5)
Sweta Agarwal सितंबर 26 2025
वाह, बोर्ड ने समय पर शेड्यूल जारी किया, एग्जाम के समान ही जल्दी।
KRISHNAMURTHY R सितंबर 26 2025
शेड्यूल देख कर थोड़ा रिलैक्स फील हुआ, अब टाइम मैनेजमेंट की ठोस प्लान बना सकते हैं 😊
जैसे कि इंग्लिश और साइंस के बीच 5‑दिन का गैप, वो एकदम परफेक्ट है प्रैक्टिकल रिव्यू के लिए.
ट्रैकिंग शीट बनाते समय हर सब्जेक्ट को बराबर टाइम देना चाहिए, ना कि सिर्फ़ हाई‑स्कोर वाले को।
पिछले साल के प्रश्नपत्र हल करने से पैटर्न समझ में आता है और कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स का उपयोग एआई और कंप्यूटर साइंस जैसे नए टॉपिक में जरूर करें।
ब्रेक लेना मत भूलिए, दो घंटे पढ़ाई के बाद 10‑15 मिनट का छोटे ब्रेक से दिमाग फ्रेश रहता है।
priyanka k सितंबर 26 2025
आदरणीय विद्यार्थियों एवं अभिभावकों, बोर्ड का यह अत्यंत तत्पर कार्य प्रशंसनीय है; परंतु यह आश्चर्यजनक भी है कि 86 दिन पहले ही समय‑सारिणी प्रकाशित कर दी गई।
क्या यह कोई नई ट्रेंड है कि एग्जाम की तैयारी को ‘सीजिंग द डेज़’ बनाना है?😂
बिल्कुल, अहम् है कि आप सभी इस शेड्यूल को अपनी व्यक्तिगत योजना में सम्मिलित कर लें।
ऐसे समय में जहाँ कई बोर्ड डिजिटल मोड अपनाते हैं, CBSE का पुराना पेपर‑पेपर मोड अद्भुत परंतु किचकिचा भी है।
sharmila sharmila सितंबर 26 2025
हेइ! शेड्यूल देख के बड़िया लगा, पर थोडा टाय्पो पाया है, पर फिक़र नको!
जैसे प्रैक्टिकल ग्रुप्स को 5 नॉवेम्बर से शुरू किया गया, वो ठीक है, लेकिन कुछ स्कूल के लिये 1 जन्वरी कन्फ़्यूज़िंग हो सकता है।
बच्चों को थोडा टाइम फ्री देना चाहिए, वाकई में बड़िया प्लान है।
Shivansh Chawla सितंबर 26 2025
देश के भविष्य को आकार देने वाले शैक्षिक संस्थानों को इस तरह की देर-से-फिर भी जल्द-से-जल्द सूचना प्रदान करना राष्ट्रीय जिम्मेदारी का एक मूलभूत पहलू है।
पहला, इस शेड्यूल में देखी गई अंतराल प्रणालीभूत रूप से छात्रों को पर्याप्त तैयारी का अवसर देती है, जो हमारी शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाता है।
दूसरा, प्रैक्टिकल ग्रुप्स का विभाजन शीतकालीन और गर्मियों के अनुसार किया गया, जिससे स्कूल की बुनियादी संरचना का प्रभावी उपयोग संभव हो जाता है।
तीसरा, सभी पेपर का एक समान समय निर्धारण (10:30 बजे) राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता स्थापित करता है, जिससे परीक्षा केंद्रों की व्यवस्थापन में स्पष्टता आती है।
चौथा, नई विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर साइंस को शामिल करना न केवल तकनीकी साक्षरता बढ़ाता है, बल्कि हमारे युवा को वैश्विक प्रतियोगिता में तैयार करता है।
पाँचवां, ऑनलाइन ट्यूटोरियल और कोडिंग प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग समर्थन करने का संकेत यह दर्शाता है कि बोर्ड पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षण पद्धतियों को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है।
छठा, हेल्थ ब्रेक के महत्व को उजागर करना छात्रों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य मानकों को सुदृढ़ करता है।
सातवां, इस त्वरित रिलीज़ से प्रशासनिक कार्यों में समय बचत होती है, जिससे राज्य एवं निजी बोर्डों के संचालन में सहूलियत रहती है।
आठवां, ऐसे कदम से अभिभावकों को भी योजना बनाना आसान हो जाता है, जिससे घर-परिवार में शैक्षिक माहौल सुधरता है।
नवां, बोर्ड ने PDF फॉर्मेट में डेटा उपलब्ध कराकर डिजिटल साक्षरता को भी प्रोत्साहित किया है, जो तकनीकी अपग्रेडेशन का संकेत है।
दसवां, पेपर‑पेपर मोड अपनाने के बावजूद, इस स्पष्ट शेड्यूल से छात्रों को यह स्पष्ट समझ मिलती है कि वे किस उपकरण का उपयोग करेंगे, जिससे परीक्षा में अनुशासन बना रहता है।
ग्यारहवां, यह पहल हमें यह याद दिलाती है कि शैक्षिक नीतियों में पूर्वानुमानितता और पारदर्शिता आवश्यक है, जो हमारे लोकतंत्र की नींव को सुदृढ़ करती है।
बारहवां, इस स्तर की पारदर्शिता से अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक मानकों के साथ समन्वय साधता है, जिससे भारतीय शिक्षा प्रणाली का वैश्विक स्तर पर सम्मान बढ़ता है।
तेरहवां, अंत में, इस शेड्यूल को देख कर यह स्पष्ट होता है कि यदि हम सभी इस योजना का पालन करेंगे, तो परीक्षा नुकसान‑रहित और सुचारु रूप से संपन्न होगी।
ऐसी रणनीतिक योजना को अपनाते हुए, हम न केवल छात्रों की सफलता सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को भी नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।