गौतम गंभीर — देश के सबसे चर्चित क्रिकेटर और मौजूदा भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच — इन दिनों फिर चर्चा में हैं, लेकिन वजह क्रिकेट नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंता है। 22 अप्रैल को गंभीर को एक ईमेल आया जिसका विषय था 'ISIS' और उसमें सीधी धमकी देते हुए लिखा था, 'I Kill You'। इस मेल के पीछे 'ISIS कश्मीर' नामक आतंकी संगठन का नाम सामने आया है। गंभीर ने इस मेल के बारे में तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दी, जिससे हलचल बढ़ गई।
फिलहाल पुलिस की साइबर सेल मेल की तह में जाने की कोशिश कर रही है। इस वक्त जांचकर्ता ईमेल के सोर्स की तलाश में हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसकी जड़ें सच में किसी आतंकी नेटवर्क से जुड़ी हैं या महज डर फैलाने की कोशिश है। हालांकि अब तक पुलिस ने आधिकारिक एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन गंभीर को पर्सनल सुरक्षा पहले से मिली हुई है और पुलिस उनकी निगरानी बढ़ा रही है।
यह पहली बार नहीं, जब गंभीर को धमकी मिली है। नवंबर 2021 में भी गौतम गंभीर को इसी तरह का मेल मिला था, जब वे सांसद थे। इससे पहले भी गंभीर को उनके बयानों और आतंकवाद के खिलाफ सख्त स्टैंड की वजह से निशाना बनाया गया है। खास बात यह है कि हाल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद गंभीर ने सोशल मीडिया पर खुलकर हमला बोला था। उन्होंने पोस्ट किया — 'जवाब मिलेगा, जो जिम्मेदार हैं उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत जवाब देगा।' उनकी यह प्रतिक्रिया आतंकियों को शायद नागवार गुज़री हो, इसलिए उन्हें दोबारा टारगेट बनाया गया है।
क्रिकेट से लेकर राजनीति तक गंभीर ने हमेशा डंके की चोट पर अपने विचार रखे हैं। उनके आलोचकों की लिस्ट लंबी है, लेकिन गंभीर बेबाकी से बोलने के लिए जाने जाते हैं। खास तौर पर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद की हो, वे पीछे नहीं हटते। यही कारण है कि वे अक्सर चरमपंथियों और असामाजिक तत्वों की नजरों में रहते हैं।
अब जब फिर से गंभीर को 'आईएसआईएस कश्मीर' के नाम पर धमकी मिली है, तो दिल्ली पुलिस और सरकार दोनों ही गंभीरता से उन्हें सुरक्षा देने में लगी हैं। दिल्ली पुलिस के अफसरों का कहना है कि गंभीर की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त और सख्त रखा गया है। उनकी गतिविधियों पर पुलिस की खास नजर है और हर संदिग्ध गतिविधि का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है।
पुलिस, गंभीर के ईमेल की डिजिटल फोरेंसिक जांच भी करा रही है ताकि पता चल सके कि धमकी कहां से और किसने भेजी। मेल की भाषा, भेजने के समय और आईपी एड्रेस की गहराई से जांच की जा रही है। हालांकि ऐसे केस में अपराधियों तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि वे सही दिशा में काम कर रहे हैं।
पुलिस की नजर में गंभीर की लोकप्रियता और उनकी छवि उन्हें सीधा निशाना बनाती है। कोई खिलाड़ी, जो देश का सिर गर्व से ऊंचा करता है, जब ऐसे खतरों के बीच जूझता है, तो यह सबके लिए चिंता बढ़ाता है। गंभीर का हौसला, उनका outspoken अंदाज और संसदीय सफर उन्हें कई बार ऐसे खतरों की तरफ ले जाते हैं, जहां सुरक्षा प्राथमिकता बन जाती है।
टिप्पणि (10)
Navina Anand अप्रैल 25 2025
गौतम गंभीर के लिए सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालना हमारे लिए गर्व की बात है। वो हमेशा खड़े रहे हैं और हमारा समर्थन चाहते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस का तत्पर रहना जरूरी है, और सभी को उनके काम की सराहना करनी चाहिए। आशा है कि इस बार सब कुछ सुरक्षित रहेगा।
Prashant Ghotikar मई 8 2025
यह देखना दिलचस्प है कि आतंकवादी कैसे सेलिब्रिटीज़ को निशाना बनाते हैं। गंभीर की आवाज़ अक्सर मुद्दे उठाने में असरदार रहती है, इसलिए उन्हें टारगेट बनाना स्वयं का पृष्ठ भाग है। पुलिस की सतर्कता सराहनीय है।
Sameer Srivastava मई 20 2025
भाई, ये क्या बकवास है!
