जब जैनिक सिन्नर, इतालवी ने नोवाक जोकोविच, सर्बियन को 6-4, 7-5, 7-6 (3) से हराया, तो रोलैंड गारोस के इतिहास में एक नया अध्याय लिख गया। यह मुकाबला रोलैंड गारोस 2025पेरिस के सेमीफाइनल में 6 जून, 2025 को कोर्ट फ़िलिप चैटिये के परिदृश्य पर हुआ। 23‑वर्षीय इटालियन ने अपनी पहली फैंसी रॉलैंड गारोस फ़ाइनल यात्रा पूरी की, जबकि 38‑वर्षीय सर्वकालिक ग्रैंड स्लैम चैम्पियन का खिताब हवा में रह गया।
रोलैंड गारोस पर इतालवी पुरुष खिलाड़ी का फाइनल में जाना पहले 1976 में अड्रियानो पनामट्टा, इतालवी ने किया था। तब से लगभग पाँच दशक बीत चुके थे, जब सिन्नर ने इस ‘लेटेस्ट’ को तोड़ दिया। इस कड़ी में सिन्नर पहले ही यूएस ओपन (2024) और ऑस्ट्रेलियन ओपन (2025) जीत चुका था, इसलिए ग्रैंड स्लैम जीतने की उसके पास ‘विनिंग स्ट्रिक’ 20 मैच तक चल रही थी।
जोकोविच, जो अपने 25वें ग्रैंड स्लैम खिताब की खोज में था, अपने सटीक रिटर्न और बेजोड़ फोरहैंड के लिए जाने जाते हैं। परन्तु सिन्नर ने अपने तेज़ी से चलने वाले फोरहैंड और सटीक सर्विस से उन्हें पहाड़ की तरह दबा दिया। मैच के दो सेट में सिन्नर ने 13 ब्रेक पॉइंट्स बना लिए, जबकि जोकोविच का एक ही ब्रेक पॉइंट बचा।
दूसरे सेट में 6‑5 पर जब सिन्नर ने एक हड़ताल ले ली, तो जोकोविच ने अपने दाएँ जांघ पर मसाज करवाने के लिए मेडिकल टाइम‑आउट माँगा। यह छोटे-छोटे मोमेंट्स ने उन्हें इस मैच में मानसिक रूप से हिलाया। तीसरे सेट में उन्होंने एक शानदार टाई‑ब्रेक में 3‑0 की बढ़त बना ली, पर अचानक उनका फोरहैंड नेट पर मार गया, और सिन्नर ने दो मैच पॉइंट्स पर जीत दर्ज की।
मैच के बाद सिन्नर ने कहा: "ये पल बहुत खास हैं। नोवाक के खिलाफ खेलना मेरे लिये एक सपना जैसा था, और मैं खुद पर बहुत गर्व महसूस करता हूँ।"
पिछले सेमीफ़ाइनल में, रक्षक कार्लोस अल्काराज़, स्पेनिश ने आठवें सीड वाले इटालियन लोरेन्जो मुसेट्टी, इतालवी को 4‑6, 7‑6 (3), 6‑0, 2‑0 पर जबड़े के साथ जीत लिया। मुसेट्टी ने लेग इनजरी के कारण मैच छोड़ दिया, जिससे अल्काराज़ को फाइनल में सिन्नर के सामने खड़े होने का मौका मिला।
डॉक्टर्स ने बाद में बताया कि मुसेट्टी की पैर की एड़ी में फ्रैक्चर था, जो टेनिस कोर्ट पर तेज़ मोड़ लेने के कारण हुआ। यह चोट दोनों खिलाड़ियों के लिये एक बड़े ‘क्या‑अगर’ की स्थिति बन गई।
फाइनल में शीर्ष रैंक वाला सिन्नर और द्वितीय रैंक वाला अल्काराज़ भिड़े। शुरुआती दो सेट सिन्नर ने 6-4, 7-6 (4‑7) से जीत कर 2‑0 की बड़ी बढ़त बना ली। लेकिन अल्काराज़ ने हार नहीं मानी; चौथे सेट में 7-6 (7‑3) के टाई‑ब्रेक के साथ अपना पहला सेट खोजा। पाँचवें सेट में दोनों खिलाड़ियों के बीच एक क्लासिक टाई‑ब्रेक हुआ, जहाँ अल्काराज़ ने 10‑2 से जीत हासिल की। यह फाइनल 5 घंटे 29 मिनट तक चला – सबसे लंबा रोलैंड गारोस फाइनल और दूसरा सबसे लंबा मेजर फाइनल रहा।
