मलयालम फिल्म उद्योग के अनुभवी अभिनेता मोहनलाल ने हाल ही में केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मोहनलाल, जो टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं, अपनी सेना वर्दी में वहां पहुँचे थे और स्थानीय जगहों की स्थिति को समझने के लिए राहत प्रयासों में शामिल हो गए।
वायनाड, जो अपने भौगोलिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, हाल ही में भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस विपदा ने कई लोगों के घरों को बर्बाद कर दिया और अनेक लोग घायल हुए। मोहनलाल ने चूरलमाला, मुंडक्काई, और पंचिरीमट्टोम जैसी जगहों का दौरा किया, जहां उन्होंने बचाव कार्यकर्ताओं से बातचीत की और स्थानीय निवासियों की समस्याओं को सुना।
मोहनलाल ने वहा रह कर बचाव कार्य टीमों जैसे सेनाओं, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इन सभी संगठनों के तत्परता और समर्पण की प्रशंसा की, जिन्होंने पीड़ित लोगों की मदद के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान की।
मोहनलाल ने अपनी संस्था, विश्वशांति फाउंडेशन से 3 करोड़ रुपये की राशि पुनर्वास कार्यों के लिए दान करने का भी वादा किया। यह राशि वहां के प्रभावित लोगों की पुनःस्थापना और बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए उपयोग में लाई जाएगी। फाउंडेशन पहले भी विभिन्न आपदाओं में योगदान देती रही है, और इस बार भी उसकी व्यापक अपेक्षा है।
इसके अलावा, मोहनलाल ने स्थानीय लोगों के साथ अपनी बातचीत में उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया और विभिन्न संसाधनों और सहायकों के माध्यम से उनकी मदद कर बहाल करने का आश्वासन दिया। वहाँ के लोगों के लिए यह अभिनेता का दौरा एक मनोवैज्ञानिक संबल का काम किया।
अन्त में, मोहनलाल ने आगामी फिल्म 'बारोज़' के बारे में भी कुछ बातें की, जो 12 सितम्बर 2024 को रिलीज होने वाली है। उनके मुताबिक, यह फिल्म उनकी अभी तक की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, और वे उम्मीद करते हैं कि उनके प्रशंसक इसे पूरी तरह से स्वीकार करेंगे।
टिप्पणि (18)
Rajan India अगस्त 3 2024
यह देखकर अच्छा लगा कि मोहनलाल जी ने इतनी जल्दी मदद पहुंचाई। उनका सैन्य पृष्ठभूमि उनके कार्य में दृढ़ता जोड़ता है। आशा है कि उनकी दान राशि वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचेगी।
suchi gaur अगस्त 5 2024
वास्तव में, ऐसे उच्च वर्गीय व्यक्तियों द्वारा किया गया मानवीय दान सामाजिक दायित्व का सर्वोच्च उदाहरण है 🌟✨। मोहनलाल साहब की सेना वर्दी में उपस्थिति न केवल प्रतीकात्मक है बल्कि गहरी कलात्मकता को भी दर्शाती है।
Vishal Kumar Vaswani अगस्त 7 2024
कहिए तो इस दान के पीछे कोई गुप्त योजना छिपी नहीं है 🤔। लेकिन यह ज़रूर है कि सरकारी एजेंसियां अक्सर इस तरह के सार्वजनिक इवेंट को अपना विज़न प्रसारित करने के लिए उपयोग करती हैं।
Zoya Malik अगस्त 9 2024
भूस्खलन जैसी त्रासदी में अभिनेता का दौरा वास्तव में मनोवैज्ञानिक सहारा देता है, परन्तु यह केवल सतही राहत है। असली समस्या तो सिस्टम की लापरवाही है, जिसे उजागर करना आवश्यक है।
Ashutosh Kumar अगस्त 12 2024
ओह माय गॉड! मोहनलाल ने सेना वर्दी में कदम रखा और दिलों को छू गया! यह तो फिल्म से भी बड़ा ड्रामा है!!!