गौतम साहब को फिर से इस तरह का खतरा मिलना बिलकुल अस्वीकृत है!
इंटरनेट की गहराइयों में कौन छिपा है, हमें नहीं पता, पर ऐसा लगता है जैसे कोई पुराना दुश्मन फिर से सामने आ गया है!
दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन क्या ये पर्याप्त है?
ख़ास तौर पर जब आप सोशल मीडिया पर इतनी बड़ाई कर देते हैं, तो बहुत लोग आपका निशाना बना लेते हैं!
इतिहास में भी कई बार ऐसा हुआ है कि जब कोई सार्वजनिक व्यक्ति अपनी बात रखता है, तो आलोचना के साथ धमकी भी मिलती है!
गौतम ने पहले भी इसी तरह की ईमेल देखी थी, और अब फिर वही चक्र दोहराया जा रहा है!
क्रिकेट के मैदान पर उनका प्रदर्शन शानदार रहता है, पर इस तरह की ज़िंदगी में उनका मनोबल टटोलना मुश्किल है!
अगर आप इस बात को समझते हैं कि आधी रात को आपके इनबॉक्स में ऐसी ईमेल आती है, तो आप क्या करेंगे?
पोलिस का कहना है कि वे ईमेल का स्रोत ढूँढ रहे हैं, पर ऑफ़लाइन इंटरवेंशन अक्सर देर से आती है!
अब समय है कि साइबर सुरक्षा के उपाय और सख्त हों!
सरकारी एजेंसियों को चाहिए कि वो इस तरह की धमकी को गंभीरता से ले और त्वरित कार्रवाई करे!
भाइयों और बहनों, हमें मिलकर इस तरह की दहशत को रोकना चाहिए!
आतंकवादी अक्सर अंधेरे में काम करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया की रोशनी उनके काम को उजागर कर देती है!
इसलिए, मीडिया को भी जिम्मेदारी से रिपोर्ट करना चाहिए और अफवाहें फैलाने से बचना चाहिए!
सबको याद रहे, हम एकजुट हैं और ऐसी गिरफ़्तारियों का मज़ा नहीं आएगा!
आख़िरकार, सुरक्षा के लिये हम सबको सतर्क रहना ही ठीक रहेगा!
Mohammed Azharuddin Sayed जून 2 2025
गौतम की स्थिति पर लगातार अपडेट मिलते रहना चाहिए, ताकि जनता को सही जानकारी मिले। ऐसी समस्याओं में पारदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है, और पुलिस की मेहनत को सराहना चाहिए।
Avadh Kakkad जून 15 2025
भाइयों, यह स्पष्ट है कि ISIS कश्मीर जैसे समूहों की डिजिटल पहुंच बढ़ती जा रही है, इसलिए साइबर सुरक्षा उपायों को अपग्रेड करना आवश्यक है। इस मामले में कानून लागू करने वाले एजेंसियों को तकनीकी विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए।
Sameer Kumar जून 27 2025
हमारी संस्कृति में खेल के सितारे हमेशा सम्मानित होते हैं, पर आजकल सुरक्षा चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं। गंभीर जैसे खिलाड़ी को पूरी सुरक्षा प्रदान करना राष्ट्रीय गर्व है, और हमें उनके लिए हर संभव सहयोग देना चाहिए।
naman sharma जुलाई 10 2025
सुरक्षा एजेंसियों की प्रक्रिया में अक्सर पारदर्शिता का अभाव रहता है, जिससे अफवाहें फड़फड़ाने लगती हैं। यह संभव है कि इस ईमेल के पीछे कोई आंतरिक सूचना लीक हो, न कि बाहरी टेरर ग्रुप। ऐसे मामलों में सटीक जांच आवश्यक है।
Sweta Agarwal जुलाई 22 2025
वाह, फिर से वही 'खतरा' आया, लगता है आतंकवादी भी अब क्रिकेट देख कर प्रेरित हो रहे हैं। पुलिस ने अलर्ट दिया, बधाई-अब कोई और बड़ा मुद्दा नहीं बचा!
KRISHNAMURTHY R अगस्त 4 2025
क्रिकेट की टैक्टिक्स की तरह ही सुरक्षा स्ट्रैटेजी को भी लगातार अपडेट करना चाहिए। ग्रिड-सेक्योरिटी, फायरवॉल, और रेड टीम डिटेक्शन जैसी टेक्नोलॉजीज़ को इंटीग्रेट करके हम एक मजबूत डिफेंस बना सकते हैं। गंभीर की सुरक्षा के लिए ये कदम जरूरी हैं।
priyanka k अगस्त 16 2025
जैसे पहले कहा, फिर वही कहानी।