अल्काराज़ ने इस मैच में लगातार तीन चैंपियनशिप पॉइंट बचाए – ओपन एरा में किसी भी पुरुष फाइनल में यह रिकॉर्ड अभी तक नहीं बनाया गया था। दो सेट पीछे से वापसी करके पाँचवाँ मेजर जीतना केवल गैस्टोन गाउडियो (2004) और जोकोविच (2019) ने किया था। साथ ही यह पहला फाइनल था जहाँ एकल मैच टाई‑ब्रेक (10‑पॉइंट) का उपयोग किया गया।
सिन्नर की दृष्टि अब शीर्ष 3 में स्थिर है, लेकिन अल्काराज़ ने दिखा दिया कि वह बड़े दावों पर भी शांत रह सकता है। दोनों खिलाड़ियों के बीच का rivalry अब एक नई कहानी लिख रहा है, जो अगले साल का ऑस्ट्रेलियन ओपन या यूएस ओपन में फिर से सामने आएगा।
रोलैंड गारोस में इस साल की ड्रामा ने टेनिस प्रेमियों को ऐसा अनुभव दिया, जैसा अक्सर बड़े शो में नहीं मिलता। इस जीत के साथ अल्काराज़ ने अपना पाँचवाँ ग्रैंड स्लैम चिह्नित किया, जबकि सिन्नर ने साबित किया कि वह अब ‘सिर्फ़ एक वरिस’ नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा बन रहा है।
इतालवी टेनिस अब दो दशकों में पहली बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुँचा है। सिन्नर की जीत युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी, क्लबहाउस में निवेश बढ़ेगा और इटली के टेनिस अकादमी में अंतर्राष्ट्रीय टैलेंट स्काउटरों की रुचि बढ़ेगी।
पहले दो सेट में अपनी सर्विस को आगे बढ़ाकर लंगर बनाया, फिर तृतीय सेट में रैली लंबी करके सिन्नर की फोरहैंड को थका दिया। टाई‑ब्रेक में वह अधिक एंगेज्ड नेट प्ले और साइड‑स्टेपिंग का इस्तेमाल करके बिंदु हासिल कर गया।
फाइनल की अवधि 5 घंटे 29 मिनट, सबसे लंबा रोलैंड गारोस फाइनल बन गया। साथ ही यह पहला फाइनल था जहाँ 10‑पॉइंट मैच टाई‑ब्रेक का प्रयोग किया गया और पहली बार दो सेट पीछे से जीत मिलती है।
जोकोविच ने दूसरे सेट में थकान का संकेत दिखाया, खासकर जांघ पर मसाज के दौरान। साथ ही सिन्नर की सटीक फोरहैंड और तेज़ सर्विस ने उनके रिटर्न को सीमित कर दिया, जिससे महज 20 बॉल रिटर्न ही संभव रहे।
सिन्नर की रैंकिंग अभी भी नंबर 1 पर बनी रहेगी, लेकिन इस हार से 1200‑1500 अंक कम हो सकेंगे। अगले टूर में यदि वह दो‑तीन टूर्नामेंट जीतते हैं, तो उनका शीर्ष‑3 में रहने का खतरा नहीं रहेगा।
टिप्पणि (2)
Veena Baliga अक्तूबर 6 2025
इटली के इस ऐतिहासिक जीत पर राष्ट्रीय गर्व अभूतपूर्व है; यह सिद्ध करता है कि हमारी खेल संस्कृति की दिशा सही है। यह सफलता न केवल व्यक्तिगत रचनात्मकता को दर्शाती है, बल्कि पूरे राष्ट्र की आशा को भी पुनर्जीवित करती है। रोमांचक मैचों ने दर्शकों को अत्यधिक प्रेरित किया, और यह देखना सुखद है कि भारतीय टेनिस प्रेमी भी इस महाकाव्य को गहराई से सराहते हैं।