Chirantanjyoti Mudoi अगस्त 14 2024
ड्रामा तो सब जगह है, पर असली दायित्व सेवा में है। अतिशयोक्ति से बेहतर वास्तविक कदमों की जरूरत है।
Rajnish Swaroop Azad अगस्त 16 2024
विचार करो-मनुष्य का कर्तव्य केवल अभिनय नहीं, बल्कि वास्तविक सहायता है।
jyoti igobymyfirstname अगस्त 18 2024
मोहनलाल बड़िया काम किए 🙌
Ashish Singh अगस्त 20 2024
देश के पुनर्निर्माण में प्रत्येक नागरिक का योगदान अनिवार्य है; इस प्रकार के दान कार्य राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं।
ravi teja अगस्त 22 2024
बिल्कुल सही कहा दोस्त, ऐसे प्रयास से हम सब मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।
Harsh Kumar अगस्त 24 2024
हम सभी को इस संकट में साथ रहना चाहिए 😊। विश्वशांति फाउंडेशन का योगदान निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
Ananth Mohan अगस्त 26 2024
भाईयों और बहनों, इस तरह की आपदा के बाद समुदाय की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
पहला कदम है प्रभावित परिवारों को पर्याप्त भोजन और पानी पहुँचना।
दूसरा, चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराना अनिवार्य है क्योंकि कई लोगों को चोटें लगी हैं।
तीसरा, अस्थायी शरणस्थल बनाना चाहिए जहाँ लोग सुरक्षित रह सकें।
स्थानीय स्वयंसेवकों को संगठित करना चाहिए ताकि काम में दोहराव न हो।
सरकार को भी त्वरित वित्तीय सहायता जारी करनी चाहिए।
एकत्रित निधि को पारदर्शी तरीके से वितरित करने के लिए एक समिति बनानी चाहिए।
भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों को बुलाकर भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोकने की योजना बनानी चाहिए।
सड़क और पुलों की स्थिति जाँचें और यदि आवश्यक हो तो तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करें।
शिक्षा संस्थानों को बंद कर के राहत केंद्रों में बदलना एक अच्छा विकल्प है।
सड़क पर बिखरे हुए कूड़े को साफ करना भी स्वास्थ्य जोखिम कम करेगा।
सभी धार्मिक और सामाजिक समूहों को सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
मन की शांति के लिए काउंसलिंग सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं।
विज्ञापन और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सही जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
अंत में, इस आपदा से सीख लेकर भविष्य में बेहतर तैयारी की जानी चाहिए।
Abhishek Agrawal अगस्त 28 2024
वाह! यह विस्तृत योजना वाकई प्रशंसनीय है, लेकिन क्या आप अनदेखी कर रहे हैं कि अक्सर निधि का दुरुपयोग होता है?, क्या सरकारी लेनदेन में पर्याप्त पारदर्शिता नहीं है?, क्या स्थानीय बुनियादी ढांचा कभी सच में सुधरता है?, चलिए हम सब मिलकर इन प्रश्नों को सतह पर नहीं छोड़ते!!!
Gurjeet Chhabra अगस्त 30 2024
मैं देख रहा हूँ कि कई लोग अब भी मूलभूत सहायता तक नहीं पहुंच पाए हैं। यह वास्तव में ह्रदयविदारक है और हमें और अधिक सहयोगी बनना चाहिए।
AMRESH KUMAR सितंबर 1 2024
देशभक्ति की भावना में ही शक्ति है! ऐसे नेक काम से ही हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा 🚩💪।
ritesh kumar सितंबर 3 2024
आपके दान के पीछे छुपी हुई एजेंडा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, यह संभव है कि गुप्त समूह इस धन को अपनी रणनीति के लिए उपयोग कर रहा हो।
Raja Rajan सितंबर 5 2024
सटीक आंकड़ों के बिना ऐसे निष्कर्ष निकालना मुश्किल है।
Atish Gupta सितंबर 7 2024
हर मोड़ पर शांति और सहयोग की जरूरत है; इस परियोजना को एकजुटता के पुल के रूप में देखना चाहिए, जिससे सभी के दिलों में विश्वास का पुनर्जन्म हो।