ISL का यह सीजन Kerala Blasters के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। लगातार हारों और कमजोर प्रदर्शन के चलते क्लब प्रबंधन ने मुख्य कोच Mikael Stahre के साथ उनके सहायक कोच Bjorn Wesstoem और Frederico Pereira Morais को भी फौरन बाहर कर दिया। यह फैसला खास तौर पर Mohun Bagan Super Giant के खिलाफ 3-2 से मिली हार के बाद लिया गया, जिसमें Kerala की टीम हाफटाइम तक 2-1 से आगे थी लेकिन इसके बावजूद मैच गंवा बैठी।
Stahre का कार्यकाल शुरू होने से पहले फैंस को नई उम्मीद थी। वे मई 2024 में दो साल के कॉन्ट्रैक्ट पर लाए गए, और उनका अनुभव AIK (स्वीडन), Panionios (ग्रीस), और San Jose Earthquakes (अमेरिका) जैसे क्लबों में दिखता था। लेकिन इंडिया में पहला सीजन काफी निराशाजनक रहा। उनकी कोचिंग में Blasters ने 12 मैचों में सिर्फ तीन में जीत दर्ज की, दो बार ड्रॉ खेले और सात बार हार का सामना किया। इस दौरान टीम ने 24 गोल खा लिए, जो पूरे ISL में किसी भी टीम से सबसे ज्यादा हैं; वहीं 19 गोल ही टीम ने किए। लगातार हारों के बाद टीम तालिका में 10वें स्थान पर आ गई और प्लेऑफ की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं।
आंकड़ों की मानें तो केरल ने ISL में इस सीजन वो ‘मार्जिन ऑफ एरर’ (20 पॉइंट) पार कर लिया है, जिसका मतलब है कि अब आगे जीतते रहना भी प्लेऑफ में पहुंचने के लिए काफी नहीं है। इस मुश्किल वक्त में क्लब की साख ही दांव पर नजर आ रही है।
हर हार के बाद सोशल मीडिया पर उबाल आना आम है, लेकिन Stahre के मामले में फैन कम्युनिटी का रवैया थोड़ा अलग रहा। फैंस कोच की ईमानदारी और प्रोफेशनलिज्म को लेकर सकारात्मक रहे—बहुत सारे फैंस ने यहां तक बताया कि Stahre अक्सर अपनी टीम की जर्सी और दूसरी यादें खुद फैंस को बांट देते थे। लेकिन टीम की हालत पर फैंस ने मैनेजमेंट की आलोचना की। उनका कहना है कि सिर्फ कोच बदलने से हल नहीं निकलेगा, जब तक टीम में सही खिलाड़ियों का चयन और उस पर पैसे खर्च नहीं होंगे। Blasters के आधिकारिक फैन ग्रुप 'मंजप्पड़ा' ने सीधे तौर पर क्लब प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया। उनका साफ कहना है—पूरी जिम्मेदारी सिर्फ़ कोच पर डालना गलत है, असली दिक्कत खिलाड़ियों की क्वालिटी और संसाधनों की कमी है।
अब क्लब ने टीम की कमान रिजर्व कोच Tomasz Tchorz और सहायक TG Purushuthoman के हाथों में सौंप दी है, जब तक कि कोई नया हमेशा के लिए कोच ना आ जाए। क्लब ने आधिकारिक बयान में बताया कि नए कोच की तलाश शुरू हो चुकी है।
Stahre ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए हार का दर्द शेयर किया। उन्होंने लिखा, “जब चीजें गलत होने लगती हैं तो मायूसी आना आम है, लेकिन फैंस से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है तो आगे बढ़ना आसान हो जाता है।”
अब देखना होगा कि Kerala Blasters जल्द ही किसी परमानेंट हेड कोच की खोज पूरी कर पाती है या नहीं। टीम के प्रदर्शन और फैंस की उम्मीदों से भरे माहौल में सारे जवाब आने वाले हफ्तों में मिल सकते हैं।
टिप्पणि (10)
KRISHNAMURTHY R अप्रैल 21 2025
Stahre का इस्तीफ़ा फ़ुटबॉल की टैक्टिकल डिनामिक्स में एक बड़ा सिग्नल है। टीम की डिफ़ेंसिव स्ट्रक्चर में निरंतर गैप्स रहे, जिससे 24 गोल खा लेना कमाल का नहीं था। अगर नए कोच को हाई‑प्रेस और ज़ोन‑डिफ़ेंस की समझ नहीं होगी तो अंतर नहीं बनेगा 😊।
priyanka k अप्रैल 21 2025
अहा, अत्यंत "उत्कृष्ट" प्रबंधन निर्णय! कोच को निकालते‑निकालते यह प्रतीत होता है कि क्लब का KPI सिर्फ “कोई भी व्यक्ति न रहने” पर केंद्रित है। इस तरह के "स्मार्ट" बदलाव से टीम की हार की संख्या घटेगी, इस पर कोई संदेह नहीं। 🙄
sharmila sharmila अप्रैल 21 2025
भाई लोग, देख तो लो, कोच हटाया, पर क्या प्लेयर बदलेंगे? अभी तो टीम में कन्फिडेंस की कमी है, कुछ सॉफ़्ट स्किल्स का डेवलपमेंट भी ज़रूरी है। छोटे‑छोटे ड्रिल्स से भी बड़े फाइदे हो सकते हैं।
Shivansh Chawla अप्रैल 21 2025
इंडियन फ़ुटबॉल की बेइज़्ज़ती देख कर तो दिल नहीं चाहता! विदेशी कोच को बार‑बार बदलते रहना एक बोझ है, जबकि हमारे असली टैलेंट को ही मौका नहीं दिया जाता। अगर जमीनी स्तर पर सच्चे खिलाड़ी नहीं उगते तो सुपरलीग भी फीकी पड़ेगी।
Akhil Nagath अप्रैल 21 2025
वस्तुतः, एक क्लब का मार्ग केवल कोच के परिवर्तन से नहीं, बल्कि नैतिकता एवं रणनीतिक अनुशासन से तय होता है। यदि हम मौडर्न फ़ुटबॉल के मूलभूत सिद्धांतों को अपनाएँ, तो पुनरावृत्ति से मुक्ति मिल सकती है। 🌟
vipin dhiman अप्रैल 22 2025
भाई केवळ कोच तो बदला, पर रजिस्टर्ड प्लेयर 10-0 फाइल में देखो. अब नई रणनीति बगैर बैकलाइन सुधारे तो कुछ भी नहीं बदलेगा.
