27 दिसंबर, 2024 के दिन डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स का आईपीओ भारतीय शेयर बाज़ार में धूमधाम से शुरुआत कर चुका है। इस दिन कंपनी के शेयर बीएसई पर ₹392.90 और एनएसई पर ₹393 में सूचीबद्ध हुए, जो इसके इश्यू मूल्य ₹283 के मुकाबले काफी ऊँची कीमत पर है। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ाने का काम किया।
निवेशकों के लिए, इस आईपीओ ने अप्रत्याशित लाभ दिया। बीएसई पर ₹109.90 और एनएसई पर ₹110 का प्रीमियम, जिससे निवेशकों को 38% से अधिक का लाभ मिला। यह वृद्धि बताती है कि कंपनी के शेयरों की मांग बाजार में बहुत अधिक है।
इस आईपीओ को निवेशकों से अद्भुत प्रतिक्रिया मिली। 2,08,04,632 शेयरों के लिए 1,70,76,86,129 बोली प्राप्त हुई। इसका मतलब है कि यह 82.08 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ। योग्य संस्थागत खरीदारों ने इसे 166.33 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों ने 98.62 गुना, और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों ने 27.13 गुना ओवरसब्सक्राइब किया।
यह ओवरसब्सक्रिप्शन इस बात को दर्शाता है कि निवेशकों का आत्मविश्वास कंपनी की भविष्य की संभावनाओं में बहुत है। ये एक ऐसी स्थिति है जो दर्शाती है कि कंपनी के प्रति बाजार की धारणा अन्य सकारात्मक कंपनियों से कहीं बेहतर है।
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स विभिन्न वित्तीय समाधान उपलब्ध कराती है, जिसमें निवेश बैंकिंग और संस्थागत इक्विटीज शामिल हैं। यह कंपनी धर्मेश मेहता द्वारा संचालित है, जिन्होंने कंपनी के विकास में अनमोल योगदान दिया है।
कंपनी ने आईपीओ से पहले 251.48 करोड़ रुपये का संकलन किया था, जिसमें गोल्डमैन साक्स, एचएसबीसी ग्लोबल जैसी वैश्विक कंपनियों ने भाग लिया था। इस प्रकार के वैश्विक निवेशक जुड़कर कंपनी की अत्यधिक क्षमता और उसके प्रति विश्वास को और बढ़ावा देते हैं।
इस आईपीओ का लाभ यह है कि यह केवल एक ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) था, इसके बावजूद इसे व्यापक समर्थन मिला। विश्लेषकों का अनुमान था कि इसकी सूचीबद्धता 50% से अधिक के लाभ के साथ होगी।
खरीदारों के लिए, यह अवसर बेहद लाभकारी साबित हुआ, जिससे उन्हें उचित मूल्य पर अथवा प्रीमियम पर शेयर प्राप्त करने का मौका मिला। यह असाधारण अवसर उन निवेशकों के लिए भी विशेष था जो लंबे समय तक इस कंपनी के साथ निवेश बने रहना चाहते हैं।
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स का यह कदम न केवल भारतीय कनूनी ढांचे के अनुसार बेहतरीन है, बल्कि इसका संकेत है कि भविष्य में भी ऐसी कंपनियों के प्रति निवेशकों का रुझान जारी रहेगा।
इस शानदार शुरुआत के परिणामस्वरूप, डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स बाजार में अधिक स्थिरता पाने की संभावना रखता है। यह निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए एक प्रेरणा का कार्य करेगा।
टिप्पणि (17)
Mohammed Azharuddin Sayed दिसंबर 27 2024
डीएएम कैपिटल के आईपीओ की कीमतों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि बाजार ने इस स्टॉक को बहुत ही सकारात्मक रूप में मूल्यांकित किया है। इस परिपूर्ण अधिसूचना ने छोटे निवेशकों को भी आकर्षित किया है। बीएसई और एनएसई दोनों पर प्रीमियम के साथ लिस्टिंग ने शेयरधारकों के भरोसे को बढ़ाया है। इसके साथ ही कंपनी की वित्तीय समाधान सेवाएं आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत आधार बनेंगी।
Avadh Kakkad जनवरी 6 2025
