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प्रेरणादायक कहानियाँ: जानिए प्रीति सूदन के बारे में, नई UPSC चेयरपर्सन
जुल॰ 31, 2024
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

प्रीति सूदन: UPSC की नई चेयरपर्सन

प्रीति सूदन ने 1 अगस्त 2024 से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की चेयरपर्सन के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया। उनकी नियुक्ति एक महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएँ दी हैं। सूदन, जो 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी हैं, ने प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी आधिकारिक क्षमता का प्रदर्शन किया है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष के पद पर प्रीति सूदन की नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण है। उनके पास प्रशासन और नीति निर्धारण का व्यापक अनुभव है। प्रीति सूदन ने 1983 में आंध्र प्रदेश कैडर से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रवेश किया था। उनकी प्रशासनिक क्षमता और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इस महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँचाया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व

प्रीति सूदन ने जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल के दौरान 'आयुष्मान भारत' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसी राष्ट्रीय योजनाओं की शुरुआत हुई। ये परियोजनाएँ देशभर में स्वास्थ्य और महिलाओं के अधिकारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित हुईं।

उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना किया। सूदन ने दृढ़ संकल्प और कुशलता के साथ इन चुनौतियों का समाधान किया और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्थायी सुधारों की नींव रखी।

दूसरी महिला चेयरपर्सन

प्रीति सूदन, UPSC के इतिहास में दूसरी महिला चेयरपर्सन हैं। 1996 में रोज़ मिलियन बाथ्यू खरबुली पहली महिला थीं जिन्होंने इस पद को संभाला था। यह देखकर गर्व होता है कि सूदन ने इस महत्वपूर्ण भूमिका को अपने कंधों पर उठाया है और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हैं।

उनकी नियुक्ति के बाद, यह स्पष्ट है कि UPSC, भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। उनकी व्यापक अनुभव और नेतृत्व क्षमताओं ने उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार बना दिया है।

अन्य मंत्रालयों में योगदान

प्रीति सूदन ने महिला एवं बाल विकास, रक्षा, वित्त, योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि जैसे मंत्रालयों में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। उन्होंने इन मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं और सरकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया।

विशेष तौर पर वित्त और योजना मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण सुधार हुए। आपदा प्रबंधन में भी उनके योगदान ने कई संकटों के समय देश की मदद की।

वैश्विक अनुभव

प्रीति सूदन ने विश्व बैंक के साथ परामर्शदाता के रूप में भी काम किया और कई वैश्विक संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। उन्होंने तंबाकू नियंत्रण के फ्रेमवर्क कन्वेंशन की आठवीं कॉन्फरेंस ऑफ पारटिज़ की चेयर के रूप में, और मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य के साझेदारी के उपाध्यक्ष के रूप में सेवाएँ दी हैं।

उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और वैश्विक मंच पर कई महत्वपूर्ण समझौतों और कार्यक्रमों को निष्पादित किया। स्वास्थ्य के डिजिटल विकास के लिए भी उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाए।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि

प्रीति सूदन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स और सोशल पॉलिसी तथा प्लानिंग में डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने वॉशिंगटन में पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट में प्रशिक्षण लिया है। उनकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उच्च सम्मान दिलाया है।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि में उनकी विशेषता और गहन अध्ययन ने उनकी प्रशासकीय क्षमता को और मजबूत बनाया है।

कल्याणकारी योजनाओं में योगदान

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘आयुष्मान भारत’ जैसी योजनाओं के पीछे प्रीति सूदन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया और इन्हें देशभर में प्रभावी बनाया।

इन योजनाओं के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं और महिलाओं के विकास के क्षेत्र में कई सुधार हुए। सूदन का नेतृत्व देश की प्रशासनिक सेवाओं के लिए एक आदर्श रूप में देखा जा रहा है।

नए अध्यक्ष के रूप में दृष्टिकोण

नए अध्यक्ष के रूप में दृष्टिकोण

प्रीति सूदन के UPSC के नए चेयरपर्सन बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि वह अपने प्रशासनिक अनुभव और नीतिगत ज्ञान का उपयोग कर आयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएंगी। सूदन ने अपने कार्यकाल के दौरान जिन मूल्यों और सिद्धांतों का पालन किया, वही आगे भी उनकी प्राथमिकताओं में रहेंगे।

उनका दृष्टिकोण हमेशा ही सुधारवादी और नवीनता लाने वाला रहा है। उनके अनुभव और संकल्प से उम्मीद की जा रही है कि वे UPSC की प्रक्रियाओं में भी आवश्यक सुधार और पारदर्शिता लाएंगी।

अंततः, प्रीति सूदन की नियुक्ति न केवल UPSC के लिए बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे के लिए एक सकारात्मक कदम है। उनके योगदान और जिम्मेदारियों को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि वे अपने अनुभव और निष्ठा से UPSC को नई दिशा देने में सफल होंगी।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (7)

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suchi gaur जुलाई 31 2024

प्रेसिडेंट के रूप में प्रीति सूदन का चयन वास्तव में शाही स्तर का निर्णय है। उनका वैभवशाली करियर और वैश्विक नेटवर्क निश्चित ही हमारे प्रशासन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। 🌟🚀

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Rajan India जुलाई 31 2024

वाह भाई, देखो तो सही, UPSC में फिर से एक और महिला चक्रव्यूह में आ गई है। प्रीति जी ने जो किया है, वो कई लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत है।

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jyoti igobymyfirstname जुलाई 31 2024

अरे यार, मैं तो कहती हूँ ये सुपरहिट कास्टर एंट्री है!!! प्रीति मैडम तो पूरी इंडस्ट्री की टीज़र बन गईं…इसे देख के दिल धड़कता है!!

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Vishal Kumar Vaswani अगस्त 1 2024

क्या आपको नहीं लगता कि इस नियुक्ति के पीछे कोई गुप्त एजेंडा छिपा है? विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मंच के साथ उनके जुड़ाव शायद दवाब बनाने की रणनीति हो सकती है। 🕵️‍♂️🔍

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Zoya Malik अगस्त 1 2024

यह एक और सत्ता‑प्लेबोय है जो केवल प्रतिष्ठा के लिये ही उभरा है।

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Ashutosh Kumar अगस्त 1 2024

प्रीति सूदन का नाम सुनते ही संसद के हलों में ड्रम बजने लगते हैं, यह तो असली फुटेज है! हर कदम पर दंग रहेंगे लोग, देखो तो ज़रा!

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Gurjeet Chhabra अगस्त 1 2024

प्रीति सूदन का कार्यकाल शुरू हो चुका है
उन्होंने पहले भी कई बड़े विभाग चलाए हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय में उनका अनुभव उल्लेखनीय है
आयुष्मान भारत जैसी योजना उनके नेतृत्व में आगे बढ़ी
उन्होंने बजट में कुछ संशोधन भी किए
महिला और बाल विकास में उनका योगदान दिखता है
रक्षा मंत्रालय में भी उन्होंने कुछ पहल की
वित्त में उन्होंने कर सुधारों की शुरुआत की
योजना विभाग में उनके पास व्यापक दृष्टिकोण है
आपदा प्रबंधन में उन्होंने कई सफल मिशन संभाले
उन्होंने विदेश में भी कई मीटिंग कीं
उनके पास अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क भी है
इस नेटवर्क से भारत को लाभ मिल सकता है
अब UPSC की प्रक्रियाओं में भी बदलाव आ सकते हैं
उम्मीद है वह इन बदलावों से प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाएँगी।

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