vicky fachrudin अक्तूबर 7 2025
यह मैच न केवल परम्परागत टेनिस की कथा को पुनः लिखता है, बल्कि खेल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करता है; कई विश्लेषणात्मक संकेत यहाँ देखे जा सकते हैं। प्रथम सेट में सिन्नर की सर्विस की स्थिरता, दोहरावदार स्पिन और सटीक दिशात्मकता ने जोकोविच को हेर-फेर कर दिया, जिससे वह अपनी सामान्य रिटर्न रणनीति को लागू नहीं कर सका।
दूसरे सेट में, जोकोविच के शारीरिक थकान के संकेत स्पष्ट थे; उसकी जांघ की मसाज का अनुरोध यह संकेत देता है कि बॉडी मैनेजमेंट एक प्रमुख कारक था।
सिन्नर ने इस दौरान अपनी फोरहैंड के साथ रैली को तेज़ी से समाप्त किया, जिससे वह मानसिक लाभ हासिल कर गया।
तीसरे सेट में टाई‑ब्रेक का प्रयोग अत्यंत रोमांचक था; यहाँ दोनों खिलाड़ियों ने सर्विस एसीडेंशियल्ली अपने सर्विस गेम को उच्चतम स्तर पर दिखाया।
अंत में सिन्नर ने दो मैच पॉइंटों पर अपने अनपेक्षित आत्मविश्वास को प्रदर्शित किया, जिसके परिणामस्वरूप वह विजय प्राप्त कर सका।
इसी प्रकार, अल्काराज़ ने भी दो सेट के बाद अपने खेल को पुनः व्यवस्थित किया, मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक बदलावों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी को मात दी।
उसकी रणनीति में नेट प्ले का अधिक उपयोग और साइड‑स्टेपिंग शामिल था, जिससे वह कई बिंदु प्राप्त कर सका।
भारी मैच की अवधि, पाँच घंटे से अधिक, दर्शकों के लिए एक अद्भुत सिनेमाई अनुभव बना, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने अपने शारीरिक और मानसिक सीमाओं को परखा।
ऐसे मैच इतिहास में कम ही देखे गए हैं; इस प्रकार के रोमांच ने टेनिस के भविष्य को और भी उज्जवल बनाया है।
वास्तव में, इस जीत से इटली के टेनिस अकादमी में नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने की संभावना बढ़ेगी, क्योंकि युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
साथ ही, इस जीत ने दर्शकों को यह सिखाया कि धैर्य और दृढ़ता से ही महान लक्ष्य हासिल होते हैं।
मौसम, पिच की स्थिति, और यहाँ तक कि पब्लिक की प्रतिक्रिया भी इस जीत में अहम भूमिका निभाते हैं; इन सबको मिलाकर ही सिन्नर ने अपने आप को सर्वश्रेष्ठ साबित किया।
फाइनल में दो सेट पीछे से वापसी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि खेल में कोई भी संभावनाएँ समाप्त नहीं होतीं।
अंततः सिन्नर और अल्काराज़ दोनों ने खेल के नए मानकों को स्थापित किया, जिससे टेनिस का भविष्य और अधिक रोमांचक रहेगा।
यह विश्लेषण न केवल दर्शकों के लिए बल्कि कोचों, विश्लेषकों, और आगामी खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।