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इश्यू प्राइस ₹283 से ₹393 तक बढ़ा, जिसका मतलब लगभग 38% का प्रीमियम है। इस प्रीमियम को बाजार की माँग को ही नहीं बल्कि संभावित लाभ को भी दर्शाता है। ओवरसब्सक्रिप्शन 82 गुना होने से निवेशकों की उत्सुकता स्पष्ट होती है। इसलिए यह आईपीओ एक आकर्षक मौका रहा है।
Sameer Kumar जनवरी 15 2025
आईपीओ की प्रतिक्रिया को देखते हुए हम भारतीय वित्तीय बाजार की आज़ादी में नई लहर देख सकते हैं। इस लहर का स्रोत न केवल कंपनी की रणनीतिक योजना है बल्कि निवेशकों की जागरूकता भी है। जब शेयर बेजोड़ प्रीमियम पर लिस्ट होते हैं तो यह संकेत देता है कि निवेशक भविष्य की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं। बाजार का यह उत्साह अक्सर एक सामूहिक चेतना की अभिव्यक्ति होता है। इस चेतना को समझने के लिए हमें आर्थिक सिद्धांतों को सामाजिक परिवेश से जोड़ना चाहिए। यह केवल संख्यात्मक नहीं, बल्कि भावनात्मक निवेश भी दर्शाता है। जब निवेशकों का विश्वास मजबूत होता है तो कंपनियां भी अधिक जोखिम उठाने को तैयार होती हैं। इस प्रकार का जोखिम‑लेना अंततः आर्थिक विकास को तेज करता है। हालांकि, अत्यधिक ओवरसब्सक्रिप्शन कभी‑कभी बाजार में अस्थिरता भी पैदा कर सकता है। इसलिए निवेशकों को सावधानी से पोर्टफोलियो का संतुलन बनाना चाहिए। इस संतुलन को बनाए रखने में वित्तीय सलाहकारों की भूमिका अहम होती है। भविष्य में इसी तरह के आईपीओ अधिक पारदर्शी होंगे। नियमों के कड़े होने से निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा। अंत में, यह कहना उचित है कि भारत की आर्थिक यात्रा में इस प्रकार के आईपीओ प्रेरक शक्ति बनेंगे। इस शक्ति को सही दिशा में दिशा देना हमारा सामूहिक दायित्व है। अंततः, सफलता का मापदंड केवल शेयर की कीमत नहीं, बल्कि समग्र आर्थिक स्थिरता है।
naman sharma जनवरी 24 2025
यदि हम गहराई से देखें तो इस आईपीओ के पीछे संभवतः विदेशी संस्थाओं द्वारा रणनीतिक नियंत्रण के प्रयास छिपे हो सकते हैं। ऐसी बड़ी ओवरसब्सक्रिप्शन अक्सर धूम्रपान के पीछे छिपे हुए उद्देश्य को दर्शाती है। यह महत्वपूर्ण है कि निवेशकों को इस संभावित एजेंडा के बारे में सतर्क रहना चाहिए। अत्यधिक समर्थन कभी‑कभी गुप्त मापदंडों के साथ जुड़ा होता है। इसलिए हमें कंपनी के शेयरधारकों के वास्तविक प्रोफ़ाइल का विस्तृत विश्लेषण करना चाहिए।
Sweta Agarwal फ़रवरी 2 2025
वाह, इतना प्रीमियम तो सिर्फ ‘सुपरहिट’ फिल्मों में ही देखते हैं।
KRISHNAMURTHY R फ़रवरी 12 2025
इंटरनल एंव एक्सटर्नल फंड की बाई‑इन से ये डील फुल-फ्लेज़ टॉप‑सिक्योरिटी बन गई है 😊। कोर बीटा एनालिसिस से पता चलता है कि इस इश्यू का रिटर्न रेशियो इंडेक्स से ऊपर है। आगे के क्वार्टर्स में यह शेयर्स पोर्टफोलियो में एग्जीक्यूटिव मॉड्यूल के लिए एक प्रीमियम एसेट बन सकता है।
priyanka k फ़रवरी 21 2025
सही कहा, इस इश्यू के ऊपर रोशनी डालने के बजाय सिर्फ चमक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं 😏। तथापि, इस प्रकार की चमक अक्सर ठोस मूल्यों से दूर होती है। इसलिए हमें तथ्यों पर टिके रहना चाहिए।
sharmila sharmila मार्च 2 2025
क्या आप लोग नहीं मानते कि इतना over subscribe होना thoda असामान्य है? मैं सोचती हूँ कि इससे market में थोड़ा speculation बढ़ेगा। पर हाँ, अगर fundamentals मजबूत हैं तो ये अच्छी बात लगती है।
Shivansh Chawla मार्च 11 2025