vijay jangra अप्रैल 22 2025
नई कोच की तलाश में क्लब को कई पहलुओं को समग्र रूप से देखना चाहिए।
सबसे पहले स्काउटिंग नेटवर्क को मजबूत करना आवश्यक है, ताकि युवा प्रतिभा को जल्दी पहचान सकें।
फिर चयन प्रक्रिया में डेटा‑ड्रिवेन एनालिसिस को अपनाना चाहिए, जिससे खिलाड़ी की फिटनेस और टैक्टिकल कंपैटिबिलिटी दोनों स्पष्ट हों।
प्रशिक्षण सुविधाओं में रिफ़्रेशर टेक्नोलॉजी जैसे वैरिएबल-डेटा सिमुलेशन और विंड‑टनेल सिस्टम को इंटीग्रेट करना उपयोगी रहेगा।
साथ ही, कोचिंग स्टाफ को लगातार अपस्किलिंग वर्कशॉप्स में भाग लेना चाहिए, ताकि आधुनिक खेल विज्ञान के साथ तालमेल बना रहे।
ड्रिल्स के दौरान दिमागी तनाव को कम करने के लिये माइंडफ़ुलनेस सेशन जोड़ना टीम की एकाग्रता बढ़ाएगा।
फ़ुटबॉल के अंदर केवल फिजिकल फिटनेस ही नहीं, बल्कि गेम‑इंटेलिजेंस भी महत्वपूर्ण है, जिसे वीडियो‑एनालिसिस के माध्यम से सुधारा जा सकता है।
यहाँ तक कि वैकल्पिक फ़ॉर्मेशन्स जैसे 3‑5‑2 या 4‑3‑3 को प्रयोग करके टीम की लचीलापन जाँची जा सकती है।
यदि हम स्थानीय लीग में सफल खिलाड़ियों को लाते हैं, तो वे न केवल पैशन लाएंगे बल्कि फैन बेस को भी मजबूत करेंगे।
इसी के साथ क्लब को वित्तीय स्थिरता के लिये सस्पेंडर पैकेज और स्थानीय व्यवसायों के साथ साझेदारी करनी चाहिए।
फ़ैंस की सकारात्मक ऊर्जा को सटीक रूप से चैनलाइज़ करने के लिये नियमित मीट‑एंड‑ग्रीट्स आयोजित करने से कनेक्शन बनता है।
खेल के बाद की रेकवरी प्रोटोकॉल जैसे क्रायोथेरेपी और नूट्रिशन प्लान को भी अनिवार्य बनाना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण, क्लब प्रबंधन को कोच या खिलाड़ी पर एकतरफ़ा दायित्व नहीं देना चाहिए; सभी मिलकर जिम्मेदारी लें।
यह समग्र दृष्टिकोण न केवल वर्तमान संकट को सुलझाएगा, बल्कि दीर्घकालिक जीत की नींव भी रखेगा।
अंत में, आशा है कि ब्लस्टर्स जल्द ही एक सुदृढ़ और विजयी इकाई बनकर ISL में चमकेगा।
Vidit Gupta अप्रैल 22 2025
बहुत ही विस्तृत विश्लेषण, सराहनीय! 🙌
Gurkirat Gill अप्रैल 22 2025
ब्लस्टर्स के लिए यह एक नया अध्याय है, सकारात्मक सोच रखो और समर्थन जारी रखो। टीम को भरोसा देना ही उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
Sandeep Chavan अप्रैल 22 2025
चलो, अब पूरे जोश के साथ नई रणनीति अपनाएं! हर मैच को जीत की ओर एक कदम बनाएं!!! 💪