रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में इस रविवार एनओसीसी चैम्पियनशिप ट्रॉफी 2025 का एक महत्त्वपूर्ण टुकड़ा उजागर हुआ। पहले 50 ओवर में बांग्लादेश ने 236 रन बनाकर खतरनाक लक्ष्य रखा, परन्तु न्यूज़ीलैंड ने इसे 46.1 ओवर में 240/5 से छूनकार दबाव के खिलाफ अपनी ताकत साबित की। इस जीत ने किवीज़ को सीधे सेमीफ़ाइनल में पहुँचा दिया और टेबल पर अन्य टीमों के भाग्य को भी प्रभावित किया।
बांग्लादेश ने पहले बॉल से ही आक्रमण किया। टॉप ऑर्डर में कुछ छोटे‑छोटे झटके के बाद, बांग्लादेशियों ने अंत में 236 रन बनाकर 9 विकेट गिने। भले ही टिमिनसिन और फजली ने इस शख्स के साथ 70‑80 रन की साझेदारी बनाई, लेकिन तेज़ गति वाले पिच पर राउंड‑वॉक रनों की कमी ने उन्हें खतरे में डाल दिया।
जब न्यूज़ीलैंड की बारी आई, तो टीम ने शांति से अपना रोल संभाला। खुले में आए स्टीव स्मिथ ने शुरुआती ओवर में शट्स के साथ फील्ड को चकमा दिया, जबकि बर्टन और कोस्मा ने क्रमशः 45‑50 रन की भागीदारी की। 30वें ओवर तक स्कोर 150/2 तक पहुँच गया, जब बाद में दो तेज़ विकेट गिरते रहे लेकिन टीम ने 240 का लक्ष्य 4 ओवर से अधिक बचते हुए हासिल कर लिया।
खास बात यह थी कि न्यूज़ीलैंड ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल 5 विकेट खोए, जो यह दर्शाता है कि उनका चेज़ प्लान बखूबी तैयार किया गया था। इस जीत से यह साफ़ हो गया कि किवी टीम अब कोई भी लघु‑समय की निराशा नहीं दिखाएगी।
यह जीत सिर्फ न्यूज़ीलैंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे ग्रुप स्टेज की गतिशीलता को भी बदल देती है। बांग्लादेश की हार ने भारत को सीधा सेमीफ़ाइनल क्वालिफ़ाई करने का रास्ता खोल दिया। समूह में अब सिर्फ दो टीमें ही टॉप पर हैं, और बाकी टीमों को अब प्वाइंट्स जुटाने के लिए दांव लगाना पड़ेगा।
न्यूज़ीलैंड की इस जीत से उनके आत्मविश्वास में इज़ाफ़ा होगा, खासकर क्योंकि यह वही टीम थी जिसने पहले उन्हें हाराया था। अब किवीज़ के कोचिंग स्टाफ के पास एक स्पष्ट संदेश है – दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए टीम ने सही रणनीति अपनाई है।
आगे के मैचों में यदि ये फॉर्म जारी रहता है, तो न्यूज़ीलैंड के लिए सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र आसान हो सकता है। दूसरी तरफ बांग्लादेश को अब अपनी रणनीति में त्वरित बदलाव करने की जरूरत है, नहीं तो वह ग्रुप के नीचे गिरते रहेंगे।
फैंस के लिए यह भी एक बड़ी जीत थी। 18 डिग्री सेल्सियस के ठंडे मौसम में स्टेडियम का माहौल बिजली की तरह गर्जना रहा, और आवाज़ें लगातार बढ़ती रही। यह दर्शाता है कि क्रिकेट अभी भी भारतीय उपमहाद्वीप में कितना जीवंत और आकर्षक है।
समग्र रूप से इस जीत ने न्यूज़ीलैंड की टीम को नई ऊर्जा दी है और टुर्नामेंट की बाकी टीमों के लिए एक चेतावनी भी बनी है। अब केवल एक चीज़ बची है – सेमीफ़ाइनल में किवीज़ का प्रदर्शन देखना।
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