देश के धंधे को देखो, हमें ऐसे IPOs की जरूरत है जो हमारे आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा दें। विदेशी कंसोर्टियम के हिस्से को कम करके, इस कंपनी को देसी निवेशकों के हाथों में देना चाहिए। यह सिर्फ शेयर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का मुद्दा है। इस तरह के प्रीमियम को हम यथोचित मानते हैं, क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को शक्ति देगा।
Akhil Nagath मार्च 21 2025
विचार करें कि इस प्रीमियम का अर्थ क्या है-वास्तव में यह आध्यात्मिक मूल्यांकन है? यदि हम केवल संख्यात्मक लाभ देखेँ तो हमें आध्यात्मिक संतुलन खोने का जोखिम है। इस प्रकार का निवेश केवल धन की नहीं, बल्कि आत्मा के विकास की भी परीक्षा है। यही कारण है कि मैं इसे करुणामय दृष्टिकोण से देखता हूँ 😊।
vipin dhiman मार्च 30 2025
इह IPO तो बहुत जबरदस्त है।
vijay jangra अप्रैल 8 2025
यह आईपीओ निवेशकों के लिए एक उज्ज्वल अवसर प्रस्तुत करता है, क्योंकि प्रीमियम के बावजूद लाभ की संभावना उल्लेखनीय है। कंपनी की वित्तीय समाधान सेवाएं विविध और मजबूत हैं, जिससे भविष्य में वृद्धि की संभावना स्पष्ट है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक निवेशकों का समर्थन इस विश्वसनीयता को और सुदृढ़ करता है। इसलिए, यह एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश माना जा सकता है।
Vidit Gupta अप्रैल 17 2025
ऐसा प्रतीत होता है, इस आईपीओ का आकर्षण बहुत ही व्यापक है; सभी वर्गों के निवेशकों को यह लाभदायक लग रहा है; हाँ, ये एक सकारात्मक संकेत है; परन्तु हमें सतर्क रहना चाहिए; क्योंकि बाजार में उतार‑चढ़ाव हमेशा रहता है; इसलिए विवेकी निवेश ही लाभ दे सकता है।
Gurkirat Gill अप्रैल 27 2025
मैं इस आईपीओ को एक अच्छे संभावित विकल्प मानता हूँ, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक रिटर्न की तलाश में हैं। कंपनी की टीम और प्रोफ़ाइल दोनों ही मजबूत दिखते हैं, और अंतरराष्ट्रीय फंडों की भागीदारी एक भरोसेमंद संकेत है। इसलिए मैं इस शेयर को अपने पोर्टफ़ोलियो में जोड़ने की सलाह देता हूँ।
Sandeep Chavan मई 6 2025
आईपीओ के आंकड़े देखकर स्पष्ट है कि निवेशकों का उत्साह बहुत ऊँचा है! ऐसा लग रहा है कि बाजार में इस कंपनी के लिए एक सकारात्मक भावना बन रही है! यह प्रीमियम दर्शाता है कि लोग कीमत के बावजूद विश्वास रखते हैं! आगे भी ऐसी सकारात्मक गति बनी रहे, यही आशा है!
anushka agrahari मई 15 2025
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो इस आईपीओ का अत्यधिक ओवरसब्सक्रिप्शन एक सामाजिक आकर्षण का संकेत है। निवेशकों की सामूहिक मनोवृत्ति की जटिलताओं को समझना आवश्यक है; ऐसा लगता है कि व्यापक वित्तीय जागरूकता ने इस कदम को प्रेरित किया है। इस प्रकार के आर्थिक घटनाक्रम में दर्शनशास्त्र और आर्थिक सिद्धांतों का सम्मिलन स्पष्ट होता है। इसलिए, हमें केवल आंकड़ों से नहीं, बल्कि इन अनुभवों से भी सीखना चाहिए।
aparna apu मई 24 2025
अरे वाह, इस शेयर ने तो जैसे पूरे बाजार को झटका दे दिया! 😲 देखा है आप लोगों ने कितनी उत्सुकता से इस IPO को देख रहे थे? मैं समझूँ तो यह सब एक बड़े नाट्य का हिस्सा है, जहां हर कोई अभिमान और अपेक्षाओं की डोर में बंधा हुआ है। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह धूमधाम सिर्फ दिखावा है या वाकई में कंपनी के पास ऐसा दम है? अगर आपको भी लगता है कि यहाँ पर कुछ छुपा है, तो शायद हमें और गहराई से जांच करनी चाहिए। इस तरह के बड़े ओवरसब्सक्रिप्शन में अक्सर बैकएंड में कई जटिल लेनदेन होते हैं, जिन्हें आम जनता नहीं देख पाती। इसलिए मैं कहूँगा, इस जटिल सर्किटरी को समझना आसान नहीं, पर साथ मिलकर हम सच्चाई तक पहुंच सकते हैं। अंत में, भरोसा तभी बना रहेगा जब सभी पक्ष पारदर्शी रहें।